{"_id":"686582df1da030263007710d","slug":"mistakes-in-gis-survey-photo-on-bills-is-of-someones-building-and-name-is-of-someone-else-saharanpur-news-c-30-1-smrt1053-153069-2025-07-03","type":"story","status":"publish","title_hn":"Saharanpur News: जीआईएस सर्वे में गड़बड़ी, बिलों पर फोटो किसी के भवन का और नाम किसी का","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Saharanpur News: जीआईएस सर्वे में गड़बड़ी, बिलों पर फोटो किसी के भवन का और नाम किसी का
संवाद न्यूज एजेंसी, सहारनपुर
Updated Thu, 03 Jul 2025 12:35 AM IST
विज्ञापन


सहारनपुर। जिस जीआईएस (भौगोलिक सूचना प्रणाली) सर्वे पर सरकार ने करोड़ों रुपये खर्च दिए। उसके तहत निकाले गए बिलों में गड़बड़ियां सामने आ रही हैं। कहीं आवासीय भवनों को व्यावसायिक दर्शाया गया है तो कहीं बिलों पर फोटो किसी और के मकान का छपा है और बिल किसी और व्यक्ति के नाम पर भेजा गया है।
सरकार ने जीआईएस सर्वे कराया है। इसमें कंप्यूटराइज्ड तरीके से भवनों का आकलन किया गया है, जिसके बाद उन पर टैक्स लगाया गया है। देखा गया है कि जीआईएस सर्वे के बाद भवनों का टैक्स कई सौ गुणा तक बढ़ गया है।
इसे लेकर व्यापारी और विपक्ष के पार्षद आंदोलन कर रहे हैं। वह जीआईएस सर्वे को वापस लेने की मांग सरकार से कर रहे हैं। उधर, लोगों के भेजे जा रहे बिलों में सर्वे करने वाली कंपनी की घोर लापरवाही सामने आ रही है। निगम में पहुंच रहीं आपत्तियां इसकी तस्दीक कर रही हैं। बड़ी संख्या में ऐसी आपत्तियां हैं कि आवासीय भवन को व्यावसायिक दर्शाकर टैक्स लगा दिया गया है। कहीं बिलों पर फोटो किसी और व्यक्ति के मकान की छपी है और बिल किसी और के नाम का जारी कर दिया गया है। (संवाद)
विज्ञापन
Trending Videos
सरकार ने जीआईएस सर्वे कराया है। इसमें कंप्यूटराइज्ड तरीके से भवनों का आकलन किया गया है, जिसके बाद उन पर टैक्स लगाया गया है। देखा गया है कि जीआईएस सर्वे के बाद भवनों का टैक्स कई सौ गुणा तक बढ़ गया है।
विज्ञापन
विज्ञापन
इसे लेकर व्यापारी और विपक्ष के पार्षद आंदोलन कर रहे हैं। वह जीआईएस सर्वे को वापस लेने की मांग सरकार से कर रहे हैं। उधर, लोगों के भेजे जा रहे बिलों में सर्वे करने वाली कंपनी की घोर लापरवाही सामने आ रही है। निगम में पहुंच रहीं आपत्तियां इसकी तस्दीक कर रही हैं। बड़ी संख्या में ऐसी आपत्तियां हैं कि आवासीय भवन को व्यावसायिक दर्शाकर टैक्स लगा दिया गया है। कहीं बिलों पर फोटो किसी और व्यक्ति के मकान की छपी है और बिल किसी और के नाम का जारी कर दिया गया है। (संवाद)