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Raebareli News: घर बैठे काम कर रहे मीटर रीडर, साल भर बाद पहुंच रहा बिजली का बिल
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रायबरेली। जिले में मीटर रीडरों की मनमानी बिजली उपभोक्ताओं पर भारी पड़ रही है। कई बार चेतावनी के बाद इनकी कार्यशैली में सुधार नहीं हाे रहा है। रीडरों की मनमानी रोकने के लिए हर उपखंड स्तर पर सुपरवाइजर की तैनाती की गई। इसके बावजूद कार्य में सुधार नहीं हो रहा है। यही वजह है कि उपभोक्ताओं को त्रुटिपूर्ण बिजली के बिल मिल रहे हैं। 1300 उपभोक्ताओं पर एक मीटर रीडर की तैनाती होनी चाहिए, लेकिन रीडरों की कमी के चलते उपभोक्ताओं को परेशानी झेलनी पड़ रही है। एजेंसी जिन रीडरों को रखे हुए हैं, वहीं कभी कभार ही उपभोक्ताओं के घर पहुंचते हैं।
एक लाख का बिल थमाया
लालगंज कस्बे के रहने वाले लालता प्रसाद का दो किलोवाट का कनेक्शन है। उनका कहना है कि हर महीने आठ सौ से 1000 रुपये के बीच बिजली का बिल आता था। नवंबर महीने में उन्हें एक लाख रुपये का बिल थमा दिया गया। मीटर की रीडिंग लेने कोई नहीं आता है। एक साल बाद रीडर रीडिंग निकालने आया था। अब वह बिल संशोधन के लिए अभियंताओं के चक्कर लगा रहे हैं।
कभी नहीं आता मीटर रीडर
ऊंचाहार कस्बे में किराना की दुकान चलाने वाले आशुतोष ने बताया कि उनका तीन किलोवाट का कनेक्शन है। स्मार्ट मीटर लगने के बाद उन्हें एक लाख रुपया का बिल थमा दिया गया। बताया गया कि मीटर में रीडिंग स्टोर थी। उनका कहना है कि वह हर महीने बिजली बिल जमा करते हैं। मीटर रीडर कभी बिल निकालने नहीं आता है। अब बिल सुधरवाने के लिए अधिकारी दौड़ा रहे हैं।
नहीं सुन रहे अधिकारी
सलोन के रहने वाले अब्दुल वहाब ने बताया कि उनके यहां एक किलोवाट का कनेक्शन है। कस्बे में रीडिंग लेकर बिल निकालने कोई नहीं आता है। सितंबर महीने में उन्हें 46 हजार रुपये का बिल थमाया गया, जबकि वह हर महीने बिजली का बिल जमा करते हैं। एक साथ 46 हजार रुपये का बिल जमा करने में दिक्कत आ रही है। अधिकारी भी समस्या पर ध्यान नहीं दे रहे हैं।
घर बैठ कर काम करने वाले होंगे बाहर
घर बैठकर काम करने वाले मीटर रीडरों को बाहर किया जाएगा। कार्यदायी एजेंसी को निर्देश दिए गए हैं कि रीडर घर जाकर बिजली का बिल बनाए। यदि कोई घर बैठे काम कर रहा है, तो उन्हें बाहर किया जाएगा। -रामकुमार, मुख्य अभियंता पावर कॉर्पोरेशन
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एक लाख का बिल थमाया
लालगंज कस्बे के रहने वाले लालता प्रसाद का दो किलोवाट का कनेक्शन है। उनका कहना है कि हर महीने आठ सौ से 1000 रुपये के बीच बिजली का बिल आता था। नवंबर महीने में उन्हें एक लाख रुपये का बिल थमा दिया गया। मीटर की रीडिंग लेने कोई नहीं आता है। एक साल बाद रीडर रीडिंग निकालने आया था। अब वह बिल संशोधन के लिए अभियंताओं के चक्कर लगा रहे हैं।
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कभी नहीं आता मीटर रीडर
ऊंचाहार कस्बे में किराना की दुकान चलाने वाले आशुतोष ने बताया कि उनका तीन किलोवाट का कनेक्शन है। स्मार्ट मीटर लगने के बाद उन्हें एक लाख रुपया का बिल थमा दिया गया। बताया गया कि मीटर में रीडिंग स्टोर थी। उनका कहना है कि वह हर महीने बिजली बिल जमा करते हैं। मीटर रीडर कभी बिल निकालने नहीं आता है। अब बिल सुधरवाने के लिए अधिकारी दौड़ा रहे हैं।
नहीं सुन रहे अधिकारी
सलोन के रहने वाले अब्दुल वहाब ने बताया कि उनके यहां एक किलोवाट का कनेक्शन है। कस्बे में रीडिंग लेकर बिल निकालने कोई नहीं आता है। सितंबर महीने में उन्हें 46 हजार रुपये का बिल थमाया गया, जबकि वह हर महीने बिजली का बिल जमा करते हैं। एक साथ 46 हजार रुपये का बिल जमा करने में दिक्कत आ रही है। अधिकारी भी समस्या पर ध्यान नहीं दे रहे हैं।
घर बैठ कर काम करने वाले होंगे बाहर
घर बैठकर काम करने वाले मीटर रीडरों को बाहर किया जाएगा। कार्यदायी एजेंसी को निर्देश दिए गए हैं कि रीडर घर जाकर बिजली का बिल बनाए। यदि कोई घर बैठे काम कर रहा है, तो उन्हें बाहर किया जाएगा। -रामकुमार, मुख्य अभियंता पावर कॉर्पोरेशन