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Saharanpur News: न बिल, न कोई रिकॉर्ड, बेच डाले 15,450 कोडिन कफ सिरप
संवाद न्यूज एजेंसी, सहारनपुर
Updated Fri, 05 Dec 2025 12:57 AM IST
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सहारनपुर। जिले से भारी मात्रा में कोडिन युक्त कफ सिरप बेचने का मामला सामने आया है। औषधि निरीक्षक की जांच में खुलासा हुआ कि वीएस फार्मा संचालक ने 15,450 कोडिन युक्त कफ सिरप बिना बिल व रिकॉर्ड के बेच डाले। यह सिरप गाजियाबाद से खरीदे गए थे। औषधि निरीक्षक ने बेहट थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है।
इन दिनों प्रदेशभर में कोडिन युक्त कफ सिरप को लेकर जांच चल रही है। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन आयुक्त के निर्देश पर औषधि निरीक्षक राघवेंद्र सिंह ने 18 नवंबर 2025 को गांव दाउदपुरा में मेडिकल स्टोर मेसर्स वीएस फार्मा का निरीक्षण किया था। इस दौरान वीएस फार्मा पर न तो कोई बिक्री होती मिली और न ही दवाओं का कोई भंडार। प्रोपराइटर पंकज शर्मा मौके पर नहीं थे, जबकि उनके पिता व मां उपस्थित मिले। इसके बाद औषधि निरीक्षक ने पंकज शर्मा को उसके पिता के नंबर से फोन किया कराया। इसमें पंकज ने कोडिन युक्त कफ सिरप खरीदने की बात स्वीकार की।
पंकज को नोटिस देते हुए दवाओं की बिक्री का रिकॉर्ड मांगा गया। अब तक कोडिन युक्त कफ सिरप का पंकज ने खरीद-बिक्री का कोई रिकॉर्ड नहीं दिया और न ही कोई बिल दिए गए। इस पर औषधि निरीक्षक का संदेह गहराया। जांच करने पर सामने आया कि वीएस फार्मा ने कैडीज लाइफसाइंस साहिबाबाद गाजियाबाद से 15,450 शीशी कोडिन युक्त कफ सिरप खरीदी। यह सभी विभिन्न बैच नंबरों की है। अब औषधि निरीक्षक ने वीएस फार्मा संचालक पंकज शर्मा के खिलाफ थाना बेहट में प्राथमिकी दर्ज कराई है। पुलिस ने भी मामले की जांच शुरू कर दी है।
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-- उत्तराखंड व हरियाणा में की गई सप्लाई
वीएस फार्मा संचालक के पास होलसेल ड्रग लाइसेंस है। विभागीय जांच में यह भी सामने आया कि जिले से कोडिन युक्त कफ सिरप की सप्लाई उत्तराखंड और हरियाणा के अलग-अलग जिलों में की गई। संचालक ने विक्रय बिल, स्टॉक रजिस्टर, अभिलेख प्रस्तुत नहीं किए गए। रिपोर्ट में कहा गया है कि कोडिन नारकोटिक श्रेणी की दवा है, जिसका उपयोग केवल चिकित्सक के पर्चे पर किया जाता है।
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-- रिकॉर्ड नहीं देने पर लाइसेंस किया था निरस्त
कोडिन युक्त कफ सिरप का रिकॉर्ड नहीं देने पर औषधि निरीक्षक राघवेंद्र सिंह ने खान मार्केट में एक एजेंसी का ड्रग लाइसेंस निरस्त किया था। इसके बाद लखनऊ एसटीएफ ने छापा मारकर दो सगे भाइयों सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद से जिले में लगातार जांच चल रही है।
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इन दिनों प्रदेशभर में कोडिन युक्त कफ सिरप को लेकर जांच चल रही है। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन आयुक्त के निर्देश पर औषधि निरीक्षक राघवेंद्र सिंह ने 18 नवंबर 2025 को गांव दाउदपुरा में मेडिकल स्टोर मेसर्स वीएस फार्मा का निरीक्षण किया था। इस दौरान वीएस फार्मा पर न तो कोई बिक्री होती मिली और न ही दवाओं का कोई भंडार। प्रोपराइटर पंकज शर्मा मौके पर नहीं थे, जबकि उनके पिता व मां उपस्थित मिले। इसके बाद औषधि निरीक्षक ने पंकज शर्मा को उसके पिता के नंबर से फोन किया कराया। इसमें पंकज ने कोडिन युक्त कफ सिरप खरीदने की बात स्वीकार की।
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पंकज को नोटिस देते हुए दवाओं की बिक्री का रिकॉर्ड मांगा गया। अब तक कोडिन युक्त कफ सिरप का पंकज ने खरीद-बिक्री का कोई रिकॉर्ड नहीं दिया और न ही कोई बिल दिए गए। इस पर औषधि निरीक्षक का संदेह गहराया। जांच करने पर सामने आया कि वीएस फार्मा ने कैडीज लाइफसाइंस साहिबाबाद गाजियाबाद से 15,450 शीशी कोडिन युक्त कफ सिरप खरीदी। यह सभी विभिन्न बैच नंबरों की है। अब औषधि निरीक्षक ने वीएस फार्मा संचालक पंकज शर्मा के खिलाफ थाना बेहट में प्राथमिकी दर्ज कराई है। पुलिस ने भी मामले की जांच शुरू कर दी है।
वीएस फार्मा संचालक के पास होलसेल ड्रग लाइसेंस है। विभागीय जांच में यह भी सामने आया कि जिले से कोडिन युक्त कफ सिरप की सप्लाई उत्तराखंड और हरियाणा के अलग-अलग जिलों में की गई। संचालक ने विक्रय बिल, स्टॉक रजिस्टर, अभिलेख प्रस्तुत नहीं किए गए। रिपोर्ट में कहा गया है कि कोडिन नारकोटिक श्रेणी की दवा है, जिसका उपयोग केवल चिकित्सक के पर्चे पर किया जाता है।
कोडिन युक्त कफ सिरप का रिकॉर्ड नहीं देने पर औषधि निरीक्षक राघवेंद्र सिंह ने खान मार्केट में एक एजेंसी का ड्रग लाइसेंस निरस्त किया था। इसके बाद लखनऊ एसटीएफ ने छापा मारकर दो सगे भाइयों सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद से जिले में लगातार जांच चल रही है।