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अधर्म की हार और धर्म की हुई स्थापना : विजय कौशल
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नई मंडी स्थित श्री रामलीला भवन में भजन पर नृत्य करती हुईं महिलाएं स्रोत आयोजक
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मुजफ्फरनगर। संत विजय कौशल महाराज ने कहा कि सती सुलोचना का पतिव्रत धर्म और देवी उर्मिला का पतिव्रत धर्म समान रूप से था। लक्ष्मण के हाथों मेघनाद की हार और वध इसलिए हुआ, क्योंकि मेघनाद अधर्म के साथ और लक्ष्मण धर्म के साथ युद्ध कर रहे थे। श्रीराम-रावण के युद्ध के बाद अधर्म की हार और धर्म की स्थापना हुई।
नई मंडी के श्रीराम लीला भवन में चल रही श्रीराम कथा के अंतिम दिन कथा व्यास संत ने प्रतिदिन कथा श्रवण करने वाले सभी श्रद्धालुओं का धन्यवाद किया। उन्होंने श्रोताओं को अयोध्या का नागरिक बनाते हुए श्रीराम के राज्याभिषेक के प्रसंग के वर्णन में शामिल किया।
उन्होंने कहा कि भगवान राम के राज्यभिषेक की जो शोभा थी, वह तो मुख से कही ही नहीं जा सकती है। उसका तो केवल आनंद ही लिया जा सकता है। कथा के बाद श्रोताओं ने भंडारे का आनंद लिया।
कथा के समापन पर श्रीकृष्ण कंसल, अनिल कंसल, भीमसेन कंसल, पुनीत कंसल, गौरव कंसल, नवीन कंसल और पराग कंसल ने व्यास पीठ पर विजय कौशल महाराज से आशीर्वाद प्राप्त किया।
गोपिका कंसल ने प्रतिदिन कथा श्रवण करने वाले श्रद्धालुओं और सभी सहयोगियों का आभार व्यक्त किया। कथा में राज्यमंत्री कपिलदेव अग्रवाल, जिला पंचायत अध्यक्ष वीरपाल निर्वाल, पूर्व विधायक अशोक कंसल, समाजसेवी सतीश गोयल, संजय मित्तल, सुरेन्द्र अग्रवाल, मनोज पुंडीर, संजय शर्मा, रोहित चौधरी शामिल हुए।
n कथा को जीवन में उतारने की दी शिक्षा : संत विजय कौशल महाराज ने श्रद्धालुओं को शिक्षा देते हुए कहा कि कथा सुनने के साथ उसको जीवन में उतारा भी जाना जरूरी है। इससे ही कथा सुनने का लाभ होगा। परिवार में बच्चों को रामायण पढ़ने की आदत डालें ताकि उनमें मर्यादा, त्याग और धैर्य के गुण विकसित हो।
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नई मंडी के श्रीराम लीला भवन में चल रही श्रीराम कथा के अंतिम दिन कथा व्यास संत ने प्रतिदिन कथा श्रवण करने वाले सभी श्रद्धालुओं का धन्यवाद किया। उन्होंने श्रोताओं को अयोध्या का नागरिक बनाते हुए श्रीराम के राज्याभिषेक के प्रसंग के वर्णन में शामिल किया।
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उन्होंने कहा कि भगवान राम के राज्यभिषेक की जो शोभा थी, वह तो मुख से कही ही नहीं जा सकती है। उसका तो केवल आनंद ही लिया जा सकता है। कथा के बाद श्रोताओं ने भंडारे का आनंद लिया।
कथा के समापन पर श्रीकृष्ण कंसल, अनिल कंसल, भीमसेन कंसल, पुनीत कंसल, गौरव कंसल, नवीन कंसल और पराग कंसल ने व्यास पीठ पर विजय कौशल महाराज से आशीर्वाद प्राप्त किया।
गोपिका कंसल ने प्रतिदिन कथा श्रवण करने वाले श्रद्धालुओं और सभी सहयोगियों का आभार व्यक्त किया। कथा में राज्यमंत्री कपिलदेव अग्रवाल, जिला पंचायत अध्यक्ष वीरपाल निर्वाल, पूर्व विधायक अशोक कंसल, समाजसेवी सतीश गोयल, संजय मित्तल, सुरेन्द्र अग्रवाल, मनोज पुंडीर, संजय शर्मा, रोहित चौधरी शामिल हुए।
n कथा को जीवन में उतारने की दी शिक्षा : संत विजय कौशल महाराज ने श्रद्धालुओं को शिक्षा देते हुए कहा कि कथा सुनने के साथ उसको जीवन में उतारा भी जाना जरूरी है। इससे ही कथा सुनने का लाभ होगा। परिवार में बच्चों को रामायण पढ़ने की आदत डालें ताकि उनमें मर्यादा, त्याग और धैर्य के गुण विकसित हो।

नई मंडी स्थित श्री रामलीला भवन में भजन पर नृत्य करती हुईं महिलाएं स्रोत आयोजक