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Lalitpur News: सीबीआई से बचने को 20 साल तक भूमिगत रहा, बुनता रहा धोखाधड़ी का जाल

Jhansi Bureau झांसी ब्यूरो
Updated Thu, 18 Dec 2025 12:32 AM IST
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He remained underground for 20 years to evade the CBI, all the while weaving a web of deception.
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बहनोई की पहचान चुराकर कूटरचित दस्तावेज बनाए, जन्मतिथि में किया हेरफेर
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संवाद न्यूज एजेंसी
ललितपुर। अमेरिका में रह रहे बहनोई की चिकित्सकीय डिग्री और पहचान का दुरुपयोग कर मेडिकल कॉलेज में तीन साल तक कार्डियोलॉजिस्ट की नौकरी करने के आरोपी अभिनव सिंह के मामले में जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, धोखाधड़ी की परतें खुलती जा रही हैं। जांच में सामने आया है कि अभिनव सिंह ने बहनोई की पहचान तो चुरा ली। इसके लिए जन्मतिथि में भी हेरफेर किया ।
अभिनव सिंह ने अपने बहनोई डॉ. राजीव गुप्ता के नाम से बनवाए गए आधार कार्ड में जन्मतिथि 13 दिसंबर 1970 अंकित कराई, जबकि बहनोई के वास्तविक दस्तावेजों में जन्मतिथि 18 नवंबर 1967 दर्ज है। इस तरह पहचान चोरी के बावजूद जन्मतिथि में तीन साल का अंतर रह गया। वहीं, पिता चंद्रपाल सिंह की सेवा पुस्तिका में अभिनव सिंह की जन्मतिथि 13 दिसंबर 1965 अंकित पाई गई है। इस प्रकार सेवा पुस्तिका और कूटरचित आधार कार्ड की जन्मतिथि में पांच साल का अंतर सामने आया है।
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पुलिस सूत्रों का कहना है कि 1999 में भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज होने के बाद सीबीआई की जांच से बचने के लिए अभिनव सिंह करीब 20 वर्षों तक भूमिगत रहा। इस दौरान उसने अमेरिका में रह रहे अपने बहनोई डॉ. राजीव गुप्ता की पहचान चुराकर आधार कार्ड, पैन कार्ड, चिकित्सकीय डिग्री समेत अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज कूटरचित तरीके से बनवाए और उन्हीं के आधार पर नौकरी भी करता रहा।
जांच में यह भी सामने आया है कि कागजों में वह पूरी तरह से डॉ. राजीव गुप्ता बन चुका था। हालांकि, पैतृक संपत्ति के हस्तांतरण में बदले हुए नाम के कारण अड़चन आने लगी। इसी को दूर करने के लिए अभिनव सिंह ने डॉ. राजीव गुप्ता के नाम से न्यायालय में गोदनामा कराने का वाद दायर किया, जिसमें हर्ष जैन द्वारा डॉ. राजीव गुप्ता को गोद लेने की बात कही गई थी। मगर बहन की शिकायत के बाद पूरा मामला उजागर हो गया।
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शैक्षिक अभिलेखों की तलाश में दूसरे दिन भी जुटी पुलिस
धोखाधड़ी के इस मामले की गहन जांच के लिए कोतवाली सदर पुलिस की पांच टीमें कोलकाता, मथुरा, रुड़की, फर्रुखाबाद और अलीगढ़ भेजी गई थीं। दूसरे दिन भी टीमें इन शहरों में शैक्षिक व अन्य अभिलेखों की तलाश कर उन्हें एकत्रित करने में जुटी रहीं।
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दस बार कराया आधार कार्ड अपडेट
पुलिस जांच में सामने आया है कि अभिनव सिंह ने बहनोई डॉ. राजीव गुप्ता के नाम पर बनवाए गए आधार कार्ड को अब तक करीब दस बार अपडेट कराया। प्रारंभ में आधार कार्ड में पिता के नाम के कॉलम में डॉ. राजीव गुप्ता के पिता का नाम दर्ज कराया गया था। बाद में पिता के नाम के स्थान पर ‘केयर ऑफ’ में अपनी मां हर्ष जैन का नाम अंकित कराया गया।
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पिता की पुस्तिका में पुत्र के रूप में दर्ज है अभिनव का नाम
अभिनव सिंह के पिता चंद्रपाल सिंह, जो सिंचाई विभाग से अधिशासी अभियंता पद से सेवानिवृत्त हुए हैं, ने अपनी सेवा पुस्तिका में पारिवारिक विवरण में अभिनव सिंह को पुत्र बताते हुए उसका पेशा आईआरएस अधिकारी अंकित कराया है। साथ ही पत्नी हर्ष जैन और तीन पुत्रियों का विवरण भी दर्ज है। केस से जुड़े सभी महत्वपूर्ण दस्तावेज पुलिस ने सुरक्षित कर लिए हैं।
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