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Sant Kabir Nagar News: पिछला मुआवजा मिला नहीं चौड़ीकरण की जद में आ गई जमीन

संवाद न्यूज एजेंसी, संत कबीर नगर Updated Mon, 22 Dec 2025 01:49 AM IST
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The previous compensation has not yet been received, and the land has now been affected by the road widening project.
इसी बीएमसीटी मार्ग का किसानों को नहीं मिला है मुआवजा-संवाद
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मेंहदावल। मेंहदावल बाईपास के लिए वर्ष 1989 में अधिग्रहीत जमीन के मुआवजे का पेच आज भी नहीं सुलझा है। सर्किल रेट को लेकर किसानों और प्रशासन के बीच गतिरोध बना हुआ है। इसी बीच बीएमसीटी मार्ग के चौड़ीकरण की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। मुआवजे की राह देख रहे 800 किसानों में दो सौ किसानों की जमीन चौड़ीकरण की जद में आ गई है।
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मेंहदावल क्षेत्र में स्थित बीएमसीटी मार्ग के चौड़ीकरण का कार्य स्वीकृत है। पूर्व में जिस मार्ग से निर्माण होना था, उसमें परिवर्तन कर दिया गया। अब यह सड़क मेंहदावल नगर के मंझरिया तिवारी गांव के बगल से ग्रामीण क्षेत्र होते हुए बीमापार स्थित चौराहे के समीप जुड़ेगी। वही वर्ष 1989 में मेंहदावल नगर क्षेत्र से सटे बायपास मार्ग का निर्माण हुआ जो आगे चलकर तमकुही राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित हो गया। लेकिन, इस सड़क में जिन किसानों से भूमि अधिग्रहित की गई उन किसानों को आज तक मुआवजा नहीं मिल पाया।
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राजाबारी, सोनौरा, एकला शुक्ल, नायक टोला, सीयर समेत कई गांव के करीब चार हजार किसानों की भूमि अधिग्रहित की गई। इसमें 800 किसानों का मुआवजा बाकी है। पीडब्ल्यूडी ने बाराखाल से करमैनी तक अधिग्रहण की गई भूमि के स्वामियों को मुआवजा भुगतान करा दिया। लेकिन नगर से सटे गांव के किसानों को मुआवजा आज तक नही मिला। जब किसान मुआवजे की बात प्रशासनिक अधिकारियों से करते हैं तो उन्हें आश्वासन देकर वापस कर दिया जाता है।

पुराने सर्किल रेट पर मुआवजे का विरोध

मेंहदावल। किसानों के काफी प्रयास व आंदोलन के बाद किसानों को मुआवजा देने की प्रक्रिया शुरू हुई। इस दौरान किसानों को पुराने सर्किल रेट पर मुआवजा का भुगतान किया जाने लगा। जिसको लेकर किसानों ने आपत्ति दर्ज करना शुरू कर दिया। प्रशासन जबरन मुआवजा देना चाहता था जिस पर किसानों ने धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। तत्कालीन थानाध्यक्ष सुधीर सिंह ने प्रदर्शन कर रहे किसानों पर गंभीर धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की थी। आज भी तमाम किसान मुकदमा लड़ रहे हैं।
चंद्र लोक पांडेय, संजय पांडेय, आनंद पांडेय, नीरज जायसवाल, गुनई, राम अवध आदि किसानों का कहना है कि उनकी खेती-बाड़ी की भूमि सड़क में चली गई। मुआवजा आज तक नहीं मिला। शांतिपूर्ण ढंग से आंदोलन का परिणाम यह निकला कि पुलिस प्रशासन ने किसानों को आरोपी बना दिया। सरकार तथा प्रशासन किसानों का दमन कर रही है। 36 साल बीत गए लेकिन मुआवजा नहीं मिला। किसान नए सर्किल रेट से मुआवजे की मांग कर रहे हैं।
एनएचएआई के अवर अभियंता विश्वजीत का कहना है कि राष्ट्रीय राजमार्ग के चौड़ीकरण में जो भूमि अधिग्रहीत की जा रही हैं। उसके भुगतान की प्रक्रिया चल रही है। भूमि का ग्राउंड सर्वे हो रहा है। 15 जनवरी के बाद मुआवजे की धनराशि वितरण की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। पुराने मामले से कोई लेना-देना नहीं है।

1985-86 में शुरू हुआ भूमि का अधिग्रहण

मेंहदावल। वर्ष 1985-86 में टू लेन बाईपास सड़क निर्माण की प्रक्रिया शुरू हुई। बाराखाल से करमैनी तक के किसानों को मुआवजा दिया गया। लेकिन बाराखाल से अछिया तक के किसानों को मुआवजा आज तक नहीं मिला। अन्य किसानों को बाद में लाभ देने की बात कह कर टरका दिया गया। तब से किसान संघर्ष कर रहे हैं और मुआवजे की राह देख रहे हैं।



भूमि का अधिग्रहण करते समय जिम्मेदार अधिकारियों ने उस समय के सर्किल रेट पर अधिग्रहित भूमि का मुआवजा देने की बात कही थी। लेकिन आज तक एक रुपया नहीं मिल पाया। जब अधिकारियों से फरियाद करते हैं तो वह सिर्फ आश्वासन देते हैं। वहीं अब यह तमकुही राष्ट्रीय राजमार्ग 10 मीटर चौड़ा होने जा रहा है लेकिन किसानों को अब तक मुआवजा नहीं दिया गया है। - पंकज जायसवाल, किसान, ठठराही मेंहदावल

पुरानी सड़क का मुआवजा मिला नहीं और चौड़ीकरण की प्रक्रिया शुरू हो गई। फिर शासन व प्रशासन किसानों की कीमती भूमि जबरन हथियाने की फिराक में है। किसान अधिग्रहीत भूमि का नए सर्किल रेट पर मुआवजा चाहता है, जो उसका हक है और उसे मिलना चाहिए। -अविनाश सिंह राजन किसान, सोनौरा
वर्ष 1989 में टूलेन बाईपास सड़क बन गई। उस समय अधिग्रहीत भूमि की मुआवजा देने की बात हुई थी। धीरे-धीरे 36 साल बीत गए लेकिन अब तक किसानों को मुआवजा नहीं मिल सका है। जब हक के लिए सड़क पर उतरे तो मुकदमा लाद दिया गया। हमें नए सर्किल रेट पर मुआवजा चाहिए। -जयचंद पांडेय, किसान, राजाबारी

पीडब्ल्यूडी ने पुराने सर्किल रेट पर मुआवजा देने की प्रक्रिया शुरू की तो किसानों ने मौजूदा सर्किल रेट पर मुआवजे की मांग की। प्रशासन के गैरजिम्मेदाराना रवैए के कारण मुआवजा नहीं मिला। 40 किसानों पर गंभीर धाराओं में मुकदमा पंजीकृत किया गया। प्रशासन किसानों के शोषण पर उतारू है। -अवनींद्र जायसवाल, किसान, नायक टोला

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बीएमसीटी मार्ग के मुआवजे के मामले में उनके सामने फाइल आएगी तो उसकी जांच कराएंगे। किसानों को अब तक मुआवजा क्यों नहीं मिला? यह देखा जाएगा। -जय प्रकाश, एडीएम, वित्त एवं राजस्व
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