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Raebareli News: बिचौलियों ने कुबूला, अवैध वसूली में शामिल रहे एआरटीओ-पीटीओ

Lucknow Bureau लखनऊ ब्यूरो
Updated Mon, 24 Nov 2025 01:02 AM IST
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Middlemen confessed that ARTO-PTO were involved in illegal recovery.
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रायबरेली। ओवरलोड वाहनों से अवैध वसूली के मामले में बिचौलियों के बयान दर्ज हो गए हैं। सूत्रों का दावा है कि बयान में बिचौलियों ने अवैध वसूली किए जाने की बात स्वीकार की है। दोनों ने रायबरेली-फतेहपुर के एआरटीओ-पीटीओ के भी इसमें शामिल होने की बात बताई है। हालांकि, यह भी कहा कि उन्होंने दोनों जिलों के एआरटीओ-पीटीओ से बात नहीं की, लेकिन उनसे जुड़े लोगों के जरिये ही वह उन तक रुपये पहुंचाते थे। दोनों बिचौलियों के मोबाइल फोन फोरेंसिक लैब भेजे गए हैं, ताकि इस गिरोह से जुड़े अन्य बिचौलियों, अफसरों व कर्मचारियों पर कानूनी शिकंजा कसा जा सके।
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बीते दिनों लालगंज कोतवाली क्षेत्र के अंबारा पश्चिम निवासी मोहित सिंह, अयोध्या जिले के बेजू पुरवा टिहुरा निवासी ट्रक चालक सुनील यादव, एआरटीओ प्रवर्तन फतेहपुर पुष्पांजली, उनके चालक सिकंदर, यात्रीकर अधिकारी (पीटीओ) फतेहपुर अखिलेश तिवारी, उनके चालक अशोक तिवारी, एआरटीओ प्रवर्तन रायबरेली अंबुज, उनके दीवान नौशाद, पीटीओ रायबरेली रेहाना, उनके चालक सुशील और मिथुन के खिलाफ लालगंज कोतवाली में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम आदि की धारा में एफआईआर दर्ज की गई थी।
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मामले में एसटीएफ ने बिचौलिए मोहित सिंह और ट्रक चालक सुनील यादव को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के विशेष कोर्ट लखनऊ में पेश करने के बाद जेल भेजा था। शेष आरोपी अभी पकड़ से दूर हैं। बताते हैं कि विवेचक सीओ लालगंज अमित सिंह ने लखनऊ जाकर जेल में आरोपी मोहित व सुनील यादव के बयान दर्ज किए। दोनों से पूछताछ करके जानने का प्रयास किया कि अवैध वसूली के कार्य में कब से जुड़े थे और इसमें कौन-कौन लोग शामिल हैं। आरोपियों ने बयान में रायबरेली, फतेहपुर के तमाम ऐसे बिचौलियों के नाम बताए हैं, जो इस कार्य में करीब दो साल से जुड़े हैं। विवेचक ने दोनों आरोपियों से प्रकरण से जुड़ी अन्य जानकारियां लीं।
चूंकि एफआईआर एसटीएफ के उपनिरीक्षक अमित कुमार ने दर्ज कराई है, ऐसे में सीओ ने उपनिरीक्षक से भी पूरे प्रकरण की जानकारी ली। साथ ही वादी से इस प्रकरण से जुड़े साक्ष्यों का संकलन भी किया। सीओ का कहना है कि आरोपियों के बयान दर्ज कर लिए गए हैं। मोबाइल भी फोरेंसिक भेजे गए हैं। रायबरेली-फतेहपुर के एआरटीओ-पीटीओ आदि आरोपियों के बारे में साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं। इसके बाद सभी की गिरफ्तारी होगी।
इनसेट
अधिकारियों से सेटिंग होने पर मैनेज होता था काम
पूछताछ में बिचौलिए मोहित ने बताया है कि एआरटीओ फतेहपुर पुष्पांजली के चालक सिकंदर को 2500 रुपये प्रतिगाड़ी प्रति महीने की दर से देता था। पीटीओ फतेहपुर अखिलेश चतुर्वेदी के चालक अशोक तिवारी को भी इतना पैसा देता था। एआरटीओ रायबरेली अंबुज के दीवान नौशाद को 3500 रुपये और पीटीओ रायबरेली रेहाना के चालक सुशील को 1500 रुपये प्रतिमाह प्रतिगाड़ी का देता था। साथ ही वह अलग से प्रतिगाड़ी 500 रुपये लेता था। अधिकारियों से सेटिंग होने से काम आसानी से मैनेज हो जाता था।
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