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Mathura: निजी अस्पताल में बिना लाइसेंस बेची जा रहीं दवाएं, औषधि निरीक्षक ने मारा छापा...तब खुली पोल
संवाद न्यूज एजेंसी, मथुरा
Published by: धीरेन्द्र सिंह
Updated Wed, 29 Oct 2025 01:05 PM IST
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सार
मथुरा के एक निजी अस्पताल में बिना लाइसेंस के दवाएं बेची जा रही थीं। शिकायत के बाद औषधि निरीक्षक ने यहां छापा मारा। यहां दवाओं को सीज किया गया है।
मथुरा में दवाएं सीज
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
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विस्तार
मथुरा के मंडी चौराहे पर संचालित एक निजी अस्पताल में बिना लाइसेंस के दवाओं का विक्रय किया जा रहा था। शिकायत पर जांच करने पहुंचे औषधि निरीक्षक प्रेम पाठक ने दवाओं को सीज कर दिया। साथ ही दवाओं के दो नमूने लेकर जांच के लिए भेजे हैं। अवैध रूप से दवाओं की बिक्री करने के लिए संचालक को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है।
आईजीआरएस पर शिकायत की गई थी कि मंडी चौराहे पर संचालित सत्यदीप हॉस्पिटल एंड ट्राॅमा सेंटर में बिना वैध लाइसेंस के दवाओं का विक्रय किया जा रहा है। शिकायत पर डीएम ने औषधि निरीक्षक को जांच के आदेश दिए थे। सोमवार को औषधि निरीक्षक जांच करने पहुंचे तो उन्हें अस्पताल परिसर में मेडिकल स्टोर का संचालन होते मिला।
संचालक लक्ष्मीनारायण सिंह द्वारा कोई भी लाइसेंस प्रदर्शित नहीं किया जा सका। जबकि बिना लाइसेंस के ही 32 प्रकार की विभिन्न दवाओं का स्टॉक और विक्रय किया जा रहा था। औषधि निरीक्षक ने करीब डेढ़ लाख रुपये कीमत की दवाएं सीज कर दीं। वहीं, संदेह होने पर एलपेन 40 इंजेक्शन और कैप्शूल फोरजी रेब डीएसआर का नमूना लेकर जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा है।
औषधि निरीक्षक ने बताया कि खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन से दवाओं का कोई लाइसेंस संचालक ने कभी भी जारी नहीं कराया। उन्होंने संचालक को नोटिस भी जारी किया है। नोटिस का जवाब आने और दवाओं की जांच रिपोर्ट आने के बाद संचालक के विरुद्ध न्यायालय में वाद दायर किया जाएगा।
आईजीआरएस पर शिकायत की गई थी कि मंडी चौराहे पर संचालित सत्यदीप हॉस्पिटल एंड ट्राॅमा सेंटर में बिना वैध लाइसेंस के दवाओं का विक्रय किया जा रहा है। शिकायत पर डीएम ने औषधि निरीक्षक को जांच के आदेश दिए थे। सोमवार को औषधि निरीक्षक जांच करने पहुंचे तो उन्हें अस्पताल परिसर में मेडिकल स्टोर का संचालन होते मिला।
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संचालक लक्ष्मीनारायण सिंह द्वारा कोई भी लाइसेंस प्रदर्शित नहीं किया जा सका। जबकि बिना लाइसेंस के ही 32 प्रकार की विभिन्न दवाओं का स्टॉक और विक्रय किया जा रहा था। औषधि निरीक्षक ने करीब डेढ़ लाख रुपये कीमत की दवाएं सीज कर दीं। वहीं, संदेह होने पर एलपेन 40 इंजेक्शन और कैप्शूल फोरजी रेब डीएसआर का नमूना लेकर जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा है।
औषधि निरीक्षक ने बताया कि खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन से दवाओं का कोई लाइसेंस संचालक ने कभी भी जारी नहीं कराया। उन्होंने संचालक को नोटिस भी जारी किया है। नोटिस का जवाब आने और दवाओं की जांच रिपोर्ट आने के बाद संचालक के विरुद्ध न्यायालय में वाद दायर किया जाएगा।