UP: फर्जी अफसरों का डिजिटल जाल, एयरफोर्स के रिटायर्ड JCO से 16.20 लाख की ठगी, 5 दिन तक डिजिटल अरेस्ट रखा
मुजफ्फरनगर में साइबर अपराधियों ने एयरफोर्स के रिटायर्ड जेसीओ को फर्जी TRAI, पुलिस और CBI अधिकारी बनकर डिजिटल अरेस्ट कर लिया। पांच दिनों तक कॉल पर दबाव बनाते हुए ठगों ने उनसे 16.20 लाख रुपये RTGS से ट्रांसफर करा लिए। पीड़ित ने साइबर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है।
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विभिन्न विभागों से सेवानिवृत्त अधिकारी और कर्मचारी ठगों के निशाने पर हैं। साइबर अपराधियों ने मुजफ्फरनगर में हरसौली गांव के रहने वाले एयरफोर्स के सेवानिवृत्त जूनियर कमीशंड अधिकारी (जेसीओ) धर्मपाल को डिजिटल अरेस्ट कर 16 लाख 20 हजार रुपये ठग लिए। पीड़ित पांच दिन तक ठगों के जाल में फंसा रहा।
शाहपुर क्षेत्र के हरसौली निवासी पीड़ित ने साइबर क्राइम थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। वादी का कहना है कि 17 नवंबर को उनके मोबाइल पर एक महिला की कॉल आई। महिला ने खुद को टेलीकॉम रेगुलेटरी अथारिटी ऑफ इंडिया से बताया और दावा किया कि जेसीओ के नाम से मुंबई में मोबाइल सिम चल रहा है। इसी दौरान महिला ने विजय खान नाम के व्यक्ति से लाइन कनेक्ट कर बात कराई। जहां से जानकारी दी गई कि मनी लॉन्ड्रिंग की शिकायत के बाद गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है।
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इस दौरान पुलिस की वर्दी वाले एक व्यक्ति ने वीडियो कॉल कर गिरफ्तारी वारंट रुकवाने की बात कही। यह भी चेताया कि कॉल ऑन ही रहनी चाहिए। पुलिस वर्दी वाले ने अपने इंचार्ज का फोन कनेक्ट किया। उसने खुद को सीबीआई ऑफिसर बताया है। उसने कहा कि वादी ने अपने खाते से गलत लेन-देन किया है।
यह कहकर उसने वादी से उसके खाते में जमा रुपये की डिटेल ले ली। अगले दिन 18 नवंबर को फोन कर बैंक के बारे में जानकारी मांगी। वादी ने बताया कि उसका खाता दिल्ली सुब्रोतो पार्क एसबीआई बैंक में है, तब फोन करने वाले ने उसे वहीं जाकर उनसे बात करने के लिए कहा।
19 नवंबर को वादी दिल्ली बैंक में पहुंच गया। उसने कॉल करने वाले व्यक्ति से बात की तो उसने किसी से कोई बात न करने की हिदायत दी। इसके बाद आरोपी ने वादी से 11 लाख 70 हजार रुपये यह कह कर आरटीजीएस करा लिए कि इन रुपये की जांच आरबीआई से करा कर तीन दिन में पैसा खाते में वापस कर दिया जाएगा।
यह रुपये आरटीजीएस से श्रवण कुमार नाम के व्यक्ति के खाते में जमा हुए थे। 21 नवंबर को कॉल आई और सहकारी बैंक निरमाना के खाते की डिटेल लेकर चार लाख 50 हजार रुपये आरटीजीएस करा लिए। जब पैसा वापस नही आया तो ठगी का अहसास हुआ। वादी ने रुपये वापस दिलाने की मांग की।
यह रखें याद :
- व्हाटसएप काॅल करने वाले अंजान व्यक्ति से बात न करें।
- अपने बैंक खाते की डिटेल किसी को न बताएं, ओटीपी शेयर न करें।
- पुलिस अधिकारी बनकर बात करने के मामले की जानकारी तुरंत पुलिस को दें।
- डिजिटल अरेस्ट या वीडियो काल के बारे में पुलिस को जानकारी दें।
- वीडियो काॅल करके पुलिस अधिकारी कभी किसी ने बात नही करतें।
- एपीके फाइल आने पर उसके लिंक को बिल्कुल न छेड़े।
- टेलीग्राम एप के माध्यम से किसी भी ग्रुप में न जुड़े।
इंजीनियर से ठग लिए गए थे 33 लाख
सितंबर माह में ही साइबर अपराधियों ने सेवानिवृत्त इंजीनियर को डिजिटल अरेस्ट कर 33 लाख 33 हजार रुपये ठग लिए थे। सेवानिवृत्त इंजीनियर राजेंद्र गोयल को छह सितंबर की सुबह नौ बजकर सात मिनट पर कॉल कर मनी लॉन्ड्रिंग के मामला बताकर डिजिटल अरेस्ट कर लिया और ठगी की थी। साइबर थाना पुलिस ने कई आरोपी पकड़े हैं।
जागरूकता जरूरी, पुलिस को दें सूचना
एसपी सिटी सत्य नारायण प्रजापत ने कहा कि साइबर ठगी होने पर तुरंत पास के थाने, साइबर थाने पर सूचना ताकि पुलिस जल्द कार्रवाई शुरू कर सकेे। साइबर ठगी होने पर 1930 या www.cybercrime.gov.in पर भी शिकायत करें। साइबर अपराध के प्रति जागरूक रहे।