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Lalitpur News: खरीफ की फसल बेचकर रबी की बोआई में जुटे किसान
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ललितपुर। रबी की बुआई का सीजन चल रहा है, किसान तैयारी में जुट गए हैं। खाद और बीज की व्यवस्था के लिए मंडी में खरीफ फसलों की बिक्री कर रहे हैं।
दीपावली के त्योहार के साथ किसान रबी फसल की बुआई की तैयारी कर रहे हैं। बारिश में बची रबी फसल की थ्रेसिंग के बाद या फिर पुराना अनाज लेकर मंडी पहुंच रहे हैं, ताकि बीज व खाद का इंतजाम किया जा सके। वहीं, मूंगफली की खुदाई में देरी होने से रबी की फसल में भी दस से पंद्रह दिन की देरी से बुआई करने की संभावना है। इस बार रबी की फसल में गेहूं व जौ की बुआई की जा रही है। दलहन में चना, मटर व मसूर की बुआई भी शुरू कर दी गई है। जबकि, तिलहन में सरसों व तोरिया की बुआई चल रही है।
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दलहन व तिलहन का रकबा बढ़ेगा
शासन ने दलहन व तिलहन की फसलों की बुआई का लक्ष्य निर्धारित कर दिया है। 1,70, 117 हेक्टेयर में गेहूं, 8,921 हेक्टेयर क्षेत्रफल में जौ की बुआई का लक्ष्य दिया रखा है। दलहन में 12 हजार हेक्टेयर में चना, 55 हजार हेक्टेयर में मटर और 27,789 हेक्टेयर क्षेत्रफल में मसूर की बुआई का लक्ष्य दिया गया है। तिलहन में सरसों की बुआई 48,803 हेक्टेयर और तोरिया की बुआई 216 हेक्टेयर में करने का लक्ष्य है।
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कृषि विभाग कर रहा गोष्ठी
कृषि विभाग रबी फसल की बुआई लक्ष्य के सापेक्ष कराने की तैयारियों में जुट गया है। खासतौर पर दलहन का उत्पादन बढ़ाने के लिए उपाय भी सुझाए जा रहे हैं। अनुदान पर एवं निशुल्क बीज वितरण भी कराया जा रहा है।
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फोटो-28
मंडी में हरी मटर और गेहूं लेकर आए हैं, ताकि रबी की फसल के लिए पैसों का इंतजाम कर सकें। -रचपाल सिंह ठाकुर, ग्राम पठराई।
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फोटो-29
रबी की फसल में इस बार गेहूं बो रहे हैं। बीज ले लिया है। खरीफ के सीजन में मूंगफली बोई थी, इसलिए पंद्रह दिन बाद गेहूं बोएंगे।
-चंद्रकांत प्रजापति, सिरसी।
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रबी फसल की बोआई के लिए दलहन का बीज आ गया है। बाजार में गेहूं का बीज भी पर्याप्त उपलब्ध है, जबकि पंद्रह अक्तूबर के बाद कृषि बीज भंडार के गोदामों पर भी गेहूं का बीज आ जाएगा। अभी सरसों की मिनीकिट गोदामों पर पर्याप्त मात्रा में है, लेकिन बुकिंग कम हुई है। किसान सरसों की मिनीकिट सीधे गोदाम से ले सकते हैं। खाद भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है।
-राजीव कुमार भारती, जिला कृषि अधिकारी।

दीपावली के त्योहार के साथ किसान रबी फसल की बुआई की तैयारी कर रहे हैं। बारिश में बची रबी फसल की थ्रेसिंग के बाद या फिर पुराना अनाज लेकर मंडी पहुंच रहे हैं, ताकि बीज व खाद का इंतजाम किया जा सके। वहीं, मूंगफली की खुदाई में देरी होने से रबी की फसल में भी दस से पंद्रह दिन की देरी से बुआई करने की संभावना है। इस बार रबी की फसल में गेहूं व जौ की बुआई की जा रही है। दलहन में चना, मटर व मसूर की बुआई भी शुरू कर दी गई है। जबकि, तिलहन में सरसों व तोरिया की बुआई चल रही है।
दलहन व तिलहन का रकबा बढ़ेगा
शासन ने दलहन व तिलहन की फसलों की बुआई का लक्ष्य निर्धारित कर दिया है। 1,70, 117 हेक्टेयर में गेहूं, 8,921 हेक्टेयर क्षेत्रफल में जौ की बुआई का लक्ष्य दिया रखा है। दलहन में 12 हजार हेक्टेयर में चना, 55 हजार हेक्टेयर में मटर और 27,789 हेक्टेयर क्षेत्रफल में मसूर की बुआई का लक्ष्य दिया गया है। तिलहन में सरसों की बुआई 48,803 हेक्टेयर और तोरिया की बुआई 216 हेक्टेयर में करने का लक्ष्य है।
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कृषि विभाग कर रहा गोष्ठी
कृषि विभाग रबी फसल की बुआई लक्ष्य के सापेक्ष कराने की तैयारियों में जुट गया है। खासतौर पर दलहन का उत्पादन बढ़ाने के लिए उपाय भी सुझाए जा रहे हैं। अनुदान पर एवं निशुल्क बीज वितरण भी कराया जा रहा है।
फोटो-28
मंडी में हरी मटर और गेहूं लेकर आए हैं, ताकि रबी की फसल के लिए पैसों का इंतजाम कर सकें। -रचपाल सिंह ठाकुर, ग्राम पठराई।
फोटो-29
रबी की फसल में इस बार गेहूं बो रहे हैं। बीज ले लिया है। खरीफ के सीजन में मूंगफली बोई थी, इसलिए पंद्रह दिन बाद गेहूं बोएंगे।
-चंद्रकांत प्रजापति, सिरसी।
रबी फसल की बोआई के लिए दलहन का बीज आ गया है। बाजार में गेहूं का बीज भी पर्याप्त उपलब्ध है, जबकि पंद्रह अक्तूबर के बाद कृषि बीज भंडार के गोदामों पर भी गेहूं का बीज आ जाएगा। अभी सरसों की मिनीकिट गोदामों पर पर्याप्त मात्रा में है, लेकिन बुकिंग कम हुई है। किसान सरसों की मिनीकिट सीधे गोदाम से ले सकते हैं। खाद भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है।
-राजीव कुमार भारती, जिला कृषि अधिकारी।