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Mirzapur News: सुरक्षित जमा निकासी के लिए खोले थे म्यूल अकाउंट
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संवाद न्यूज एजेंसी
मिर्जापुर। साइबर ठगी से मिले करोड़ों रुपये को ठिकाने लगाने के लिए साइबर ठगी के आरोपी म्यूल अकाउंट का इस्तेमाल करते थे।
पुलिस की जांच में सामने आया है कि केवल नाम और उससे संबंधित डाक्यूमेंट दूसरे व्यक्ति का होता था बाकी उसके संचालन की जिम्मेदारी आरोपियों में शामिल कुछ लोग ही संभालते थे। आराम से करोड़ों रुपये इस पार से उस पार कर देते थे।
ठगी की जांच कर रहे देहात कोतवाल अमित मिश्रा ने बताया कि आरोपियों ने खुद का दामन बचाने के लिए मिर्जापुर के विभिन्न क्षेत्रों के साथ ही वाराणसी के कुछ क्षेत्रों से जुड़े लोगों के नाम से विभिन्न बैंकों में म्यूल अकाउंट खुलवाए थे।
कुछ लोगों को पैसों का लालच देकर उसके नाम से सिम लेकर और बैंक अकाउंट खुलवाए। फिर उसमें लाखों रुपयों का ट्रांजैक्शन किया। पैसे आते और फिर बिना खाताधारक को पता चले ठिकाने पर पहुंच जाते।
पुलिस विभिन्न थानों में म्यूल अकाउंट से जुड़ी जानकारी एकत्रित कर साइबर ठगी से जुड़े तार खंगालने में जुटी है। इसके अलावा आरोपियों के क्षेत्र में भी ऐसे अकाउंट जिनमें बड़े ट्रांजैक्शन हुए हैं उनकी तलाश कर रही है।
देहात कोतवाल ने बताया कि ऐसी कुछ लोग भी सामने आए हैं जिनके खाते से करोड़ों का लेन देन हुआ है। जबकि उनका जीवन स्तर सामान्य से भी नीचे है। ऐसे लोगों से पूछताछ कर जानकारी एकत्रित की जा रही है। साइबर ठगी मामले की प्राथमिक जांच में 20 करोड़ से ज्यादा का हेरफेर सामने आया है।
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मिर्जापुर। साइबर ठगी से मिले करोड़ों रुपये को ठिकाने लगाने के लिए साइबर ठगी के आरोपी म्यूल अकाउंट का इस्तेमाल करते थे।
पुलिस की जांच में सामने आया है कि केवल नाम और उससे संबंधित डाक्यूमेंट दूसरे व्यक्ति का होता था बाकी उसके संचालन की जिम्मेदारी आरोपियों में शामिल कुछ लोग ही संभालते थे। आराम से करोड़ों रुपये इस पार से उस पार कर देते थे।
ठगी की जांच कर रहे देहात कोतवाल अमित मिश्रा ने बताया कि आरोपियों ने खुद का दामन बचाने के लिए मिर्जापुर के विभिन्न क्षेत्रों के साथ ही वाराणसी के कुछ क्षेत्रों से जुड़े लोगों के नाम से विभिन्न बैंकों में म्यूल अकाउंट खुलवाए थे।
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कुछ लोगों को पैसों का लालच देकर उसके नाम से सिम लेकर और बैंक अकाउंट खुलवाए। फिर उसमें लाखों रुपयों का ट्रांजैक्शन किया। पैसे आते और फिर बिना खाताधारक को पता चले ठिकाने पर पहुंच जाते।
पुलिस विभिन्न थानों में म्यूल अकाउंट से जुड़ी जानकारी एकत्रित कर साइबर ठगी से जुड़े तार खंगालने में जुटी है। इसके अलावा आरोपियों के क्षेत्र में भी ऐसे अकाउंट जिनमें बड़े ट्रांजैक्शन हुए हैं उनकी तलाश कर रही है।
देहात कोतवाल ने बताया कि ऐसी कुछ लोग भी सामने आए हैं जिनके खाते से करोड़ों का लेन देन हुआ है। जबकि उनका जीवन स्तर सामान्य से भी नीचे है। ऐसे लोगों से पूछताछ कर जानकारी एकत्रित की जा रही है। साइबर ठगी मामले की प्राथमिक जांच में 20 करोड़ से ज्यादा का हेरफेर सामने आया है।
