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Raebareli News: अनुदानित यूरिया से बना रहे थे गोंद, एफआईआर दर्ज
संवाद न्यूज एजेंसी, रायबरेली
Updated Wed, 26 Nov 2025 12:51 AM IST
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रायबरेली। किसानों को मिलने वाली अनुदानित यूरिया का प्रयोग गोंद बनाने में किया जा रहा था। नमूने की लैब जांच में हुए इस खुलासे के बाद जिला कृषि अधिकारी अखिलेश पांडेय ने सोमवार रात सदर कोतवाली में फैक्टरी और प्रोपराइटर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। जिला कृषि अधिकारी के मुताबिक औद्योगिक इकाइयों में गोंद बनाने के लिए टेक्निकल ग्रेड यूरिया इस्तेमाल का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें प्रयोग में लाई जाने वाली यूरिया में सरकार अनुदान नहीं देती है।
अगस्त 2025 में पावर हाउस खतराना स्थित फैक्टरी से खाद का नमूना लेकर जांच के लिए फोरेंसिक लैब वाराणसी भेजा गया था। जांच में यूरिया में नीम ऑयल कंटेंट पाया गया। इससे पता चलता है कि गोंद बनाने के लिए फैक्टरी में अनुदानित यूरिया का प्रयोग किया जा रहा था। टेक्निकल ग्रेड यूरिया में नीम ऑयल कंटेंट नहीं पाया जाता है। सदर कोतवाली प्रभारी शिवशंकर सिंह ने बताया कि जिला कृषि अधिकारी की तहरीर पर उपभोक्ता मेसर्स न्यू दुआ इंडस्ट्रीज और श्री महिपाल सिंह शेखावत प्रोप्राइटर आपूर्तिकर्ता मेसर्स इकोलैब कैमैक्स के पुलिस में केस दर्ज कराया है। (संवाद)
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अगस्त 2025 में पावर हाउस खतराना स्थित फैक्टरी से खाद का नमूना लेकर जांच के लिए फोरेंसिक लैब वाराणसी भेजा गया था। जांच में यूरिया में नीम ऑयल कंटेंट पाया गया। इससे पता चलता है कि गोंद बनाने के लिए फैक्टरी में अनुदानित यूरिया का प्रयोग किया जा रहा था। टेक्निकल ग्रेड यूरिया में नीम ऑयल कंटेंट नहीं पाया जाता है। सदर कोतवाली प्रभारी शिवशंकर सिंह ने बताया कि जिला कृषि अधिकारी की तहरीर पर उपभोक्ता मेसर्स न्यू दुआ इंडस्ट्रीज और श्री महिपाल सिंह शेखावत प्रोप्राइटर आपूर्तिकर्ता मेसर्स इकोलैब कैमैक्स के पुलिस में केस दर्ज कराया है। (संवाद)
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