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Raebareli News: अंडरलोड वाहनों से बढ़ी परिवहन की लागत, मकान बनवाना हुआ महंगा

संवाद न्यूज एजेंसी, रायबरेली Updated Fri, 21 Nov 2025 01:09 AM IST
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Underloaded vehicles increase transportation costs, making house construction more expensive
लालगंज कस्बे में मौरंग और गिट्टियों से लदे खड़े ट्रक।
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लालगंज। ओवरलोडिंग पर सख्ती के कारण ट्रकों में सीमित मात्रा में ही माल भेजा जा रहा है। इससे परिवहन की लागत की लागत के साथ मकान बनाने वाले लोगों की जेब का बोझ भी बढ़ गया है। ट्रकों की अंडरलोडिंग से सीधा असर बिल्डिंग मटेरियल के दामों पर पड़ा है। पिछले दो सप्ताह में मौरंग, गिट्टी और कंक्रीट के दामों में बढ़ोतरी दर्ज हुई है। मकान बनाने वाले लोग दाम कम होने का इंतजार कर रहे हैं।
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बिल्डिंग मटेरियल कारोबारी शिवम मिश्रा ने बताया कि अंडरलोड चलने वाले वाहनों का किराया पहले से काफी बढ़ गया है। इसी कारण मौरंग और गिट्टी के दाम सप्ताह दर सप्ताह बढ़ रहे हैं। उन्होंने बताया कि बांदा की मोटी मौरंग अब 55 से 60 रुपये प्रति फीट बिक रही है। पहले यही मौरंग 40 से 45 रुपये प्रति फीट के बीच मिलती थी। उन्होंने बताया कि ओती मौरंग की कीमतें भी बढ़ गई हैं। मोटी ओती मौरंग 35 से 40 रुपये प्रति फीट और महीन ओती 32 से 35 रुपये प्रति फीट बिक रही है।
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इसी तरह कंक्रीट की कीमतों में भी बड़ा अंतर आया है। मौरंग गिट्टी व्यापारी मेवा लाल यादव ने बताया कि बाजार में दाम स्थिर नहीं हैं। प्रतिदिन में उतार चढ़ाव दिख रहा है। मौरंग और गिट्टी के दामों में लगभग 10 से 15 रुपये प्रति फीट तक का अंतर आया है। उन्होंने बताया कि जो मौरंग पहले 40 रुपये प्रति फीट में उपलब्ध थी, वह अब 50 से 55 रुपये प्रति फीट में बिक रही है। लगातार बढ़ती कीमतों से न केवल निर्माण कार्य प्रभावित हुआ है, बल्कि मटेरियल की मांग भी कम हो गई है। व्यापारियों ने कहा कि यदि हालात ऐसे ही रहे तो आने वाले दिनों में दाम और बढ़ सकते हैं।

मौरंग मंडी में अब वो रौनक नहीं

फतेहपुर रोड स्थित सेमरपहा गांव के पास लगने वाली अस्थाई मौरंग मंडी अब सूनी पड़ गई है। कुछ दिन पहले तक यहां तड़के से ही ट्रकों और डंपरों की लंबी कतारें लग जाती थीं। पूरे दिन मंडी गुलजार रहती थी। अब हालात पूरी तरह बदल गए हैं। गेगासों गंगापुल बंद होने के बाद अब एसटीएफ की कार्रवाई और प्रशासन की सख्ती से यहां ट्रकों और डंपरों की आवाजाही कम हो गई है। मंडी में अब सिर्फ एक दो डंपर ही दिखाई देते हैं। सबसे बड़ा बदलाव नंबर प्लेट में दिख रहा है, जहां पहले वाहन नंबर कालिख से ढके रहते थे अब वहीं पीली पट्टी पर काले अक्षरों को साफ पढ़ा जा सकता है।
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