बिल्डिंग पर चढ़ा युवक: 'काम के लिए मांग रहे रिश्वत, कर रहे परेशान, मेरे मरने से अन्य को लाभ मिले ताे मंजूर'
मुरादाबाद में एएलसी कार्यालय में अचानक एक युवक चढ़ गया। इसके बाद वह चिल्लाने लगा। आरोप लगाया कि उससे काम के बदले रिश्वत मांगी जा रही है। पुलिस ने उसे बमुश्किल नीचे उतारा।
विस्तार
मुरादाबाद के डिप्टी लेबर कमिश्नर ऑफिस में मंगलवार को अचानक हड़कंप मच गया। जब एक युवक बिल्डिंग की चौथी मंजिल पर चढ़कर जोर-जोर से चिल्लाने लगा। उसकी आवाज सुनते ही ऑफिस के कर्मचारी बाहर की ओर दौड़ पड़े। सभी ने काफी देर तक उसे समझाने की कोशिश की, लेकिन युवक अपनी जिद पर अड़ा रहा।
युवक का आरोप था कि उसके काम के लिए रिश्वत मांगी जा रही है। उसका कहना था कि अधिकारी सरकार के आदेशों का पालन नहीं करते और फाइल के लिए उसे इधर-उधर दौड़ाया जा रहा है। उसने यह भी कहा कि अगर उसके मरने से किसी को लाभ मिलता, तो वह वह भी कर देता।
अनहोनी की आशंका से घबराए ऑफिस स्टाफ ने तत्काल पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की, लेकिन युवक मानने को तैयार नहीं था। इसके बाद डिप्टी लेबर कमिश्नर भी मौके पर पहुंचे और युवक से बातचीत की।
काफी मशक्कत के बाद युवक को नीचे उतरने के लिए राजी कराने की कोशिशें जारी थीं। घटना की वजह से ऑफिस में कामकाज कुछ देर के लिए बाधित रहा। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
युवक के आवेदन की फिर जांच की जाएगी
मुरादाबाद में श्रम विभाग के भवन में पर चढ़े लोकेश कुमार के आवेदन की फिर जांच की जाएगी। श्रम प्रवर्तन अधिकारी की जांच में आया था कि लोकेश खेती का काम करता है लेकिन उसने भवन एवं सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के तहत पंजीयन कराया था। उप श्रमायुक्त दीप्तिमान भट्ट ने बताया कि लोकेश कुमार पुत्र हरस्वरूप सिंह निवासी ग्राम सहडौली, तहसील कांठ ने अज्ञात लोगों के उकसावे में आकर उप श्रम आयुक्त कार्यालय की छत पर चढ़कर प्रदर्शन किया।
इसकी प्रथम दृष्टया मानसिक स्थित सही प्रतीत नहीं हो रही है। लोकेश कुमार ने भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के अन्तर्गत जन सेवा केंद्र के माध्यम से अपना पंजीयन 18 जनवरी 22 को कराया था। पंजीयन के बाद उसने अपनी द्वितीय संतान के जन्म होने पर बोर्ड द्वारा संचालित मातृत्व शिशु एवं बालिका मदद योजना के तहत तीन अगस्त 25 को आवेदन ऑन लाइन प्रस्तुत किया।
क्षेत्रीय श्रम प्रवर्तन अधिकारी ने आवेदन की जांच की। इस मामले में लोकेश का बयान 27 अगस्त 25 को दर्ज किया गया। बताया गया कि वह खेती से संबंधित कार्य करता है। कोई निर्माण कार्य नहीं करता है। जांच अधिकारी ने लोकेश द्वारा ऑनलाइन आवेदन के साथ दिए गए अभिलेखों का भी अवलोकन किया।
जांच में नियोजन प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया। चूंकि भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार (नियोजन एवं सेवा शर्त विनियमन) 1996 की धारा - 12 (1) के अनुसार निर्माण श्रमिकों के पंजीयन का प्राविधान किया गया है। बोर्ड की अधिसूचना एक अक्तूबर 20 के नियम - 4 के अनुसार आवेदन की जांच के समय आवेदक के निर्माण श्रमिक न पाए जाने पर पंजीयन को शून्य मानते हुए आवेदन को पांच जुलाई 22 को निरस्त किया गया।
लोकेश ने इसी आवेदन को नियम विरूद्ध स्वीकृत कराने एवं ब्लैकमेलिंग के उद्देश्य से कार्यालय की छत पर अनुचित ढंग से प्रदर्शन किया है। इसके अतिरिक्त कोई गंभीर बीमारी न होने के बावजूद लोकेश ने नियम विरूद्ध ढंग से किये गए गंभीर बीमारी सहायता योजना के आवेदन को भी 18 सितंबर 25 को निरस्त किया जा चुका है।
पुलिस और विभागीय अधिकारियों द्वारा पात्रता के अनुसार आवेदन की फिर जांच एवं कार्यवाही के आश्वासन पर लोकेश ने प्रदर्शन समाप्त किया। इस प्रकरण में लोकेश के आवेदन पर पात्रता की नियमानुसार फिर जांच कार्यवाही का आश्वासन दिया गया है।
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