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Mahoba News: निजीकरण के विरोध में इंजीनियरों व कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन
संवाद न्यूज एजेंसी, महोबा
Updated Wed, 02 Jul 2025 11:51 PM IST
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महोबा। ऊर्जा विभाग की ओर से बिजली विभाग को पीपीपी मॉडल पर हस्तांतरित किए जाने पर इंजीनियर व कर्मचारी आंदोलित हो गए हैं। बुधवार को पदाधिकारियोंं और कर्मचारियों ने कीरत सागर स्थित पावर हाउस में सभा कर विरोध करते हुए नारेबाजी की। जिसमें हलधर किसान यूनियन के पदाधिकारी व कार्यकर्ताओंं ने भी समर्थन दिया। चेतावनी दी कि मांगें न पूरी होने पर देशव्यापी हड़ताल की जाएगी।
पावर हाउस में संयुक्त संघर्ष समिति, राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर संगठन व किसान संगठन की ओर से सुबह 11 बजे से शाम पांच बजे तक सांकेतिक विरोध सभा हुई। जिसमें निजीकरण से बेरोजगारों, किसानों और उपभोक्ताओं को होने वाली परेशानियों के बारे में चर्चा की गई। जूनियर इंजीनियर संगठन के जिलाध्यक्ष प्रवीण यादव ने कहा कि निजीकरण किसी भी सूरत में जनता के हित में नहीं है। इससे लोगों को आवश्यकता से अधिक बढ़ी दरों में बिजली बिलों का बोझ पड़ेगा। साथ ही बिजली आपूर्ति में भी परेशानी होगी।
सचिव देवकीनंदन ने कहा कि मध्यमवर्गीय परिवार जिनके बच्चे विभिन्न तकनीकी योग्यताओं की डिग्री के लिए शिक्षा ले रहे हैं। उन्हें मजबूरी में बड़े पूंजीपतियों के अधीन कार्य करना पड़ेगा और शोषण का शिकार होंगे। उन्होंने चेतावनी दी कि निजीकरण पर तत्काल रोक नहीं लगी तो देश-प्रदेश के विभिन्न संगठन मिलकर आंदोलन चलाएंगे। जरूरत पर देशव्यापी हड़ताल की जाएगी। विरोध सभा में संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक नवीन सिंह, उत्तर प्रदेश बिजली कर्मचारी संघ के जोनल मंत्री जयंत यादव, मंडल मंत्री राजकुमार वर्मा, किसान नेता जनक सिंह परिहार, इं. अल्ताफ हुसैन, श्रीकांत नामदेव, जयवीर, अशोक वर्मा, विनय कुमार, देवेंद्र तिवारी, टीजीटू प्रताप सिंह, अभिषेक, अंकुल आदि मौजूद रहे।
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पावर हाउस में संयुक्त संघर्ष समिति, राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर संगठन व किसान संगठन की ओर से सुबह 11 बजे से शाम पांच बजे तक सांकेतिक विरोध सभा हुई। जिसमें निजीकरण से बेरोजगारों, किसानों और उपभोक्ताओं को होने वाली परेशानियों के बारे में चर्चा की गई। जूनियर इंजीनियर संगठन के जिलाध्यक्ष प्रवीण यादव ने कहा कि निजीकरण किसी भी सूरत में जनता के हित में नहीं है। इससे लोगों को आवश्यकता से अधिक बढ़ी दरों में बिजली बिलों का बोझ पड़ेगा। साथ ही बिजली आपूर्ति में भी परेशानी होगी।
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सचिव देवकीनंदन ने कहा कि मध्यमवर्गीय परिवार जिनके बच्चे विभिन्न तकनीकी योग्यताओं की डिग्री के लिए शिक्षा ले रहे हैं। उन्हें मजबूरी में बड़े पूंजीपतियों के अधीन कार्य करना पड़ेगा और शोषण का शिकार होंगे। उन्होंने चेतावनी दी कि निजीकरण पर तत्काल रोक नहीं लगी तो देश-प्रदेश के विभिन्न संगठन मिलकर आंदोलन चलाएंगे। जरूरत पर देशव्यापी हड़ताल की जाएगी। विरोध सभा में संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक नवीन सिंह, उत्तर प्रदेश बिजली कर्मचारी संघ के जोनल मंत्री जयंत यादव, मंडल मंत्री राजकुमार वर्मा, किसान नेता जनक सिंह परिहार, इं. अल्ताफ हुसैन, श्रीकांत नामदेव, जयवीर, अशोक वर्मा, विनय कुमार, देवेंद्र तिवारी, टीजीटू प्रताप सिंह, अभिषेक, अंकुल आदि मौजूद रहे।