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Raebareli News: सिस्टम की अनदेखी से गई श्रमिकों की जान
संवाद न्यूज एजेंसी, रायबरेली
Updated Thu, 25 Dec 2025 01:09 AM IST
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नसीरबाद थाना क्षेत्र में घटनास्थल पर लगी ग्रामीणों की भीड़।
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नसीराबाद (रायबरेली)। सिस्टम की लापरवाही से बुधवार को दो श्रमिकों की जान चली गई। क्षेत्रीय लोगों का आरोप है कि पुलिस और राजस्वकर्मियों की मिलीभगत से बिना अनुमति के दो माह से मिट्टी का खनन चल रहा था। अवैध खनन के स्थान से चंद कदम दूरी पर नसीराबाद थाना भी है। बावजूद इसके जिम्मेदारों ने इस पर रोक क्यों नहीं लगाई।
खनन विभाग के अधिकारी व कर्मचारी भी इसके लिए कम जिम्मेदार नहीं हैं। क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि मामले की सही तरीके से जांच हुई तो संबंधित विभाग के कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई हो सकेगी। नसीराबाद कस्बे के बृजेश कुमार कोरी और बृजलाल की जिस तरह हादसे में मौत हुई, उससे लोगों में आक्रोश है। घटना के बाद पुलिस व राजस्वकर्मी मौके पर पहुंचे तो उनके सामने ही लोग घटना को लेकर नाराजगी जताने लगे।
लोग कहने लगे कि दो माह से मिट्टी खनन हो रहा था तो इस पर रोक क्यों नहीं लगाई गई। कहा जा रहा है कि नसीराबाद थाने में तैनात दो सिपाहियों के शह पर खनन होता है। एक रात में जेसीबी से मिट्टी खनन पर 12 हजार रुपये वसूले जाते हैं। ट्रैक्टर-ट्राॅली मालिकों से चार हजार रुपये प्रतिमाह की वसूली होती है।
राजस्वकर्मी और खनन विभाग के अधिकारी व कर्मचारियों की भूमिका को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। अपर पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार सिन्हा का कहना है कि मामले की जांच कराई जाएगी। पुलिसकर्मी की भूमिका पाई जाती है तो कार्रवाई होगी।
परिवार पर टूटा गमों का पहाड़
दिहाड़ी श्रमिकों की मौत से परिवार पर गमों का पहाड़ टूट पड़ा है। मृतक बृजेश कुमार कोरी चार भाइयों में सबसे छोटे थे। उनके बड़े भाई दिलीप कुमार, विनोद कुमार और महेंद्र कुमार हैं। बेटे की असामयिक मौत से उनकी मां उर्मिला देवी रह-रहकर रो पड़ती हैं। कहती हैं कि लापरवाही के चलते उनके बेटे की मौत हुई है।
मामले में कार्रवाई की जाए। उधर, मृतक बृजलाल परिवार में अकेले कमाने वाले थे। उनकी मौत से परिवार पर आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। पत्नी विमला देवी और माता मायावती घटना की सूचना से बदहवास हैं। बृजलाल की एक बेटी संगीता की शादी हो चुकी है, जबकि दूसरी बेटी रीता देवी अभी घर पर ही रहती हैं।
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खनन विभाग के अधिकारी व कर्मचारी भी इसके लिए कम जिम्मेदार नहीं हैं। क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि मामले की सही तरीके से जांच हुई तो संबंधित विभाग के कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई हो सकेगी। नसीराबाद कस्बे के बृजेश कुमार कोरी और बृजलाल की जिस तरह हादसे में मौत हुई, उससे लोगों में आक्रोश है। घटना के बाद पुलिस व राजस्वकर्मी मौके पर पहुंचे तो उनके सामने ही लोग घटना को लेकर नाराजगी जताने लगे।
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लोग कहने लगे कि दो माह से मिट्टी खनन हो रहा था तो इस पर रोक क्यों नहीं लगाई गई। कहा जा रहा है कि नसीराबाद थाने में तैनात दो सिपाहियों के शह पर खनन होता है। एक रात में जेसीबी से मिट्टी खनन पर 12 हजार रुपये वसूले जाते हैं। ट्रैक्टर-ट्राॅली मालिकों से चार हजार रुपये प्रतिमाह की वसूली होती है।
राजस्वकर्मी और खनन विभाग के अधिकारी व कर्मचारियों की भूमिका को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। अपर पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार सिन्हा का कहना है कि मामले की जांच कराई जाएगी। पुलिसकर्मी की भूमिका पाई जाती है तो कार्रवाई होगी।
परिवार पर टूटा गमों का पहाड़
दिहाड़ी श्रमिकों की मौत से परिवार पर गमों का पहाड़ टूट पड़ा है। मृतक बृजेश कुमार कोरी चार भाइयों में सबसे छोटे थे। उनके बड़े भाई दिलीप कुमार, विनोद कुमार और महेंद्र कुमार हैं। बेटे की असामयिक मौत से उनकी मां उर्मिला देवी रह-रहकर रो पड़ती हैं। कहती हैं कि लापरवाही के चलते उनके बेटे की मौत हुई है।
मामले में कार्रवाई की जाए। उधर, मृतक बृजलाल परिवार में अकेले कमाने वाले थे। उनकी मौत से परिवार पर आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। पत्नी विमला देवी और माता मायावती घटना की सूचना से बदहवास हैं। बृजलाल की एक बेटी संगीता की शादी हो चुकी है, जबकि दूसरी बेटी रीता देवी अभी घर पर ही रहती हैं।
