Raju Pal : 19 वर्ष खौफ के साए में रहा राजू पाल हत्याकांड के चश्मदीद गवाह का कुनबा, बोले-अब हुआ खौफ का अंत
सरायअकिल के चकपिन्हा गांव निवासी ओमप्रकाश पाल, तत्कालीन विधायक राजू पाल के रिश्तेदार के साथ जिगरी दोस्त भी थे। वह प्रयागराज के बम्हरौली में रहकर डेयरी का संचालन करते हैं। ओमप्रकाश ने बताया कि घटना के वक्त वह राजू पाल के साथ थे।
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बसपा विधायक रहे राजू पाल हत्याकांड के चश्मदीद गवाह ओमप्रकाश पाल ने शूटर कवि को उम्रकैद की सजा सुनाए जाने पर खुशी जाहिर की है। सीबीआई कोर्ट में गवाही नहीं देने की धमकी देकर चार वर्ष पहले उन पर कवि ने जानलेवा किया था। वह बताते हैं कि 19 वर्ष तक पूरा परिवार दहशत में रहा। अब जाकर खौफ का अंत हुआ है।
सरायअकिल के चकपिन्हा गांव निवासी ओमप्रकाश पाल, तत्कालीन विधायक राजू पाल के रिश्तेदार के साथ जिगरी दोस्त भी थे। वह प्रयागराज के बम्हरौली में रहकर डेयरी का संचालन करते हैं। ओमप्रकाश ने बताया कि घटना के वक्त वह राजू पाल के साथ थे। अचानक चार पहिया वाहन आए से शूटरों ने राजू की गाड़ी पर गोलियां बरसानी शुरू कर दीं थीं। कुछ समझ में नहीं आ रहा था।
गोलियों का शोर थमा तो वे लोग लहूलुहान राजू पाल को इलाज के लिए जीवन ज्योति अस्पताल ले जाने लगे। रास्ते में हमलावरों ने चौफटका के पास रोककर जख्मी राजू पाल पर फिर गोलियां बरसाईं। मौत का यकीन करने के बाद ही आरोपी फरार हुए थे। ओमप्रकाश राजू पाल हत्याकांड के मुकदमे में गवाह हैं।
ओमप्रकाश के मुताबिक सीबीसीआई कोर्ट में गवाही होनी थी। अतीक के शूटर कवि ने उन्हें गवाही देने से मना किया था। बात नहीं मानने पर वर्ष 2020 को कवि समेत तीन लोगों ने उस पर तमंचे से फायर किए थे। इसके बाद से उनके परिवार में दहशत और बढ़ गई थी। करीब पांच महीने पहले ही वह गवाही देकर आए हैं। शुक्रवार को हत्याभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाए जाने की जानकारी मिली तो सुकून आया। उन्हें पूरा भरोसा था कि देर ही सही एक न एक दिन अदालत से न्याय जरूर मिलेगा।