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Mahoba News: मतदाता सूचियों में गड़बड़ी, वर्तमान प्रधान का नाम ही गायब
संवाद न्यूज एजेंसी, महोबा
Updated Mon, 29 Dec 2025 12:31 AM IST
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फोटो 28 एमएएचपी 10 परिचय-जानकारी देते पूर्व प्रधान अमित दीक्षित। संवाद
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महोबा/श्रीनगर। जिले में पंचायत चुनावों के लिए जारी हुई अनंतिम मतदाता सूचियों में भारी खामियां निकल रही हैं। ग्राम पंचायत श्रीनगर में वर्तमान ग्राम प्रधान व उनके परिजनों के नाम ही गायब हो गए जबकि इसी सूची में वर्षों पहले मृत हो चुके लोगों के नाम मतदाता के रूप में दर्ज हैं। मतदाता सूचियों में गलतियों के चलते बीएलओ को ग्रामीणों के गुस्से का शिकार होना पड़ रहा है।
ब्लाॅक कबरई की ग्राम पंचायत श्रीनगर में कुल मतदाताओं की संख्या 11,533 है। इसमें 18 वर्ष की उम्र पूरी करने वाले 2,500 युवाओं के नाम जोड़ने के लिए ग्राम पंचायत में तैनात विभिन्न बीएलओ को दिए गए थे। इनके नाम तो जोड़े ही नहीं गए बल्कि इसके उलट नई मतदाता सूची में 2,300 मतदाताओं के नाम गायब कर दिए गए। मजेदार बात तो यह है कि जिस मतदाता सूची में डुप्लीकेट मानकर 2,300 मतदाताओं के नाम काट दिए गए, उसी मतदाता सूची में अभी भी 50 मृतकों के नाम जुड़े हुए हैं। हाल ही में जारी हुई अनंतिम मतदाता सूची से ग्राम प्रधान श्रीनगर आशीष राजपूत, उनके भाई नीरज राजपूत, पूर्व प्रधान अमित दीक्षित, प्रमोद सोनी, दारा सिंह, नाथूराम सोनी आदि प्रतिष्ठित लोगों के नाम भी गायब हैं जबकि ये लोग कई वर्षों से मतदान करते आ रहे हैं। इसी तरह से ग्राम पंचायत के 2,300 मतदाताओं के नाम सूची से गायब होने से गांव में हंगामे की स्थिति बन रही है।
ग्राम प्रधान आशीष राजपूत का कहना है कि वर्ष 2021 की पंचायत सूची में उनका नाम दर्ज था। उसी में चुनाव जीतकर गांव के प्रधान निर्वाचित हुए लेकिन इस बार नई सूची में उनका नाम एवं उनके भाई नीरज राजपूत का नाम काट दिया गया। वहीं, पूर्व प्रधान अमित कुमार दीक्षित का कहना है कि ग्राम पंचायत के वार्ड-11 में उनके परिवार में 10 लोग मतदाता हैं लेकिन सभी नाम काट दिए गए हैं।
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युवाओं को जोड़ा नहीं, मृतकों के नाम अभी भी जुड़े
ग्राम पंचायत श्रीनगर में तैनात विभिन्न बीएलओ ने 18 वर्ष तक की उम्र पूरी करने वाले 2,500 से अधिक युवाओं के नाम मतदाता के रूप में दर्ज करने के लिए कागजी कार्यवाही पूरी की थी। इनके नाम अनंतिम मतदाता सूची में नहीं जोड़े गए जबकि अरुण कुमार की मृत्यु वर्ष 2018 में हो गई थी लेकिन मतदाता सूची में अभी भी उनका नाम है। इसी तरह से रमाशंकर का चार साल पहले निधन के बाद भी नाम जुड़ा है। हरिश्चंद्र व कैलाश के नाम भी मौत होने के बाद मतदाता सूची से नहीं हटाए गए हैं। इस तरह 50 से अधिक मृतकों के नाम मतदाता सूची में शामिल हैं। बीएलओ रविंद्र कुमार, शोभाराम आदि का कहना है कि उन्होंने मतदाता सूचियों में युवाओं के नाम बढ़ाने और मृतकों के नाम काटने के लिए ब्लॉक कार्यालय में डाटा दिया था लेकिन ब्लॉक कार्यालय में फीडिंग में गड़बड़ी से समस्या हुई है।
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संभावित डुप्लीकेट मतदाताओं के आधारकार्ड मांगे गए थे। आधार नंबर न मिलने से उनके नाम हटाए गए हैं। इस प्रक्रिया की जिम्मेदारी के लिए सभी ब्लॉक के बीडीओ को नोडल अधिकारी बनाया गया है। अब जिन लोगों के नाम कट गए हैं, वे प्रपत्र-2 के साथ आधार कार्ड की फोटोकाॅपी बीएलओ के पास जमा कर दें तो अंतिम मतदाता सूची में उनके नाम जुड़ जाएंगे। -आरपी विश्वकर्मा, सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी पंचायत, महोबा।
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ग्राम प्रधान आशीष राजपूत का कहना है कि वर्ष 2021 की पंचायत सूची में उनका नाम दर्ज था। उसी में चुनाव जीतकर गांव के प्रधान निर्वाचित हुए लेकिन इस बार नई सूची में उनका नाम एवं उनके भाई नीरज राजपूत का नाम काट दिया गया। वहीं, पूर्व प्रधान अमित कुमार दीक्षित का कहना है कि ग्राम पंचायत के वार्ड-11 में उनके परिवार में 10 लोग मतदाता हैं लेकिन सभी नाम काट दिए गए हैं।
युवाओं को जोड़ा नहीं, मृतकों के नाम अभी भी जुड़े
ग्राम पंचायत श्रीनगर में तैनात विभिन्न बीएलओ ने 18 वर्ष तक की उम्र पूरी करने वाले 2,500 से अधिक युवाओं के नाम मतदाता के रूप में दर्ज करने के लिए कागजी कार्यवाही पूरी की थी। इनके नाम अनंतिम मतदाता सूची में नहीं जोड़े गए जबकि अरुण कुमार की मृत्यु वर्ष 2018 में हो गई थी लेकिन मतदाता सूची में अभी भी उनका नाम है। इसी तरह से रमाशंकर का चार साल पहले निधन के बाद भी नाम जुड़ा है। हरिश्चंद्र व कैलाश के नाम भी मौत होने के बाद मतदाता सूची से नहीं हटाए गए हैं। इस तरह 50 से अधिक मृतकों के नाम मतदाता सूची में शामिल हैं। बीएलओ रविंद्र कुमार, शोभाराम आदि का कहना है कि उन्होंने मतदाता सूचियों में युवाओं के नाम बढ़ाने और मृतकों के नाम काटने के लिए ब्लॉक कार्यालय में डाटा दिया था लेकिन ब्लॉक कार्यालय में फीडिंग में गड़बड़ी से समस्या हुई है।
संभावित डुप्लीकेट मतदाताओं के आधारकार्ड मांगे गए थे। आधार नंबर न मिलने से उनके नाम हटाए गए हैं। इस प्रक्रिया की जिम्मेदारी के लिए सभी ब्लॉक के बीडीओ को नोडल अधिकारी बनाया गया है। अब जिन लोगों के नाम कट गए हैं, वे प्रपत्र-2 के साथ आधार कार्ड की फोटोकाॅपी बीएलओ के पास जमा कर दें तो अंतिम मतदाता सूची में उनके नाम जुड़ जाएंगे। -आरपी विश्वकर्मा, सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी पंचायत, महोबा।

फोटो 28 एमएएचपी 10 परिचय-जानकारी देते पूर्व प्रधान अमित दीक्षित। संवाद
