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Raebareli News: गौरी गांव के आसपास दबिश, नहीं लगा सुराग
संवाद न्यूज एजेंसी, रायबरेली
Updated Fri, 19 Sep 2025 01:33 AM IST
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रायबरेली। फाफामऊ-ऊंचाहार रेलमार्ग पर नौचंदी एक्सप्रेस को पलटाने की साजिश में अब तक कोई सफलता नहीं मिल सकी है। प्रतापगढ़ जिले के नवाबगंज थाने की पुलिस ने बृहस्पतिवार को भी घटनास्थल वाले गांव गौरी के साथ ही आसपास के इलाकों में दबिश दी। रायबरेली-प्रतापगढ़ जिले की सीमा क्षेत्र के रेलवे ट्रैक किनारे बसे गांवों में भी दबिश दी गई। चार संदिग्धों को पकड़ कर पूछताछ भी की, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकल सका है।
दूसरी तरफ रेलवे सुरक्षा बल अपने स्तर पर छानबीन करते हुए संदिग्धों को चिह्नित कर उन पर नजर रख रही है, ताकि कोई सुराग हाथ लग सके। मंगलवार की रात प्रतापगढ़ जिले के नवाबगंज थाना क्षेत्र में गौरी गांव के पास रेलवे ट्रैक पर स्लीपर रखा गया था, जिससे प्रयागराज से सहारनपुर जाने वाली नौचंदी एक्सप्रेस टकरा गई थी। टक्कर इतनी जोरदार थी कि स्लीपर उछल कर ट्रैक के नीचे पुलिया की दीवार को क्षतिग्रस्त करता हुए गिर गया था। स्लीपर भी टूट गया था। लोको पायलट की सूझबूझ से बड़ा हादसा टल गया था। इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन रोक ली गई थी। घटना में रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ऊंचाहार के उपनिरीक्षक हेमंत यादव ने नवाबगंज थाने में रेलवे एक्ट के तहत केस दर्ज कराया था।
विभागीय जांच में साफतौर पर पाया गया कि ट्रैक से दूर रखे स्लीपर को उठाकर पटरी पर रखा गया था। इससे जाहिर है कि ट्रेन पलटाने की साजिश की गई थी। इसीलिए रेलवे संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के इरादे से किया गया कृत्य बताते हुए अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट लिखाई गई थी। वारदात में शामिल लोगों की गिरफ्तारी के लिए नवाबगंज थाने की पुलिस और रेलवे सुरक्षा बल लगातार प्रयास कर रही है।
आरपीएफ के एसआई हेमंत यादव का कहना है कि अब तक की छानबीन में कुछ संदिग्धों के बारे में पता चला है, जिन्हें पकड़ने के लिए बृहस्पतिवार को आसपास के गांवों में छापा मारा गया। चार संदिग्धों से पूछताछ की गई है, लेकिन अभी कोई पुख्ता सुराग हाथ नहीं लगा है। संदिग्ध लोगों के मोबाइल नंबर भी सर्विलांस पर लगा दिए गए हैं, ताकि उनकी गतिविधियों पर नजर रहे। नवाबगंज के थाना प्रभारी संतोष सिंह ने बताया कि घटना की गंभीरता को देखते हुए जांच में कोई कसर नहीं रखी जा रही है। गौरी गांव समेत आसपास के कई गांवों में छानबीन की गई है।

दूसरी तरफ रेलवे सुरक्षा बल अपने स्तर पर छानबीन करते हुए संदिग्धों को चिह्नित कर उन पर नजर रख रही है, ताकि कोई सुराग हाथ लग सके। मंगलवार की रात प्रतापगढ़ जिले के नवाबगंज थाना क्षेत्र में गौरी गांव के पास रेलवे ट्रैक पर स्लीपर रखा गया था, जिससे प्रयागराज से सहारनपुर जाने वाली नौचंदी एक्सप्रेस टकरा गई थी। टक्कर इतनी जोरदार थी कि स्लीपर उछल कर ट्रैक के नीचे पुलिया की दीवार को क्षतिग्रस्त करता हुए गिर गया था। स्लीपर भी टूट गया था। लोको पायलट की सूझबूझ से बड़ा हादसा टल गया था। इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन रोक ली गई थी। घटना में रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ऊंचाहार के उपनिरीक्षक हेमंत यादव ने नवाबगंज थाने में रेलवे एक्ट के तहत केस दर्ज कराया था।
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विभागीय जांच में साफतौर पर पाया गया कि ट्रैक से दूर रखे स्लीपर को उठाकर पटरी पर रखा गया था। इससे जाहिर है कि ट्रेन पलटाने की साजिश की गई थी। इसीलिए रेलवे संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के इरादे से किया गया कृत्य बताते हुए अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट लिखाई गई थी। वारदात में शामिल लोगों की गिरफ्तारी के लिए नवाबगंज थाने की पुलिस और रेलवे सुरक्षा बल लगातार प्रयास कर रही है।
आरपीएफ के एसआई हेमंत यादव का कहना है कि अब तक की छानबीन में कुछ संदिग्धों के बारे में पता चला है, जिन्हें पकड़ने के लिए बृहस्पतिवार को आसपास के गांवों में छापा मारा गया। चार संदिग्धों से पूछताछ की गई है, लेकिन अभी कोई पुख्ता सुराग हाथ नहीं लगा है। संदिग्ध लोगों के मोबाइल नंबर भी सर्विलांस पर लगा दिए गए हैं, ताकि उनकी गतिविधियों पर नजर रहे। नवाबगंज के थाना प्रभारी संतोष सिंह ने बताया कि घटना की गंभीरता को देखते हुए जांच में कोई कसर नहीं रखी जा रही है। गौरी गांव समेत आसपास के कई गांवों में छानबीन की गई है।