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Lalitpur News: बजाज फाइनेंस फ्रॉड प्रकरण में आरोपी की जमानत खारिज
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- चार आरोपियों की पूर्व में हो चुकी जमानत निरस्त, दो आरोपी जमानत पर चल रहे रिहा
संवाद न्यूज एजेंसी
ललितपुर। बजाज फाइनेंस फ्रॉड प्रकरण में अपर जिला एवं सत्र विशेष न्यायाधीश (दस्यु प्रभावित क्षेत्र) सुनील सिंह की अदालत ने एक और आरोपी की जमानत याचिका खारिज कर दी है। जबकि इसमें पूर्व में भी चार आरोपियों की जमानत याचिका भी निरस्त कर दी थी। जबकि इसी मामले में सीजेएम न्यायालय से पूर्व में युवक और एक महिला को जमानत मिल गई थी।
बजाज फाइनेंस कंपनी के असिस्टेंट मैनेजर संदीप सोलंकी की तहरीर पर कोतवाली पुलिस ने चार माह पहले सात आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। इसमें आरोप लगाया गया था कि आरोपियों ने कूटरचित दस्तावेज तैयार कर कंपनी को 1,71,01,703 रुपये की क्षति पहुंचाई। इस धोखाधड़ी की जांच के लिए एसपी ने जनपदस्तरीय एसआईटी गठित की थी। इस मामले में पुलिस ने नवनीत, महेंद्र, करन, राशिद खान उर्फ सानू व उसकी मां राशिदा, मोहल्ला गोविंद नगर निवासी शमीम खान एवं मोहल्ला रामनगर निवासी शिवम राठौर को गिरफ्तार कर लिया था। आरोपियों के पास से कंप्यूटर, प्रिंटर और मोहर सहित अन्य प्रपत्र बरामद हुए थे। इस मामले में शिवम राठौर के पिता लक्ष्मीनारायण राठौर ने बेटे को जेल भेजने से दुखी होकर टीकमगढ़ में फंदे से लटककर जान दे दी थी। इसके बाद परिजनों ने शिवम को झूठे आरोपों में फंसाने का आरोप लगाते हुए इलाइट चौराहे पर लक्ष्मीनारायण के शव को रखकर प्रदर्शन भी किया था। इसमें जाम लगाने के मामले में कोतवाली पुलिस ने सपा नेता समेत कई लोगों पर रिपोर्ट दर्ज की थी। बाद में पुलिस ने शिवम राठौर पर लगाई गई पुरानी धाराओं को हटाते हुई नई धाराएं जोड़ी थीं। इसके बाद उसे सीजेएम न्यायालय से जमानत मिल गई थी। वहीं, इस मामले में महिला आरोपी राशिदा को सूर्योदय से पहले गिरफ्तार करने के मामले में सीजेएम न्यायालय ने कोतवाल को तलब कर स्पष्टीकरण मांगा था। न्यायालय ने इस मामले में विवेचक से सीसीटीवी फुटेज प्रस्तुत करने के आदेश दिए थे, जिस पर अभी न्यायालय में सुनवाई चल रही है। इसी बीच कोतवाली पुलिस ने बीते आठ नवंबर को धोखाधड़ी के मामले में सातों आरोपियों के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र प्रस्तुत कर दिए थे। इसके बाद चार आरोपियों महेंद्र बरार, करन, शमीम खान एवं नवनीत सिंह ने जमानत याचिका दायर की थी। जिस पर उक्त प्रकरण में चारों आरोपियों की जमानत याचिका खारिज कर दी है।
अब इस मामले में कोतवाली पुलिस ने मोहल्ला पिसनारी निवासी एक अन्य आरोपी वीरेंद्र कुमार को भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था और उस पर आरोप था कि वह डिजिटल व दस्तावेजी साक्ष्यों के आधार पर उसका नाम प्रकाश में आने पर कोतवाली पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था। इस मामले में बुधवार को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (दस्यु प्रभावित क्षेत्र) सुनील सिंह की अदालत ने मामले की सुनवाई करते हुए प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए आरोपी वीरेंद्र कुमार की जमानत याचिका निरस्त कर दी है।
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ललितपुर। बजाज फाइनेंस फ्रॉड प्रकरण में अपर जिला एवं सत्र विशेष न्यायाधीश (दस्यु प्रभावित क्षेत्र) सुनील सिंह की अदालत ने एक और आरोपी की जमानत याचिका खारिज कर दी है। जबकि इसमें पूर्व में भी चार आरोपियों की जमानत याचिका भी निरस्त कर दी थी। जबकि इसी मामले में सीजेएम न्यायालय से पूर्व में युवक और एक महिला को जमानत मिल गई थी।
बजाज फाइनेंस कंपनी के असिस्टेंट मैनेजर संदीप सोलंकी की तहरीर पर कोतवाली पुलिस ने चार माह पहले सात आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। इसमें आरोप लगाया गया था कि आरोपियों ने कूटरचित दस्तावेज तैयार कर कंपनी को 1,71,01,703 रुपये की क्षति पहुंचाई। इस धोखाधड़ी की जांच के लिए एसपी ने जनपदस्तरीय एसआईटी गठित की थी। इस मामले में पुलिस ने नवनीत, महेंद्र, करन, राशिद खान उर्फ सानू व उसकी मां राशिदा, मोहल्ला गोविंद नगर निवासी शमीम खान एवं मोहल्ला रामनगर निवासी शिवम राठौर को गिरफ्तार कर लिया था। आरोपियों के पास से कंप्यूटर, प्रिंटर और मोहर सहित अन्य प्रपत्र बरामद हुए थे। इस मामले में शिवम राठौर के पिता लक्ष्मीनारायण राठौर ने बेटे को जेल भेजने से दुखी होकर टीकमगढ़ में फंदे से लटककर जान दे दी थी। इसके बाद परिजनों ने शिवम को झूठे आरोपों में फंसाने का आरोप लगाते हुए इलाइट चौराहे पर लक्ष्मीनारायण के शव को रखकर प्रदर्शन भी किया था। इसमें जाम लगाने के मामले में कोतवाली पुलिस ने सपा नेता समेत कई लोगों पर रिपोर्ट दर्ज की थी। बाद में पुलिस ने शिवम राठौर पर लगाई गई पुरानी धाराओं को हटाते हुई नई धाराएं जोड़ी थीं। इसके बाद उसे सीजेएम न्यायालय से जमानत मिल गई थी। वहीं, इस मामले में महिला आरोपी राशिदा को सूर्योदय से पहले गिरफ्तार करने के मामले में सीजेएम न्यायालय ने कोतवाल को तलब कर स्पष्टीकरण मांगा था। न्यायालय ने इस मामले में विवेचक से सीसीटीवी फुटेज प्रस्तुत करने के आदेश दिए थे, जिस पर अभी न्यायालय में सुनवाई चल रही है। इसी बीच कोतवाली पुलिस ने बीते आठ नवंबर को धोखाधड़ी के मामले में सातों आरोपियों के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र प्रस्तुत कर दिए थे। इसके बाद चार आरोपियों महेंद्र बरार, करन, शमीम खान एवं नवनीत सिंह ने जमानत याचिका दायर की थी। जिस पर उक्त प्रकरण में चारों आरोपियों की जमानत याचिका खारिज कर दी है।
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अब इस मामले में कोतवाली पुलिस ने मोहल्ला पिसनारी निवासी एक अन्य आरोपी वीरेंद्र कुमार को भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था और उस पर आरोप था कि वह डिजिटल व दस्तावेजी साक्ष्यों के आधार पर उसका नाम प्रकाश में आने पर कोतवाली पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था। इस मामले में बुधवार को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (दस्यु प्रभावित क्षेत्र) सुनील सिंह की अदालत ने मामले की सुनवाई करते हुए प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए आरोपी वीरेंद्र कुमार की जमानत याचिका निरस्त कर दी है।
