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UP: आचमन तो दूर सिंचाई योग्य भी नहीं यमुना का पानी...मथुरा में दिखी ऐसी तस्वीर, श्रद्धालु कैसे करेंगे स्नान
संवाद न्यूज एजेंसी, मथुरा
Published by: अमर उजाला ब्यूरो
Updated Mon, 26 May 2025 11:41 AM IST
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सार
भगवान श्रीकृष्ण की पटरानी यमुना मैया गंदगी से कराह रहीं हैं। गंगा दशहरा पर श्रद्धालु कैसे स्नान करेंगे। शहर के दर्जनों नाले-नालियों का गंदा पानी यमुना में गिर रहा है। इससे यमुना का पानी आचमन तो दूर सिंचाई योग्य भी नहीं दिख रहा है।

मथुरा। यमुना रेल पुल के पास कंपू घाट पर गंदगी।
- फोटो : mathura
विस्तार
मथुरा में दो दर्जन से अधिक नालों की निकली गंदगी के साथ ही फैक्ट्रियों का गंदा पानी भी यमुना में मिल रहा है। इसके चलते यमुना में ऑक्सीजन की मात्रा 5 मिलीग्राम प्रतिलीटर से नीचे ही रहती है, जबकि बीओडी की मात्रा 10 मिलीग्राम प्रति लीटर रहती है। बीओडी का यह स्तर यमुना को प्रदूषित दर्शाता है। आलम यह है कि प्रदूषण के कारण यमुना में जलीय जीवों की संख्या नगण्य हो चुकी है। ग्रामीण इलाकों में किसान भी यमुना के पानी से सिंचाई करने से किनारा करते हैं। वहीं केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड की रिपोर्ट दो साल पहले यमुना के पानी के नियमित स्नान से त्वचा रोग की संभावना भी व्यक्त कर चुकी है।
पानी के प्रवाह में गंदगी बहने का इंतजार कर रहे जिम्मेदार
वर्तमान में गंगा दशहरा पर्व को लेकर प्रशासन और नगर निगम की व्यवस्थाएं अधर में हैं। यमुना घाटों पर अभी तक कोई व्यापक इंतजाम नहीं किए गए हैं। जिम्मेदार गंगा दशहरा पर पानी छोड़ने के साथ गंदगी बहने का इंतजार कर रहे हैं। हालांकि यमुना घाटों पर तो थोड़ी बहुत सफाई नजर आती है, लेकिन पानी गंदा ही नजर आएगा।
क्या बोले लोग
रिफाइनरी के रहने वाले संदीप अग्रवाल ने बताया कि यमुना किनारे पहुंचकर अब सुकून नहीं मिलता है। घाटों पर गंदगी पड़ी रहती है। गंदे नालों का पानी भी यमुना में ही गिरता है। त्योहारों के अलावा भी हमें यमुना की सफाई सुनिश्चित करनी चाहिए।
होलीगेट निवासी अनिल माहेश्वरी का कहना है कि गर्मियों में यमुना का पानी कम हो जाता है। पानी मटमैला और गंदा दूर से नजर आ रहा है। ऐसे में यमुना किनारे जाने से मन प्रसन्न नहीं होता है। यमुना को स्वच्छ करना सभी की जिम्मेदारी है।
कृष्णापुरी के रहने वाले लक्ष्मण सैनी ने बताया कि जिम्मेदारों को त्योहारों पर ही यमुना सफाई की याद आती है। इसके बाद भूल जाते हैं। यमुना की साफ-सफाई के कोई ठोस इंतजाम नहीं किए गए हैं। गंगा दशहरा पर श्रद्धालु कैसे स्नान करेंगे।
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पानी के प्रवाह में गंदगी बहने का इंतजार कर रहे जिम्मेदार
वर्तमान में गंगा दशहरा पर्व को लेकर प्रशासन और नगर निगम की व्यवस्थाएं अधर में हैं। यमुना घाटों पर अभी तक कोई व्यापक इंतजाम नहीं किए गए हैं। जिम्मेदार गंगा दशहरा पर पानी छोड़ने के साथ गंदगी बहने का इंतजार कर रहे हैं। हालांकि यमुना घाटों पर तो थोड़ी बहुत सफाई नजर आती है, लेकिन पानी गंदा ही नजर आएगा।
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क्या बोले लोग
रिफाइनरी के रहने वाले संदीप अग्रवाल ने बताया कि यमुना किनारे पहुंचकर अब सुकून नहीं मिलता है। घाटों पर गंदगी पड़ी रहती है। गंदे नालों का पानी भी यमुना में ही गिरता है। त्योहारों के अलावा भी हमें यमुना की सफाई सुनिश्चित करनी चाहिए।
होलीगेट निवासी अनिल माहेश्वरी का कहना है कि गर्मियों में यमुना का पानी कम हो जाता है। पानी मटमैला और गंदा दूर से नजर आ रहा है। ऐसे में यमुना किनारे जाने से मन प्रसन्न नहीं होता है। यमुना को स्वच्छ करना सभी की जिम्मेदारी है।
कृष्णापुरी के रहने वाले लक्ष्मण सैनी ने बताया कि जिम्मेदारों को त्योहारों पर ही यमुना सफाई की याद आती है। इसके बाद भूल जाते हैं। यमुना की साफ-सफाई के कोई ठोस इंतजाम नहीं किए गए हैं। गंगा दशहरा पर श्रद्धालु कैसे स्नान करेंगे।