UP: 'सौतेली मां से अधिक बातचीत...', जेल से छूटने के बाद से बेटे से बढ़ी थी नफरत; बाप का चौंकाने वाला कबूलनामा
मुरादाबाद में बीमे की रकम के लिए बेटे की सुपारी देकर हत्या कराने के मामले में सनसनीखेज मामला सामने आया है। हत्यारोपी पिता को बेटे की सौतेली मां से ज्यादा बातचीत पसंद नहीं थी। वकील ने बाबूराम को बीमा कराकार बदला लेने की सलाह दी थी। आरोपी बाप संभल का रहने वाला है। आरोपी ने 32 वर्षीय महिला से दूसरी शादी की थी।
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मुरादाबाद में जेल से छूटने के बाद पिता बाबूराम शर्मा अंदर ही अंदर अपने 28 वर्षीय बेटे अनिकेत से इतनी नफरत करने लगा था कि वह उसे हर हाल में मौत के घाट उतारना चाहता था। उसे अनिकेत का अपनी सौतेले मां से भी ज्यादा बातचीत करना पसंद नहीं था। उसने अपने साथी अधिवक्ता आदेश कुमार से बातचीत की और बताया कि उसे अपने बेटे से कई तरह की शिकायतें हैं।
दुर्घटना बीमा क्लेम दिलाने वाले अधिवक्ता आदेश कुमार को ऐसे ही मामले की तलाश थी। उसने बाबूराम को बीमा कराकर बेटे से बदला लेने की सलाह दी जिसमें बदला और रकम मिलने का लालच दे दिया था।
संभल के बहजोई थाना इलाके के दुर्गा कॉलोनी निवासी बाबूराम शर्मा की पहली शादी बबीता के साथ हुई थी। बबीता ने एक बेटे और बेटी को जन्म दिया। करीब 12 साल पहले बबीता की मृत्यु हो गई। बेटी की शादी हो चुकी है जबकि बेटा अनिकेत फर्म में काम करने लगा था।
60 वर्षीय बाबूराम ने करीब दस साल पहले 32 वर्षीय बबली से शादी कर ली। बबली के दो बच्चे हैं। बताया जा रहा है कि बाबूराम ने साथियों के साथ मिलकर उत्तराखंड के उधम सिंह नगर जिले के नानकमत्ता क्षेत्र में डकैती की घटना को अंजाम दिया था।
इस मामले में बाबूराम को उत्तराखंड की पुलिस ने जेल भेज दिया था। जेल से बाहर आया तो उसने अपने घर का माहौल बदला-बदला देखा। बताया जा रहा है कि बेटा शराब पीने लगा था और उसकी दूसरी पत्नी भी अनिकेत से ज्यादा ही बातचीत करने लगी थी।
बाबूराम अंदर ही अंदर घुटने लगा। पिता-पुत्र के बीच कई बार विवाद हुआ। अनिकेत ने बाबूराम के साथ मारपीट भी कर दी थी। इसे लेकर बाबूराम ज्यादा ही परेशान होने लगा था। उसने अधिवक्ता आदेश कुमार से बात की और बताया कि वह अपने बेटे से बहुत परेशान हो चुका है।
तब आदेश ने उसे अपनी बातों में उलझा लिया और बताया कि बेटे का बीमा करा देते हैं। इसके बाद बेटे को सबक सिखाना और रकम भी मिलेगी। इसके बाद अनिकेत के नाम पर बीमा पॉलिसी कराई।
अधिवक्ता और बाबूराम अनिकेत की हत्या की साजिश रच रहे थे लेकिन मार्च माह में डकैती के मामले में बाबूराम को सजा हो गई और वह जेल चला गया जिस कारण अनिकेत की जान बच गई।
जुलाई माह में बाबूराम शर्मा जमानत पर जेल से बाहर आया। इसके बाद अधिवक्ता और बाबूराम अनिकेत की हत्या करने की फिराक में जुट गए थे लेकिन मौका नहीं मिल पा रहा था। 16 नवंबर की रात यह लोग अपने मकसद में कामयाब हो पाए।
पिता बताता रहा हादसा तहरीर देने भी नहीं आया
16 नवंबर को कुंदरकी क्षेत्र में अनिकेत की लाश मिली थी। मौके पर मिले ड्राइविंग लाइसेंस से उसकी पहचान हुई थी। सूचना मिलने पर उसका पिता बाबूराम और अन्य परिजन भी आए थे। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हत्या की पुष्टि होने के बावजूद बाबूराम हादसे की बात पर अड़ा था।
पुलिस ने उसे तहरीर मांगी लेकिन उसने तहरीर नहीं दी। इसके बाद वह अपने घर से भी गायब हो गया था। इसके बाद पुलिस ने अनिकेत के चाचा नवनीत शर्मा से तहरीर लेकर अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू की थी।
25 लाख रुपये में से भी आधी रकम अधिवक्ता ने मांगी
अधिवक्ता आदेश कुमार ने बाबूराम से तय किया था कि अनिकेत की मौत के बाद 25 लाख रुपये मिलेंगे जिसमें से 12.50 लाख रुपये वह खुद लेगा। इस पर बाबूराम तैयार हो गया था। हत्या करने के लिए सुपारी किलर को साढ़े तीन लाख रुपये देने तय हुए थे जिसमें 50 लाख रुपये एडवांस में दिए गए थे। यह रकम अधिवक्ता ने बाबूराम को दी थी। बाद में बाबूराम ने हत्यारोपी असलम व उसके साथियों को रकम दी थी।
अधिवक्ता ने 2.10 करोड़ का बीमा कराया, बाबूराम को 25 लाख बताया
एक्सीडेंट क्लेम के केसों की पैरवी करने वाले अधिवक्ता आदेश कुमार तो बाबूराम से भी शातिर निकला। उसने अनिकेत के नाम पर 2.10 करोड़ रुपये का दुर्घटना बीमा कराया लेकिन बाबूराम को 25 लाख रुपये का ही बीमा बताया। बाबूराम ने आदेश की बातों पर विश्वास भी कर लिया था।
बाबूराम के जेल जाने के बाद आदेश कुमार ने ही बीमे की किस्त जमा की थी। बाबूराम जेल से बाहर आया तो उसने सीधे आदेश कुमार से संपर्क किया। तब तय हुआ कि आदेश कुमार की हत्या हादसा दिखनी चाहिए तब ही बीमा के लिए क्लेम किया जाएगा वरना फाइल निरस्त हो जाएगी।
सिर में रॉड से किया हमला फिर कार से कुचला शव
रची गई साजिश के मुताबिक 16 नवंबर को बाबूराम शर्मा अपने बेटे अनिकेत शर्मा को बीच में बाइक पर बैठाकर विजयपाल के साथ चंदौसी में गंगा एक्सप्रेसवे की पुलिया के नीचे ले गया था। जहां पहले से असलम अपने साजिद मैवाती, तहब्बुर के साथ अपनी वैगनआर कार में बैठा था। बाबूराम ने अपने बेटे से बताया कि यह मेरे दोस्त हैं। इनके साथ चंदौसी दावत खाने चलो जाओ।
अनिकेत कार में बैठ गया। चंदौसी पहुंचकर चारों ने शराब पी। इसके बाद अनिकेत को कार से ही बिलारी ले गए जहां उसे दोबारा शराब पिलाई गई। जब अनिकेत नशे में हो गया तो उसे चंदौसी बाईपास पर जैतपुर पटटी से मोहनपुर जाने वाले रास्ते पर ले गए। यहां कार रोक दी और असलम ने गाड़ी से लोहे की रॉड निकाली। इस बीच साजिद और तहब्बुर अनिकेत को गाड़ी से उतार कर खेत में ले गए।
माथे और सिर पर थे चोट के गहरे निशान
अनिकेत के सिर पर तीन बार हमला किया जिससे उसका सिर फट गया और माथे पर गहरे चोट का निशान हो गया। अनिकेत की मौके पर ही मौत हो गई। इसके बाद तीनों ने मिलकर अनिकेत के शव को सड़क किनारे लाकर रख दिया। बाद में असलम ने अपनी वैगनआर से कार अनिकेत के शव को कुचल दिया। इसके बाद शव को मौके पर ही छोड़कर सभी हत्यारोपी भाग गए थे।