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Lakhimpur Kheri News: ब्रेक लगते ही खुल जाती हैं रोडवेज बसों की खिड़कियां, ठंड में ठिठुर रहे यात्री
संवाद न्यूज एजेंसी, लखीमपुर खीरी
Updated Thu, 11 Dec 2025 11:21 PM IST
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पंकज गुप्ता
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लखीमपुर खीरी। सर्दी के बीच रोडवेज बसों में सफर करना जोखिम व चुनौतियाें से भरा पड़ रहा है। खिड़कियों के लॉक टूटे होने से चलती बस में ब्रेक लगने पर शीशे खुल जाते हैं, जिससे यात्री ठिठुरते हैं।
कुछ बसों में फॉग लाइट व वाइपर न होने से चालकों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। सर्दी से पहले ही शासन ने बसों में फॉग लाइट, वाइपर, इंडीगेटर, ब्रेक, खिड़कियों के शीशे और लॉक दुरुस्त करने के सख्त निर्देश दिए थे, फिर भी ऐसा नहीं किया गया। लखीमपुर डिपो में खड़ीं करीब 15 बसों की पड़ताल बृहस्पतिवार को की गई। लखीमपुर डिपो के अलावा बरेली व शाहजहांपुर की पांच बसों में अव्यवस्थाएं मिलीं।
लखीमपुर डिपो की यूपी 31 एटी 5355 और 31बीटी 1571 बस के खिड़कियों के कुंडे टूटे मिले। यात्रियों ने बताया कि सफर के दौरान शीशे खुल जाते हैं। कुंडों की जगह के छेद खुले होने से भी सर्द हवा परेशान करती है। शाहजहांपुर डिपो की यूपी 31 एटी 3360 बस के कई खिड़कियों के भी कुंडे गायब मिले।
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बिना वाइपर 380 किलोमीटर दौड़ती है बस
-बरेली डिपो की यूपी 78केटी 5178 बस रोजाना लखीमपुर आती-जाती है, लेकिन इस बस का वाइपर पड़ताल के दौरान टूटा मिला। सफर के दौरान चालक को बार-बार बस को रोककर शीशा साफ करना पड़ता है। मौजूदा समय में शीशे पर धुंध आने से चालक को दिक्कतें आती हैं, लेकिन नौकरी के आगे कोई कुछ बोलने को तैयार नहीं हुआ।
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अच्छी स्थिति में नहीं मिलीं आपातकालीन खिड़कियां
कई बसों में आपातकालीन खिड़कियों की हालत कुछ अच्छी नहीं नजर आई। खिड़की को जुगाड़ से बंद किया गया था। खिड़की में काफी गैप दिखा। इससे सीधी हवा प्रवेश कर रही थी। बस से यात्रा करने वाली सवारियों को सर्द हवा परेशान करती है।
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प्लास्टिक की डोरी से बंधा मिला शीशा
धौरहरा-लखनऊ के बीच चलने वाली लखीमपुर डिपो की अनुबंधित बस के एक खिड़की का लॉक टूटा था। इसे लगवाने के बजाय शीशे को प्लास्टिक की डोरी से बांधा गया था।
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रोडवेज बस से अक्सर ईसानगर से लखमीपुर का सफर रहता है। कुछ बसें तो ठीक मिलती है, लेकिन कई के लॉक टूटे होने से खिड़की बंद नहीं होती हैं, जिससे काफी दिक्कतें आती हैं।
-पंकज गुप्ता, ईसानगर
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सर्दी के समय रोडवेज बस में अगर शीशे टूटे हैं, तो सफर करना चुनौती से कम नहीं है। जिम्मेदारों को इस ओर ध्यान नहीं चाहिए, ताकि यात्रियों को सफर में दिक्कतें न आए।
-सरजू सिंह, लखीमपुर
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अपने डिपो के सभी मोटर मालिकों को पहले ही निर्देश जारी किए जा चुके हैं। अगर फिर भी किसी ने बसों में व्यवस्थाएं दुरुस्त नहीं कराई हैं तो उन बसों का संचालन रोक दिया जाएगा। किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
-गीता सिंह, एआरएम लखीमपुर डिपो
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कुछ बसों में फॉग लाइट व वाइपर न होने से चालकों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। सर्दी से पहले ही शासन ने बसों में फॉग लाइट, वाइपर, इंडीगेटर, ब्रेक, खिड़कियों के शीशे और लॉक दुरुस्त करने के सख्त निर्देश दिए थे, फिर भी ऐसा नहीं किया गया। लखीमपुर डिपो में खड़ीं करीब 15 बसों की पड़ताल बृहस्पतिवार को की गई। लखीमपुर डिपो के अलावा बरेली व शाहजहांपुर की पांच बसों में अव्यवस्थाएं मिलीं।
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लखीमपुर डिपो की यूपी 31 एटी 5355 और 31बीटी 1571 बस के खिड़कियों के कुंडे टूटे मिले। यात्रियों ने बताया कि सफर के दौरान शीशे खुल जाते हैं। कुंडों की जगह के छेद खुले होने से भी सर्द हवा परेशान करती है। शाहजहांपुर डिपो की यूपी 31 एटी 3360 बस के कई खिड़कियों के भी कुंडे गायब मिले।
बिना वाइपर 380 किलोमीटर दौड़ती है बस
-बरेली डिपो की यूपी 78केटी 5178 बस रोजाना लखीमपुर आती-जाती है, लेकिन इस बस का वाइपर पड़ताल के दौरान टूटा मिला। सफर के दौरान चालक को बार-बार बस को रोककर शीशा साफ करना पड़ता है। मौजूदा समय में शीशे पर धुंध आने से चालक को दिक्कतें आती हैं, लेकिन नौकरी के आगे कोई कुछ बोलने को तैयार नहीं हुआ।
अच्छी स्थिति में नहीं मिलीं आपातकालीन खिड़कियां
कई बसों में आपातकालीन खिड़कियों की हालत कुछ अच्छी नहीं नजर आई। खिड़की को जुगाड़ से बंद किया गया था। खिड़की में काफी गैप दिखा। इससे सीधी हवा प्रवेश कर रही थी। बस से यात्रा करने वाली सवारियों को सर्द हवा परेशान करती है।
प्लास्टिक की डोरी से बंधा मिला शीशा
धौरहरा-लखनऊ के बीच चलने वाली लखीमपुर डिपो की अनुबंधित बस के एक खिड़की का लॉक टूटा था। इसे लगवाने के बजाय शीशे को प्लास्टिक की डोरी से बांधा गया था।
रोडवेज बस से अक्सर ईसानगर से लखमीपुर का सफर रहता है। कुछ बसें तो ठीक मिलती है, लेकिन कई के लॉक टूटे होने से खिड़की बंद नहीं होती हैं, जिससे काफी दिक्कतें आती हैं।
-पंकज गुप्ता, ईसानगर
सर्दी के समय रोडवेज बस में अगर शीशे टूटे हैं, तो सफर करना चुनौती से कम नहीं है। जिम्मेदारों को इस ओर ध्यान नहीं चाहिए, ताकि यात्रियों को सफर में दिक्कतें न आए।
-सरजू सिंह, लखीमपुर
अपने डिपो के सभी मोटर मालिकों को पहले ही निर्देश जारी किए जा चुके हैं। अगर फिर भी किसी ने बसों में व्यवस्थाएं दुरुस्त नहीं कराई हैं तो उन बसों का संचालन रोक दिया जाएगा। किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
-गीता सिंह, एआरएम लखीमपुर डिपो

पंकज गुप्ता

पंकज गुप्ता

पंकज गुप्ता

पंकज गुप्ता