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Kanpur: पिस्टल की जांचनी थी मारक क्षमता, रिटायर्ड शिक्षक के हाथ में देखा कलावा...मार दी गोली, पढ़ें पूरा मामला

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कानपुर Published by: विजय पुंडीर Updated Tue, 05 Sep 2023 05:53 AM IST
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सार

Kanpur Crime: आतंकियों ने कबूला कि उन्होंने प्रिंसिपल के हाथ में कलावा देखा और उसकी हिंदू के रूप में पहचान करते हुए पिस्टल से गोली माकर हत्या कर दी थी। एनआईए की जांच पता चला कि ये आतंकी सिर्फ हथियारों का रिहर्सल करने के लिए पूर्व में भी कई हत्याएं कर चुके हैं।

Retired teacher was murdered to test the lethality of the pistol
सांकेतिक तस्वीर - फोटो : सोशल मीडिया
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विस्तार
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आतंकियों को अपने पास रही पिस्टल की मारक क्षमता जांचनी थी। इसलिए उन्होंने सात साल पहले चकेरी में एक बेगुनाह रिटायर्ड प्रिंसिपल रमेश चंद्र शुक्ला की गोली मारकर हत्या कर दी थी। हत्याकांड में शामिल दो आतंकियों आतिफ मुजफ्फर और मो. फैसल को एनआईए कोर्ट में सजा होने के बाद परिजनों ने न्यायिक प्रक्रिया पर भरोसा जताते हुए फैसले का सम्मान किया।

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सेवानिवृत प्रधानाचार्य की हत्या का मामले में आईएस आतंकियों आतिफ मुजफ्फर व मोहम्मद फैसल दोषी करार दिया गया है। आतंकियों ने कबूला कि उन्होंने प्रिंसिपल के हाथ में कलावा देखा और उसकी हिंदू के रूप में पहचान करते हुए पिस्टल से गोली माकर हत्या कर दी थी। एनआईए की जांच पता चला कि ये आतंकी सिर्फ हथियारों का रिहर्सल करने के लिए पूर्व में भी कई हत्याएं कर चुके हैं।
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कानपुर चकेरी के प्यौदी गांव स्थित स्वामी आत्मप्रकाश ब्रह्मचारी जूनियर हाईस्कूल के रिटायर्ड 24 अक्तूबर 2016 को स्कूल से लौट रहे थे।रास्ते में आतंकियों ने उन्हें गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया था। उस वक्त उनके हत्यारों का पता नहीं चल सका था। जब एटीएस ने लखनऊ में जाजमऊ निवासी सैफुल्लाह का एनकाउंटर कर उसके कई साथियों को गिरफ्तार किया तब रिटायर्ड प्रिंसपिल की मौत के रहस्य से पर्दा उठा।

एक न एक दिन जरूर मिलेगी सजा
जांच में पता चला कि सिर्फ पिस्टल की टेस्टिंग के लिए प्रिंसिपल की निशाना साधकर हत्या कर दी गई थी। एनआईए के आतंकियों को सजा सुनाने के बाद मृतक के बेटे अक्षय शुक्ला ने बताया कि उनके बेगुनाह पिता को आतंकियों ने मार दिया था। उन्हें कानून व्यवस्था पर पूरा भरोसा था कि एक न एक दिन उनके पिता के हत्यारों को सजा मिलेगी।

हत्या के बाद दी थी सरगना को सूचना, फोरेंसिक जांच में भी हुआ मिलान
हत्या के बाद आतंकियों ने पिस्टल टेस्टिंग की सूचना अपने आकाओं को दी थी। इसका खुलासा होने पर यूएपीए की धारा बढ़ाने के बाद सितंबर 2017 को जांच शुरू की गई थी। दो माह बाद गृहमंत्रालय ने जांच एनआईए को सौंपी थी। हत्या में इस्तेमाल की गई पिस्टल बरामद हो गई थी। इस पिस्टल का फोरेंसिक मिलान कराया गया तो जांच में पुष्टि हुई कि आतंकियों ने इसी पिस्टल का हत्या में इस्तेमाल किया था।

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