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Saharanpur News: सफेद हाथी बनी करोड़ों रुपये की टंकी, पेयजल को तरसे ग्रामीण
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शिकायत के बाद भी नहीं सुनते अधिकारी, मिलता है बस आश्वासन
पड़ताल :
फोटो सहित
संवाद न्यूज एजेंसी
नागल। नागल ब्लॉक के ग्राम पहाड़पुर में जल निगम द्वारा तीन करोड़ 18 लाख रुपये की लागत से निर्मित पानी की टंकी ग्रामीणों के लिए सफेद हाथी बनी है। टंकी निर्माण पूरा होने के बावजूद गांव को स्वच्छ जल उपलब्ध नहीं हो पा रहा है, जिससे ग्रामीणों में भारी रोष व्याप्त है।
गांव निवासी आकाश ने अमर उजाला के मेरी आवाज सुनो कॉलम में शिकायत भेजी थी। इसके बाद टीम ने गांव में पहुंचकर पड़ताल की। टंकी परिसर में चारों ओर बड़ी-बड़ी घास उग चुकी हैं, जिससे साफ प्रतीत होता है कि कई सप्ताह से कोई रखरखाव नहीं हुआ है। ग्रामीणों ने बताया कि गांव में पाइपलाइन तो बिछा दी गई है, लेकिन टंकी को अब तक पूर्ण रूप से संचालित नहीं किया गया है। लगभग तीन माह पूर्व एक बार टंकी काे ट्रायल के लिए चलाया गया था, जिसे बाद में बंद कर दिया गया। इसके बाद से गांव में पानी की सप्लाई नहीं हो पा रही है, उन्हें दूषित पानी पीना पड़ रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि पाइपलाइन में घटिया गुणवत्ता के पाइप लगाए गए हैं। जैसे ही टंकी पूरी क्षमता से चलाई जाएगी, पाइप फटने की आशंका बनी है। ग्रामीणों ने जल्द से जल्द टंकी से पेयजल आपूर्ति बहाल कराने की मांग की है।
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बिजली के कनेक्शन सहित कुछ काम अभी अधूरा है। जैसे ही इसके लिए धनराशि आवंटित होगी। कार्य पूरा कराते हुए पेयजल आपूर्ति बहाल करा दी जाएगी। घटिया गुणवत्ता के पाइप लगाने के आरोप गलत हैं। जनरेटर से टंकी की ट्राई की गई थी, जो पूरी तरह सफल रही।
दुष्यंत कुमार, जेई जल निगम सहारनपुर
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ग्रामीण बोले-- -- -- --
-जोगेंद्र सैनी का कहना है की करोड़ों रुपये की लागत लगाकर विभाग ने टंकी का निर्माण कराया है। इसके बाद भी ग्रामीणों को पेयजल उपलब्ध नहीं हो पा रहा है।
- मास्टर संदीप सैनी ने बताया कि कागजों में टंकी का निर्माण पूर्ण हो चुका है, लेकिन धरातल पर अभी भी तक कार्य अधूरा है। अधिकारियों की लापरवाही इसके लिए जिम्मेदार है।
-मोहम्मद कदीर का कहना है कि टंकी परिसर में बड़ी-बड़ी घास उग चुकी है। इसकी देखरेख तक के लिए किसी को तैनात नहीं किया गया है। अभी तक टंकी की फिटिंग भी पूरी नहीं हुई है, जिससे विभाग की निगम स्पष्ट नजर आती है।
- मोहम्मद अनस का कहना है कि टंकी का निर्माण होने से आस जगी थी कि गरीबों को भी स्वच्छ पेयजल मिलेगा, लेकिन अब यह उम्मीद टूट रही है।
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संवाद न्यूज एजेंसी
नागल। नागल ब्लॉक के ग्राम पहाड़पुर में जल निगम द्वारा तीन करोड़ 18 लाख रुपये की लागत से निर्मित पानी की टंकी ग्रामीणों के लिए सफेद हाथी बनी है। टंकी निर्माण पूरा होने के बावजूद गांव को स्वच्छ जल उपलब्ध नहीं हो पा रहा है, जिससे ग्रामीणों में भारी रोष व्याप्त है।
गांव निवासी आकाश ने अमर उजाला के मेरी आवाज सुनो कॉलम में शिकायत भेजी थी। इसके बाद टीम ने गांव में पहुंचकर पड़ताल की। टंकी परिसर में चारों ओर बड़ी-बड़ी घास उग चुकी हैं, जिससे साफ प्रतीत होता है कि कई सप्ताह से कोई रखरखाव नहीं हुआ है। ग्रामीणों ने बताया कि गांव में पाइपलाइन तो बिछा दी गई है, लेकिन टंकी को अब तक पूर्ण रूप से संचालित नहीं किया गया है। लगभग तीन माह पूर्व एक बार टंकी काे ट्रायल के लिए चलाया गया था, जिसे बाद में बंद कर दिया गया। इसके बाद से गांव में पानी की सप्लाई नहीं हो पा रही है, उन्हें दूषित पानी पीना पड़ रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि पाइपलाइन में घटिया गुणवत्ता के पाइप लगाए गए हैं। जैसे ही टंकी पूरी क्षमता से चलाई जाएगी, पाइप फटने की आशंका बनी है। ग्रामीणों ने जल्द से जल्द टंकी से पेयजल आपूर्ति बहाल कराने की मांग की है।
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बिजली के कनेक्शन सहित कुछ काम अभी अधूरा है। जैसे ही इसके लिए धनराशि आवंटित होगी। कार्य पूरा कराते हुए पेयजल आपूर्ति बहाल करा दी जाएगी। घटिया गुणवत्ता के पाइप लगाने के आरोप गलत हैं। जनरेटर से टंकी की ट्राई की गई थी, जो पूरी तरह सफल रही।
दुष्यंत कुमार, जेई जल निगम सहारनपुर
ग्रामीण बोले
-जोगेंद्र सैनी का कहना है की करोड़ों रुपये की लागत लगाकर विभाग ने टंकी का निर्माण कराया है। इसके बाद भी ग्रामीणों को पेयजल उपलब्ध नहीं हो पा रहा है।
- मास्टर संदीप सैनी ने बताया कि कागजों में टंकी का निर्माण पूर्ण हो चुका है, लेकिन धरातल पर अभी भी तक कार्य अधूरा है। अधिकारियों की लापरवाही इसके लिए जिम्मेदार है।
-मोहम्मद कदीर का कहना है कि टंकी परिसर में बड़ी-बड़ी घास उग चुकी है। इसकी देखरेख तक के लिए किसी को तैनात नहीं किया गया है। अभी तक टंकी की फिटिंग भी पूरी नहीं हुई है, जिससे विभाग की निगम स्पष्ट नजर आती है।
- मोहम्मद अनस का कहना है कि टंकी का निर्माण होने से आस जगी थी कि गरीबों को भी स्वच्छ पेयजल मिलेगा, लेकिन अब यह उम्मीद टूट रही है।