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Shahjahanpur News: प्रकृति के संसाधनों का त्याग की भावना के साथ करें उपभोग
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तिलहर। आर्य समाज परिसर में रविवार को सुबह साप्ताहिक वैदिक विचार गोष्ठी हुई। आर्य विद्वान आचार्य जितेंद्र सिंह आर्य ने कहा कि ईश्वर निराकार और कण-कण में व्याप्त है। मानव मात्र से लेकर समस्त प्राणियों और सृष्टि की रचना ईश्वर के स्वरूप को प्रदर्शित करती है।
उन्होंने कहा कि सृष्टि के रचयिता परमपिता परमात्मा ने सभी प्राणियों को इस सृष्टि रूपी सुंदर वाटिका में त्याग पूर्वक उपभोग के लिए भेजा है। इसलिए हमें प्रकृति से जो भी संसाधन मिल रहे हैं, उनका सभी को त्याग पूर्वक उपभोग करते हुए ईश्वर को धन्यवाद देना चाहिए।
मंत्री लोकेश आर्य ने ऋग्वेदादिभाष्य ग्रंथ की भूमिका को पढ़कर सुनाते हुए ईश्वर प्राप्ति के लिए योगाभ्यास करने और वेदों के बताए मार्ग पर चलने का आह्वान किया। कृष्ण मुरारी आर्य और खुशी आर्य ने ईश्वर भक्ति के भजन सुनाकर सभी को भावविभोर कर दिया।
शौर्य कुमार ने स्वामी दयानंद सरस्वती के रचित सत्यार्थ प्रकाश के अंश पढ़कर सुनाते हुए निराकार ईश्वर की उपासना पर बल दिया। कार्यक्रम का शुभारंभ वैदिक यज्ञ के साथ हुआ। इस अवसर पर दासीराम आर्य, डॉ. गिरीश चंद्र शर्मा, विष्णु पाल, अमित कुमार आदि श्रद्धालुओं ने यज्ञ में आहुतियां देकर जगत के कल्याण की कामना की।
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उन्होंने कहा कि सृष्टि के रचयिता परमपिता परमात्मा ने सभी प्राणियों को इस सृष्टि रूपी सुंदर वाटिका में त्याग पूर्वक उपभोग के लिए भेजा है। इसलिए हमें प्रकृति से जो भी संसाधन मिल रहे हैं, उनका सभी को त्याग पूर्वक उपभोग करते हुए ईश्वर को धन्यवाद देना चाहिए।
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मंत्री लोकेश आर्य ने ऋग्वेदादिभाष्य ग्रंथ की भूमिका को पढ़कर सुनाते हुए ईश्वर प्राप्ति के लिए योगाभ्यास करने और वेदों के बताए मार्ग पर चलने का आह्वान किया। कृष्ण मुरारी आर्य और खुशी आर्य ने ईश्वर भक्ति के भजन सुनाकर सभी को भावविभोर कर दिया।
शौर्य कुमार ने स्वामी दयानंद सरस्वती के रचित सत्यार्थ प्रकाश के अंश पढ़कर सुनाते हुए निराकार ईश्वर की उपासना पर बल दिया। कार्यक्रम का शुभारंभ वैदिक यज्ञ के साथ हुआ। इस अवसर पर दासीराम आर्य, डॉ. गिरीश चंद्र शर्मा, विष्णु पाल, अमित कुमार आदि श्रद्धालुओं ने यज्ञ में आहुतियां देकर जगत के कल्याण की कामना की।
