UP Weather: ठंड के साथ कोहरे ने भी दी दस्तक, दिन का तापमान तीन डिग्री लुढ़का, 10 मीटर ही रही विजिबिलिटी
उत्तर प्रदेश में कानपुर समेत अन्य शहरों में ठंड ने तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। दिसंबर के तीसरे सप्ताह में ठंड के साथ कोहरे ने भी दस्तक दे दी है। लगातार हो रही बर्फबारी और पहाड़ों से आ रही सर्द हवाओं से सूर्यदेव की तपिश कम होती जा रही है।

विस्तार
इस सीजन में पहली बार सुबह इतना कोहरा पड़ा कि विजिबिलिटी सिर्फ 10 मीटर ही रही। सुबह-सुबह कड़ाके की ठंड के साथ दिन का तापमान भी तीन डिग्री लुढ़क गया। कोहरे के कारण सुबह आठ बजे बच्चों को स्कूल जाने में दिक्कत हुई। स्कूली वाहनों के धीमे चलने से बच्चे देरी से स्कूल पहुंचे।

सामान्य तौर पर दृश्यता 100 मीटर तक होती है। कोहरे और शीतलहर तेज होने की वजह से धूप का असर कम रहा, जिससे दिन का पारा तीन डिग्री लुढ़ककर 21.6 डिग्री सेल्सियस पर आ गया। रात के समय हल्के बादल होने से न्यूनतम पारा एक डिग्री बढ़कर 7.6 रिकॉर्ड किया गया।
इस बीच दिन के समय हवा की नमी में तीन प्रतिशत (97) और रात की नमी में नौ प्रतिशत (70) की बढ़त दर्ज की गई है। मौसम विभाग के अनुसार गलन और कोहरे का असर आने वाले दिनों में और भी बढ़ने की संभावना है। इसके चलते लोगों को सर्तकता बरतने की सलाह दी गई है।
भारतीय मौसम विभाग की तरफ से की गई भविष्यवाणी के अनुसार अगले कुछ दिनों में पहाड़ों पर बर्फबारी और मैदानी क्षेत्रों में बारिश का सिलसिला शुरू होगा। मौसम विशेषज्ञ डॉ. एसएन पांडेय के अनुसार अगले कुछ दिनों तक कोहरे का असर तेज होने के कारण दृश्यता की समस्या और बढ़ेगी।
फसलों के लिए फायदे का सौदा
शीत लहर होने, और दिन का तापमान 20 डिग्री सेल्सियस से कम होने पर गेहूं और सरसों, चना, मटर जैसी फसलों को काफी फायदा होता है।
अस्त व्यस्त रहा जनजीवन
सोमवार को सुबह घने कोहरे के चलते जन-जीवन अस्त व्यस्त रहा। कोहरे की चादर से पूरा जिला सुबह दस बजे तक ढका रहा। इस दौरान विजिबिलिटी बेहद कम रही। लोगों को थोड़ी दूर तक भी दिखाई देना मुश्किल रहा। दिन में भी वाहन चालक गाड़ियों की लाइट जलाकर चलने को मजबूर रहे। ठंड से ठिठुरते हुए लोग घरों से बाहर निकले।
10 मीटर ही रही विजिबिलिटी
कानपुर में अचानक एक बार मौसम का मिजाज बदल गया और कोहरा छा गया। कोहरे का धुंध इस कदर था कि हाईवे पर 10 मीटर की दूरी पर भी कुछ साफ नहीं दिखाई दे रहा था। कोहरे की वजह से वाहनों की रफ्तार धीमी हो गई। चालक एक दूसरे वाहन के पीछे लाइट के सहारे रेंगते रहे।
अलाव बने जीने का सहारा
शहर में सुबह जब लोग जगने के बाद मकानों के कमरा से बाहर निकले, तो घना कोहरा देख उनकी भी परेशानी बढ़ गई। छोटे-छोटे बच्चे कोहरा के बीच ठिठुरते हुए स्कूल देरी से पहुंचे। ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों ने कोहरा के बीच बलवान हुई ठंड से राहत के लिए अलाव का सहारा लिया।