सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   Uttar Pradesh ›   Kanpur News ›   Ranvijay was kidnapped and murdered for a piece of land

जमीन पर कब्जे का दर्द: रणविजय की अपहरण कर की गई थी हत्या, पत्नी रेखा आज भी लड़ रही न्याय की लड़ाई

अमर उजाला नेटवर्क, कानपुर Published by: विजय पुंडीर Updated Tue, 24 Oct 2023 05:56 AM IST
सार

चकेरी के गणेशपुर गांव निवासी रेखा राजपूत ने बताया कि उन्होंने अपने पति रणविजय को 9 जुलाई 2018 को खो दिया था। उनका शव दोस्त के किचन के कवर्ड में 11 जुलाई 2018 को बोरा, पन्नी और चद्दर में लिपटा मिला था। इसे भी ठिकाने लगाने की तैयारी थी।

विज्ञापन
Ranvijay was kidnapped and murdered for a piece of land
प्रतीकात्मक तस्वीर - फोटो : अमर उजाला
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

जमीनी विवाद में किसान बाबू सिंह यादव के पहले की कई बार खून बह चुका है, इसमें महिलाओं का सिंदूर भी उजड़ा। वहीं, मासूमों के सिर से पिता का साया उठ गया। जमीनी विवाद की इस कड़ी में चकेरी में हुए ऐसे अपहरण और हत्याकांड की दास्तां हैं, जिसके घाव आज भी ताजा हैं। इस दर्द, संघर्ष भरी हकीकत में तमाम मुसीबतों को झेलते हुए तीन मासूमों को पालने के साथ रेखा राजपूत लड़ रहीं हैं। उन्होंने अपने पति रणविजय को 9 जुलाई 2018 को खो दिया था। उनका शव दोस्त के किचन के कवर्ड में 11 जुलाई 2018 को बोरा, पन्नी और चद्दर में लिपटा मिला था। इसे भी ठिकाने लगाने की तैयारी थी।

Trending Videos


चकेरी के गणेशपुर गांव निवासी रेखा राजपूत ने बताया कि उनके पति प्लाटिंग का काम करते थे। उन्होंने गणेशपुर में ही वर्ष 2011 में किसानों से आराजी नंबर 167 में 0.1770 हेक्टेयर जमीन का पेमेंट कर एग्रीमेंट कराया था। इसकी बाउंड्री गेट भी करवाई। बाद में इस जमीन पर कोयला नगर निवासी बीजेपी पार्टी से जुड़े सूर्यभान मिश्रा और अवधेश मिश्रा की नियत खराब हो गई। उन्होंने इस जमीन की रजिस्ट्री फर्जी ढंग से लोगों को खड़ा कर एग्रीमेंट कराकर 2015 में अपने नाम करा ली। फिर से बिक्री के लिए लोगों को दिखाना शुरू किया यह जानकारी मेरे पति को लगी। तो उन्होंने विरोध किया।
विज्ञापन
विज्ञापन


इस पर आरोपियों ने गांव के सुनील राजपूत औऱ पप्पू उर्फ सरवन राजपूत से समझौता करने के बहाने पति को घर बुलाकर पीटा। इसके बाद सत्ता की धमक में पति पर फर्जी मुकदमा लगाकर 420 में जेल भिजवा दिया। इस दौरान उन्होंने जमीन पर कब्जा कर कुछ प्लांट की रजिस्ट्री भी कर दी। मामले में 3 माह में बाहर आने के बाद रणविजय ने 2015 में ही उन पर मुकदमा किया। जिसका एसडीएम कोर्ट से फैसला 17 जून 2018 को आया। इस दौरान कुछ रजिस्ट्री अभी निरस्त की गई। फैसला रणविजय के पक्ष में था। यह बात विपक्षियों को नहीं पच रही थी। 

इसके बाद रणविजय ने रजिस्ट्री के लिए तैयारी शुरू की। फिर 4 लाख 95 हजार रुपये के स्टॉम्प खरीदे। इस जानकारी पर सूर्यभान मिश्रा ने षड्यंत्र कर पति के दोस्त ओमपुरवा निवासी जगदंबा, लाल बंगला निवासी चमन और विजय को साथ मिला लिया। फिर समझौते की बात शुरू की। इसके लिए 8 जुलाई 2018 को उन्होंने बातचीत के लिए बुलाया। इस दिन गांव के चाची साथ गई। तो उनके मंसूबे पूरे नहीं हुए। इसदिन रात 2 बजे पति घर लौटे। इसके बाद 9 जुलाई 2018 की सुबह 5 बजे फिर जगदंबा का फोन आया। इसके बाद रणविजय अपनी स्कार्पियो से कुछ देर में घर से निकल गए। इसके बाद जगदंबा के घर दोपहर 3 बजे ही हत्या कर दी गई। 

इधर, दोपहर तक रणविजय के न आने पर रेखा परिजनों के साथ भटकती रहीं। चौकी पहुंची तो सनिगवां चौकी इंचार्ज अमित मिश्रा ने अभद्रता कर भगा दिया। इसके बाद रात को गुमशुदगी दर्ज हुई। फिर रात तक रणविजय का फोन रिसीव नहीं हुआ। वह 10 जुलाई की सुबह 4 बजे स्विच ऑफ हो गया। इसके बाद जगदंबा उनके रणविजय के साथ होने की बात कहकर कभी कानपुर कचहरी, तो कभी उन्नाव कचहरी में काम होने और रणविजय के कहीं व्यस्त होने की बाद कहता रहा। 10 जुलाई को रणविजय की स्कॉर्पियो उन्नाव में मिली। परिजन 10 जुलाई की रातभर तलाश करते रहे। इस दौरान किसी के न मिलने पर हत्या का शक गहरा होता जा रहा था। 

इसके बाद 11 जुलाई को एसएसपी को प्रार्थना पत्र देने पहुंची। वहां से आने के पहले ही पुलिस ने ओमपुरवा स्थित जगदम्बा के घर के किचन से रणविजय का शव बरामद कर लिया था। उनके पोस्टमार्टम में नींद की गोली, बर्गर में दिए जहर की पुष्टि भी थी। एक हफ्ते बाद पकड़े गए जगदम्बा ने कबूला था कि पहले उन्होंने रणविजय को लालबंगले में चाय पिलाई थी । जिसमें नींद की गोलियां मिलाई थीं। इसके बाद लालबंगले से रस्सी और चाकू खरीदा था। इस पर रणविजय ने पूछा था। कि यह किस लिए ले रहे हो, तो उससे कहा था। कि यह सामान घर पर मंगाया गया है। इस दौरान उसे नींद आने लगी । फिर गाड़ी वह स्वयं चला कर अपने घर ले गया था। जहां पर वारदात को अंजाम दिया गया।

वर्ष 2018 का मुकदमा , डेढ़ माह पहले लगी चार्जशीट
रेखा ने बताया कि पति रणविजय की अपहरण और हत्या के मामले में सूर्यभान मिश्रा, अवधेश मिश्रा,पप्पू उर्फ सरवन राजपूत, जगदम्बा, चमन, विजय ,सुनील पर मुकदमा दर्ज हुआ था। जिसमें जगदंबा और चमन की गिरफ्तारी हुई थी। वहीं, आरोपी विजय की गिरफ्तारी करीब एक माह पूर्व ही हुई है। वहीं, आरोपी सुनील, पप्पू ,सूर्यभान और अवधेश मिश्रा अब तक जेल नहीं गए। बताया कि उनके साथ, सास (रणविजय की मां) रूपरानी के बयान दर्ज हो चुके हैं। चार्जशीट में देरी होने से न्याय मिलने में देरी हो रही है।

पति की लड़ाई लड़ रही, तो पर मुझ पर भी फर्जी मुकदमा, मिलती है धमकी
रणविजय की पत्नी रेखा ने बताया कि मामले में समझौते के लिए उन पर कई बार दबाव आए। लेकिन उन्होंने समझौता करने से इनकार कर दिया। इस पर आरोपी सूर्यभान ने पुलिस से मिलकर मुझपर मुकदमा कर दिया।

वह हाई कोर्ट से कई बार स्टे ले लेकर लड़ रहीं हैं। लेकिन वह हार नहीं मानेगी। चाहे इसके लिए उन्हें जान भी देनी पड़े। कहती हैं कि सजा दिलाने के बाद ही दम लूंगी। कहा कि फैसला देरी होने से उन्हें अलग-अलग तरीके से धमकियां भी मिल रही है। उनकी जान को भी खतरा है। बता दें कि रणविजय पोस्टमार्टम से आने के बाद आक्रोशित गांव वालों ने हाईवे पर जाम लगाया था। मामले ने पुलिस में कुछ ज्ञात और अज्ञात लोगों पर मुकदमा दर्ज किया था। उस संकट से भी परिवार लड़ रहा है।

एक बेटी-दो बेटों को पाला, छह माह का था छोटा बेटा सूर्या
रेखा ने बताया कि उनकी शादी के करीब 11 साल बाद घटना हुई। इस दौरान उनकी सबसे बड़ी बेटी शिखा राजपूत 8 वर्ष की थी, अब वह 13 वर्ष की है । इससे छोटा बेटा आर्यन 6 वर्ष का था , जो इस दौरान 11 वर्ष का है। यह दोनों बाहर रहकर पढ़ाई कर रहे हैं। सुरक्षा के लिए इन्हें दूर रखा है। वहीं, सबसे छोटा बेटा सूर्य अपने पिता की मौत के दौरान सिर्फ 6 माह का था। अब वह 5 वर्ष का है । घटना सोचकर दिल फट जाता है।

विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

Election
एप में पढ़ें

Followed