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UP: मेडिकल कॉलेज में तैनात डॉक्टर निकला इंजीनियर, तीन साल तक करता रहा हार्ट के मरीजों का इलाज; अभिनव पर खुलासा
संवाद न्यूज एजेंसी, झांसी
Published by: दीपक महाजन
Updated Fri, 12 Dec 2025 11:37 AM IST
सार
अभिनव सिंह मद्रास में कस्टम अधिकारी के पद पर तैनात रह चुका है, इस दौरान वह धोखाधड़ी के मामले में जेल भी जा चुका है। ललितपुर मेडिकल कॉलेज में जीजा की डिग्री पर तीन साल से नौकरी कर रहा था हैरानी की बात यह कि किसी को इस बात की भनक तक नहीं लग सकी।
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जीजा के नाम पर नौकरी करने वाले अभिनव सिंह
- फोटो : संवाद
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विस्तार
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मेडिकल कॉलेज में जीजा के दस्तावेजों का सहारा लेकर कार्डियो एवं जनरल मेडिसिन चिकित्सक बने अभिनव सिंह की कहानी किसी फिल्म से अंदाज से कम नहीं है। अभिनव सिंह ने रुड़की से इंजीनियर की पढ़ाई की। इसके मद्रास में कस्टम अधिकारी के पद पर तैनात हुआ। यहां पर किसी धोखाधड़ी की, जिस पर वित्तीय मामले के गंभीर आरोप लगे।
तीन वर्ष तक ह्रदय रोगियों का इंजीनियर चिकित्सक बन करता रहा उपचार
मेडिकल कॉलेज में उपचार के नाम पर ह्रदय रोगियों के साथ खिलवाड़ होता रहा। यहां पर इंजीनियर अभिनव अपने जीजा के दस्तावेजों पर ह्रदय रोग विशेषज्ञ के पद पर कार्यरत रह कर उपचार कर जान से खिलवाड़ करता रहा। हद तो तब हो गई, जब तीन वर्ष की सेवाएं देने के बाद भी किसी को भनक नहीं लगी। जानकारी के अनुसार अभिनव सिंह के पिता का नाम चंद्रपाल सिंह है जो सिंचाई विभाग में ललितपुर में अधिशासी अभियंता के पद पर तैनात रहे थे। वहीं इनकी मां का नाम हर्ष जैन है।
कस्टम अधिकारी के दौरान धोखाधड़ी पर हो चुका जेल
शहर में गोविंद डेम कॉलोनी निवासी अभिनव सिंह इंजीनियर बनकर कस्टम अधिकारी बना, जहां पर धोखाधड़ी कर नौकरी से बर्खास्त हुआ और जेल गया। इसके बाद फर्जी आधार कार्ड व पेनकार्ड बनवाकर कार्डियो एवं जनरल मेडिसिन बनकर ह्रदय रोगियों का इलाज कर जान से खिलवाड़ करता रहा। घर में उपजे जमीनी विवाद पर बहन डॉ. सोनाली की शिकायत के बाद हुआ खुलासा। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया। मामला उजागर होने पर प्रशासन ने अभिनव के खिलाफ धोखाधड़ी सहित कई धाराओं में मामले में दर्ज कराया गया है। जांच के लिए तीन सदस्यों की टीम का गठन किया गया है। पुलिस उसकी तलाश में जुट गई है।
जीजा के नाम पर बनवाये फर्जी दस्तावेज
इसके बाद अभिनव सिंह ने वर्ष 2013 में राजीव गुप्ता के नाम से आधार कार्ड बनवाया। इसके बाद पेनकार्ड भी इसी नाम से बनवाया। इसी नाम से बैंक में खाता भी खुलवा लिया। अपने कार्डियोलॉजिस्ट जीजा की एमबीबीएस व एमडी की डिग्री लेकर मेडिकल काउंसिल ऑफ ऑफ उत्तर प्रदेश में रजिस्ट्रेशन कराया। इसके बाद वर्ष 2022 में स्वास्थ्य विभाग में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत कार्डियो एवं जनरल मेडिसिन के पद भर्ती के लिए विज्ञापन जारी हुआ। इसमें अपने जीजा की एमबीबीएस व एमडी की डिग्री लगाई और मेडिकल कॉलेज में ह्रदय रोग विशेषज्ञ बन गया। यह जानकारी जांच टीम के एक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर बताई है।
तीन वर्ष तक ह्रदय रोगियों का इंजीनियर चिकित्सक बन करता रहा उपचार
मेडिकल कॉलेज में उपचार के नाम पर ह्रदय रोगियों के साथ खिलवाड़ होता रहा। यहां पर इंजीनियर अभिनव अपने जीजा के दस्तावेजों पर ह्रदय रोग विशेषज्ञ के पद पर कार्यरत रह कर उपचार कर जान से खिलवाड़ करता रहा। हद तो तब हो गई, जब तीन वर्ष की सेवाएं देने के बाद भी किसी को भनक नहीं लगी। जानकारी के अनुसार अभिनव सिंह के पिता का नाम चंद्रपाल सिंह है जो सिंचाई विभाग में ललितपुर में अधिशासी अभियंता के पद पर तैनात रहे थे। वहीं इनकी मां का नाम हर्ष जैन है।
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कस्टम अधिकारी के दौरान धोखाधड़ी पर हो चुका जेल
शहर में गोविंद डेम कॉलोनी निवासी अभिनव सिंह इंजीनियर बनकर कस्टम अधिकारी बना, जहां पर धोखाधड़ी कर नौकरी से बर्खास्त हुआ और जेल गया। इसके बाद फर्जी आधार कार्ड व पेनकार्ड बनवाकर कार्डियो एवं जनरल मेडिसिन बनकर ह्रदय रोगियों का इलाज कर जान से खिलवाड़ करता रहा। घर में उपजे जमीनी विवाद पर बहन डॉ. सोनाली की शिकायत के बाद हुआ खुलासा। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया। मामला उजागर होने पर प्रशासन ने अभिनव के खिलाफ धोखाधड़ी सहित कई धाराओं में मामले में दर्ज कराया गया है। जांच के लिए तीन सदस्यों की टीम का गठन किया गया है। पुलिस उसकी तलाश में जुट गई है।
जीजा के नाम पर बनवाये फर्जी दस्तावेज
इसके बाद अभिनव सिंह ने वर्ष 2013 में राजीव गुप्ता के नाम से आधार कार्ड बनवाया। इसके बाद पेनकार्ड भी इसी नाम से बनवाया। इसी नाम से बैंक में खाता भी खुलवा लिया। अपने कार्डियोलॉजिस्ट जीजा की एमबीबीएस व एमडी की डिग्री लेकर मेडिकल काउंसिल ऑफ ऑफ उत्तर प्रदेश में रजिस्ट्रेशन कराया। इसके बाद वर्ष 2022 में स्वास्थ्य विभाग में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत कार्डियो एवं जनरल मेडिसिन के पद भर्ती के लिए विज्ञापन जारी हुआ। इसमें अपने जीजा की एमबीबीएस व एमडी की डिग्री लगाई और मेडिकल कॉलेज में ह्रदय रोग विशेषज्ञ बन गया। यह जानकारी जांच टीम के एक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर बताई है।
मेडिकल कॉलेज, ललितपुर
- फोटो : संवाद
यह हैं असली डॉ. राजीव गुप्ता
डॉ. राजीव गुप्ता मूल रूप से कलकत्ता के 113 ए मनोहरदास चौक द्वितीय तल के निवासी है। इनके पिता का नाम तिलकराज गुप्ता व मां का नाम शकुंतला है। राजीव गुप्ता ने वर्ष 1993 में कलकत्ता मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस किया। इसके बाद एमडी की पढ़ाई अलीगढ़ मुस्लिम यूनीवर्सिटी से वर्ष 1996 में उत्तीर्ण की। यहीं पर ललितपुर की डॉ. सोनाली सिंह ने चिकित्सा की पढ़ाई की, जहां पर दोनों की मुलाकात हुई और शादी कर ली। इसके बाद वर्ष 1998 में अमेरिका में शिफ्ट हो गए। यहां पर टेक्सास शहर के एक अस्पताल में कार्डियोलॉजिस्ट के पद सेवाएं दे रहे हैं। यह जानकारी उनकी पत्नी व अभिनव सिंह की बहन डॉ सोनाली सिंह ने दी है।
मेडिकल कॉलेज के सभी चिकित्सकों का होगा सत्यापन, नई नियुक्ति पर एलआईयू की भी जांच
मामले का खुलासा होने के बाद मेडिकल कॉ़लेज में बृहस्पतिवार को चिकित्सकों के बीच विभिन्न प्रकार की चर्चाएं हो रही थीं। मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। अब कॉलेज में कार्यरत सभी चिकित्सकों के दस्तावेज की जांच कराई जाएगी। इसके साथ ही एक शपथ पत्र भी लिया जा रहा है। मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. मयंक शुक्ला ने बताया कि इस तरह का फर्जीवाड़ा गंभीर मामला है। भविष्य में किसी तरह का फर्जीवाड़ा न हो, इसके लिए नई नियुक्ति होने पर दस्तावेज का सत्यापन कराने के साथ ही एलआईयू से भी जांच कराई जाएगी।
मामले की जानकारी देते मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. मयंक शुक्ला...
डॉ. राजीव गुप्ता मूल रूप से कलकत्ता के 113 ए मनोहरदास चौक द्वितीय तल के निवासी है। इनके पिता का नाम तिलकराज गुप्ता व मां का नाम शकुंतला है। राजीव गुप्ता ने वर्ष 1993 में कलकत्ता मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस किया। इसके बाद एमडी की पढ़ाई अलीगढ़ मुस्लिम यूनीवर्सिटी से वर्ष 1996 में उत्तीर्ण की। यहीं पर ललितपुर की डॉ. सोनाली सिंह ने चिकित्सा की पढ़ाई की, जहां पर दोनों की मुलाकात हुई और शादी कर ली। इसके बाद वर्ष 1998 में अमेरिका में शिफ्ट हो गए। यहां पर टेक्सास शहर के एक अस्पताल में कार्डियोलॉजिस्ट के पद सेवाएं दे रहे हैं। यह जानकारी उनकी पत्नी व अभिनव सिंह की बहन डॉ सोनाली सिंह ने दी है।
मेडिकल कॉलेज के सभी चिकित्सकों का होगा सत्यापन, नई नियुक्ति पर एलआईयू की भी जांच
मामले का खुलासा होने के बाद मेडिकल कॉ़लेज में बृहस्पतिवार को चिकित्सकों के बीच विभिन्न प्रकार की चर्चाएं हो रही थीं। मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। अब कॉलेज में कार्यरत सभी चिकित्सकों के दस्तावेज की जांच कराई जाएगी। इसके साथ ही एक शपथ पत्र भी लिया जा रहा है। मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. मयंक शुक्ला ने बताया कि इस तरह का फर्जीवाड़ा गंभीर मामला है। भविष्य में किसी तरह का फर्जीवाड़ा न हो, इसके लिए नई नियुक्ति होने पर दस्तावेज का सत्यापन कराने के साथ ही एलआईयू से भी जांच कराई जाएगी।
मामले की जानकारी देते मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. मयंक शुक्ला...