Moradabad: रेलवे ने चेताया... नहीं हटे दुकानदार तो चलेगा बुलडोजर, 15 हजार लोगों की आजीविका पर मंडराया खतरा
रेलवे ने स्टेशन रोड की करीब 70 दुकानों पर लाल निशान लगाकर अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए हैं। तय समय पर दुकानें खाली न होने पर बुलडोजर चलाने की चेतावनी दी गई है।
विस्तार
रेलवे ने स्टेशन रोड की करीब 70 दुकानों पर लाल निशान लगाने के बाद व्यापारियों को कुछ दिन की मोहलत दी है। विभाग ने कहा है कि यदि व्यापारी नहीं हटे तो पुलिस प्रशासन के सहयोग से दुकानें खाली कराई जाएंगी। रेलवे की जमीन को कब्जा मुक्त कराने के लिए बुलडोजर का सहारा भी लिया जा सकता है।
इस मामले को लेकर बुधवार को स्टेशन रोड के व्यापारी कलक्ट्रेट और डीआरएम कार्यालय भी पहुंचे थे। डीआरएम से मुलाकात न होने पर उनके प्रतिनिधि को ज्ञापन देकर लौट आए। दुकानदारों की मांग है कि 1971 से दुकानें यहां स्थापित हैं। उस समय यह क्षेत्र इज्जतनगर रेल मंडल में आता था।
2002-2003 तक रेलवे को दिए गए किराये की रसीद दुकानदारों के पास हैं। मुरादाबाद मंडल में आने के बाद कभी किराया जमा नहीं हुआ। रेल की भूमि से दुकानों को हटाने का विवाद 2003 से चल रहा है। एक बार फिर रेलवे ने इन दुकानों पर लाल निशान लगा दिए हैं। इंजीनियरिंग विभाग की टीम अतिक्रमण हटाने के लिए कार्रवाई करेगी। इसके लिए पुलिस प्रशासन से सहयोग मांगा गया है।
15 हजार लोगों की आजीविका पर खतरा
मुरादाबाद। स्थानीय व्यापारी संजय अरोड़ा, भरत अरोड़ा, अनीस आदि का कहना है कि बस अड्डे के सामने, कटघर में और संभल फाटक वाले पुल के पास 165 दुकानें हैं। इन दुकानों से 15 हजार लोगों को पालन पोषण हो रहा है। यदि रेलवे दुकानें हटाने की कार्रवाई करता है तो लोग सड़क पर आ जाएंगे।
व्यापारियों की मांग है कि उन्हें दूसरे स्थान पर दुकानें बनाकर दी जाएं। वहीं कुछ व्यापारियों का कहना है कि दुकानों का मामला कोर्ट में चल रहा है। बिना फैसला आए दुकानों को हटाने के लिए लाल निशान लगाना गलत है।
कई दुकानों का मामला कोर्ट में चल रहा है। बिना परिणाम के रेलवे द्वारा कार्रवाई की जा रही है। हम अपनी रोजी रोटी बचाने के लिए प्रशासन व जनप्रतिनिधियों से अपील कर रहे हैं। - संजय अरोड़ा, व्यापारी
1971 के बाद से यहां दुकानें स्थापित हैं। रेलवे के पास जमीन का रिकॉर्ड नहीं है और व्यापारियों के पास 2002 के बाद तक इज्जत नगर मंडल में जना किए गए किराये की रसीदें हैं। इस तरह लोगों को हटाना नहीं चाहिए। - भरत अरोड़ा, व्यापारी
10 से 15 हजार लोगों का परिवार इन दुकानों से चलता है। हमारे कई साथियों की दुकान पर लाल निशान लगाए गए हैं। इसका हम सभी मिलकर विरोध कर रहे हैं। - अनीस, व्यापारी
जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों के सामने दुकानदारों ने अपना पक्ष रखा है। जनप्रतिनिधियों की ओर से आश्वासन भी मिला है। उम्मीद है कि समस्या का हल निकलेगा। - मो. तसलीम, व्यापारी
दुकानें रेलवे की जमीन पर हैं। नियमानुसार और कानूनी प्रक्रिया के तहत रेलवे की जमीन खाली कराने का प्रयास किया जा रहा है। जिला प्रशासन व पुलिस के समन्वय से यह कार्य किया जाएगा। - आदित्य गुप्ता, सीनियर डीसीएम
