मौसम: पश्चिमी यूपी में बारिश से 7.9 डिग्री लुढ़का पारा, गंगा का जलस्तर बढ़ने से खादर क्षेत्रों पर मंडराया खतरा
सोमवार को भी सुबह से ही बारिश की झड़ी लगी रही। पिछले 24 घंटों से लगातार हो रही बारिश से हस्तिनापुर में गंगा का जलस्तर बढ़ने लगा है। गंगा का जलस्तर बढ़ने से खादर क्षेत्र में एक बार फिर बाढ़ आने की संभावना भी बढ़ रही है।

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मानसून लौटने के बाद मौसम ने रविवार को एक बार फिर से पलटी मार दी। बारिश के बाद दिन में पारा 7.9 डिग्री लुढ़ककर 28.0 डिग्री पर आ गया। प्रदूषण भी धुल गया और शहर का औसत एक्यूआई 148 रहा। सोमवार को भी सुबह से ही बारिश की झड़ी लगी रही। कई स्थानों पर तेज बारिश हुई है। मुजफ्फरनगर में बारिश एक परिवार के लिए आफत बनकर आई। यहां एक मकान की छत बारिश के कारण भरभराकर गिर गई। इससे घर के कई सदस्य घायल हो गए जबकि एक पशु की मौत हो गई।

पहाड़ी व मैदानी क्षेत्रों में भारी बारिश से गंगा का जलस्तर बढ़ गया है। हस्तिनापुर में 8 करोड़ 70 लाख रुपए से बनाए गए कटाव निरोधक तटबंध पर गंगा ने कटान शुरू कर दिया है, जिससे खादर क्षेत्रों में किसानों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। वहीं धान की फसल के लिए यह बारिश नुकसानदायक साबित होगी।
मौसम में अचानक हुए बदला व और बारिश के कारण मेरठ में तापमान 35.9 डिग्री और एक्यूआई 280 पर पहुंच गया। रविवार को सुबह से शाम तक रुक-रुक कर बारिश होती रही। इससे अधिकतम तापमान 28.0 डिग्री व न्यूनतम तापमान 22.2 डिग्री पर आ गया। शहर में 12.6 मिमी बारिश रिकार्ड की गई। शनिवार के मुकाबले रविवार को दिन के तापमान में 7.9 डिग्री की गिरावट दर्ज की गई है। रात का तापमान 4 डिग्री बढ़ा है। सोमवार को सुबह से ही बारिश शुरू हो गई। मौसम वैज्ञानिकों ने 19 अक्तूबर तक और बारिश होने की संभावना जताई है।
मौसम वैज्ञानिक डॉ. एन सुभाष का कहना है कि दिन का तापमान सामान्य से 5 डिग्री कम हो गया है। कृषि विवि के मौसम वैज्ञानिक डाॅ. यूपी शाही का कहना है कि धान के लिए मौसम ठीक नहीं है।
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क्षतिग्रस्त गंगा का तटबंध बन सकता है खादर क्षेत्र के लिए खतरा
पिछले 24 घंटों से लगातार हो रही बारिश से हस्तिनापुर में गंगा का जलस्तर बढ़ने लगा है। गंगा का जलस्तर बढ़ने से खादर क्षेत्र में एक बार फिर बाढ़ आने की संभावना भी बढ़ रही है। क्योंकि महीनों से गंगा का तटबंध क्षतिग्रस्त है, जिसे दुरुस्त कराने के लिए सिंचाई विभाग और प्रशासनिक अधिकारियों ने उचित नहीं समझा।
गंगा का जलस्तर बढ़ने से खादर क्षेत्र के लोगों की चिंता एक बार फिर बढ़ गई है। बिजनौर बैराज पर तैनात अवर अभियंता पीयूष कुमार ने बताया कि गंगा का जलस्तर पिछले दिनों के मुकाबले रविवार को बढ़ गया है, जो 25 हजार क्यूसेक से 39 हजार क्यूसेक पर पहुंच गया है। वहीं सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने बताया कि लगातार हो रही बारिश से गंगा के जलस्तर में और अधिक वृद्धि होने की संभावना है।
हरिद्वार से प्राप्त जानकारी के अनुसार भीमगोडा बैराज से गंगा का जलस्तर 37 हजार क्यूसेक पर पर चल रहा है। पहाड़ी और मैदानी क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश से गंगा का जलस्तर बढ़ने की संभावना जताई जा रही है। गंगा का जलस्तर बढ़ने की सूचना से खादर क्षेत्र के लोगों की चिंता एक बार फिर बढ़ गई है। दरअसल, गंगा ने पिछले दिनों भीषण कटान किया जिसके चलते शेरपुर नई बस्ती के समीप हरिपुर के सामने गंगा ने तटबंध को पूरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया है और किसानों के खेतों में बह रही है।
गंगा के इस भीषण कटान को सरकार द्वारा बनाए गए 18 करोड़ रूपए के तटबंध भी नहीं रोक पाए थे। गंगा के तेज तटबंध को ही बहा दिया था और तटबंध की सीमा ही समाप्त कर दी थी। वहीं गंगा के कटान को रोकने के लिए स्थानीय ग्रामीणों ने महीनों तक भरसक प्रयास किया लेकिन सभी प्रयास विफल हो गए और लगातार ग्रामीणों के क्षतिग्रस्त गंगा के तटबंध को दुरुस्त कराने की मांग कर रहे थे। अब अगर गंगा का जलस्तर में थोड़ी सी भी वृद्धि और हो जाती है तो खादर क्षेत्र में पानी किसानों के खेतों में बहेगा और बाढ़ जैसे हालातों का सामना करना पड़ सकता है। महीनों से कटे पड़े तटबंध को दुरुस्त कराने के लिए शासन प्रशासन और सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने कोई ध्यान नहीं दिया।
अगर खादर में बाढ़ आई, तो होगा करोड़ों का नुकसान
खादर क्षेत्र के किसानों का कहना है। कि अगर खादर क्षेत्र में बाढ़ आई तो खादर क्षेत्र के लोगों का करोड़ों रुपए का नुकसान होगा, क्योंकि इस समय खेतों में धान की फसल पककर तैयार है। वहीं किसानों के खेतों में तो धान की फसल काट कर रखी गई है, जिसमें पानी भर गया है। पानी भरने से धान की फसल के नष्ट होने की संभावना बढ़ गई है। वहीं खेतों में तैयार खड़ी गन्ने की फसल के उत्पादन क्षमता पर इसका प्रभाव पड़ेगा।
बारिश के पानी से निचले इलाके हुए जलमग्न
लगातार बारिश पड़ने से खादर क्षेत्र के निचले गांव के जंगल जलमग्न हो गए हैं। किसानों को पशुओं के लिए चारा जुटाने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है चारों और जंगल जलमग्न है। बारिश से जनजीवन पूरी तरह प्रभावित हो गया है।
मुजफ्फरनगर में गिरी मकान की छत
मुजफ्फरनगर शहर कोतवाली क्षेत्र के गांव लकडसन्धा में भारी बारिश के चलते ओमकार पुत्र सादे के कच्चे मकान की छत भरभरा कर गिर गई। छत गिरने से उसके नीचे दबकर घर के कई सदस्य घायल हो गए। बताया गया कि हादसे में एक भैंस की मौत हो गई जबकि अन्य पशु घायल हुए। सूचना पर आसपास के ग्रामीण मौके पर पहुंचे और राहत बचावकार्य शुरू कराया। परिवार के घायल सदस्यों को उपचार के लिए अस्पताल भेज गया है। सूचना पर पुलिस ने भी मौके पर पहुंचकर घटना की जानकारी ली।
बिजनौर में बारिश ने ली बच्ची की जान
बिजनौर में भी बारिश के कारण मकान की छत गिरने से एक बच्ची की मौत हो गई। दरअसल, जिलेभर में पूरी रात जमकर बारिश हुई, जो सोमवार की दोपहर तक भी जारी रही। स्योहारा थानाक्षेत्र के गांव फैजुल्लापुर सेक्टर रोड के पास कच्चा मकान गिर गया। जिसमें दबकर एक बच्ची की मौत हो गई, परिजन बुरी तरह घायल हो गए। वहीं चार लोग बुरी तरह घायल हो गए। घायलों में एक महिला को गंभीर हालत में मुरादाबाद रेफर किया गया है। वहीं घटना के बाद मौके पर पुलिस टीम पहुंच गई। उधर जिलेभर की नदियों का जलस्तर बढ़ने से आसपास कटान शुरू हो गया है। कई जगहों पर नदियों का पानी खेतों में पहुंच गया है।