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Pilibhit News: आधी-अधूरी तैयारियां... नेपाल से आने वाली नदियों से बढ़ेगा खतरा
संवाद न्यूज एजेंसी, पीलीभीत
Updated Thu, 03 Jul 2025 12:47 AM IST
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पीलीभीत। मानसून की बारिश शुरू होते ही तराई के बड़े दायरे में हर साल तबाही मचाने वाली शारदा नदी का खतरा फिर मंडराने लगा है। आधे-अधूरे बचाव कार्य से ग्रामीणों की नींद उड़ी है। नदी किनारे बसे ग्रामीणों का कहना है कि सालभर बचाव कार्य के नाम पर कुछ स्थानों पर जरूर कार्य कराए गए, लेकिन कई संवेदनशील इलाके अछूते रह गए। जो कार्य हुए वह भी क्षतिग्रस्त होने लगे। उन्हें डर सता रहा है कि कहीं नेपाल की तीन नदियों का पानी गिरने के बाद शारदा कई गांवों की स्थिति को न बिगाड़ दे।
शारदा नदी उत्तराखंड के बनबसा क्षेत्र से आगे बढ़ने के बाद नेपाल में प्रवेश करती है। नेपाल में शारदा नदी को महाकाली नदी के नाम से जाना जाता है। महाकाली में नेपाल के पहाड़ी इलाकों की कई नदियां और नाले जुड़ते हैं। उत्तर प्रदेश की सीमा में प्रवेश करते ही नेपाल की जगबूड़ा नदी का संगम भी नोमेंस लैंड पर ही होता है। इससे शारदा नदी के पानी का प्रवाह और भी तेज हो जाता है। इतना ही नहीं अंतरराष्ट्रीय पिलर 28 के समीप नेपाल की बमनी नदी भी शारदा में आकर मिलती है। दोनों नदियों के मिलने से शारदा के जलस्तर में अक्सर उतार-चढ़ाव होने लगता है। नेपाल के पहाड़ी क्षेत्रों का पानी महाकाली नदी, जगबूड़ा और बमनी नदी में एक साथ आकर गिरता है। ऐसे में खतरा बना रहता है कि नेपाल की नदियों के पानी का रुख भारतीय इलाकों की ओर मुड़ने की स्थिति में भारतीय सीमा क्षेत्र के गांवों में भारी तबाही हो सकती है।
इधर तीन दिन पूर्व हुई बारिश के शारदा का जलस्तर 1.15 लाख क्यूसेक पहुंच गया था। इतने ही जलस्तर में नदी ने भूड़ागोरख डिब्बी क्षेत्र में स्पर संख्या 25,26 के आगे के भाग को क्षतिग्रस्त कर दिया था। ऐसे में ग्रामीणों को शारदा की तबाही का डर सताने लगा है।
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शारदा नदी उत्तराखंड के बनबसा क्षेत्र से आगे बढ़ने के बाद नेपाल में प्रवेश करती है। नेपाल में शारदा नदी को महाकाली नदी के नाम से जाना जाता है। महाकाली में नेपाल के पहाड़ी इलाकों की कई नदियां और नाले जुड़ते हैं। उत्तर प्रदेश की सीमा में प्रवेश करते ही नेपाल की जगबूड़ा नदी का संगम भी नोमेंस लैंड पर ही होता है। इससे शारदा नदी के पानी का प्रवाह और भी तेज हो जाता है। इतना ही नहीं अंतरराष्ट्रीय पिलर 28 के समीप नेपाल की बमनी नदी भी शारदा में आकर मिलती है। दोनों नदियों के मिलने से शारदा के जलस्तर में अक्सर उतार-चढ़ाव होने लगता है। नेपाल के पहाड़ी क्षेत्रों का पानी महाकाली नदी, जगबूड़ा और बमनी नदी में एक साथ आकर गिरता है। ऐसे में खतरा बना रहता है कि नेपाल की नदियों के पानी का रुख भारतीय इलाकों की ओर मुड़ने की स्थिति में भारतीय सीमा क्षेत्र के गांवों में भारी तबाही हो सकती है।
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इधर तीन दिन पूर्व हुई बारिश के शारदा का जलस्तर 1.15 लाख क्यूसेक पहुंच गया था। इतने ही जलस्तर में नदी ने भूड़ागोरख डिब्बी क्षेत्र में स्पर संख्या 25,26 के आगे के भाग को क्षतिग्रस्त कर दिया था। ऐसे में ग्रामीणों को शारदा की तबाही का डर सताने लगा है।