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Shamli News: पड़ताल...नशे की गिरफ्त में शामली, हर उम्र बन रही शिकार
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शामली। जिला अब शामली ही नहीं, हरियाणा, पंजाब, मध्य प्रदेश, दिल्ली में नशा करने वालों का भी पनाहगार बन गया है। जिले के 16 नशा मुक्ति केंद्रों में 362 भर्ती मरीजों का नशा छुड़वाने का प्रयास किया जा रहा है। खास बात यह है कि अब शराब के बजाय लोग हरियाणा, पंजाब से स्मैक, चिट्टा खरीदकर नशा कर रहे हैं। पुलिस द्वारा हाल ही में कराए गए सर्वे में भी इसका खुलासा हुआ है।
सर्वे में सामने आया है कि जिले के नशा मुक्ति केंद्रों में भर्ती अधिकतर मरीज 22 से लेकर 60 साल तक की उम्र के हैं, जो हरियाणा से नशा खरीदकर सेवन कर खुद के जीवन को बर्बादी की तरफ धकेल रहे हैं।
एसपी नरेंद्र प्रताप सिंह के अनुसार, जांच में सामने आया है कि कोरोना काल से पहले जिले के लोग शराब, सुल्फा का अधिक नशा करते थे, जो अब हरियाणा के पानीपत, करनाल, रोहतक से स्मैक और पंजाब से चिट्टा खरीदकर सेवन कर रहे हैं।
सर्वे में जिले के 16 नशा मुक्ति केंद्रों पर शामली के 83, मुजफ्फरनगर के 31, सहारनपुर के 15, बागपत के 17, गाजियाबाद, अलीगढ़, हापुड़, मेरठ के एक-एक, करनाल के 63, पानीपत के 69, सोनीपत के सात, जींद के दो, कैथल के 18, हिसार के छह, कुरुक्षेत्र के तीन, रोहतक के चार समेत 168 मरीज नशा छुड़वाने के लिए भर्ती मिले हैं। इनमें सबसे अधिक संख्या हरियाणा के मरीजों की है। हरियाणा के भर्ती मरीज 198, दिल्ली के छह, उत्तराखंड के तीन, मध्य प्रदेश का एक, हिमाचल प्रदेश का एक और यूपी के 151 और अन्य मरीज भर्ती हैं।
जिले के नशा मुक्ति केंद्रों में बाहरी राज्यों के 211 यानी 59 प्रतिशत, उत्तर प्रदेश के 151 यानी 41 प्रतिशत मरीज भर्ती हैं। यानी बाहरी राज्यों के भर्ती मरीजों की संख्या जिले में अधिक है।
पड़ताल के दौरान यह मिला नजारा
केस-1
बिडौली के हरिनगर क्षेत्र में नशा मुक्ति केंद्र पर 28 मरीज मिले, जहां पर अधिकतर मरीज 22 से लेकर 50 साल तक के थे। पानीपत के एक मरीज ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि उसने दोस्तों को देखकर स्मैक का नशा किया था। इसके बाद वह नशे की गर्त में जाता चला गया। संचालक केशव चौपड़ा का कहना है कि सभी को उपचार दिया जा रहा है।
स्थान : हरिनगर का नशा मुक्ति केंद्र
केस-2
संचालक महेंद्र ने बताया कि यहां पर 22 मरीज भर्ती हैं, जिनमें हरियाणा के पानीपत व करनाल के मरीज चिट्टे का नशा करने वाले हैं। सभी को उपचार दिया जा रहा है।
कैराना में पानीपत रोड पर गांव पंजीठ के पास नशा मुक्ति केंद्र
पानीपत रोड पर गांव पंजीठ के पास शिवम नशा मुक्ति केंद्र स्थापित है। नशा मुक्ति केंद्र में 22 से 45 साल तक के नशे के आदी लोग भर्ती हैं। नशा मुक्ति केंद्र संचालक तेजवीर मलिक ने बताया कि यहां आने वाले मरीज शराब, ड्रग्स और इंजेक्शन के आदी हैं।
केस-4
लिलौन का नशा मुक्ति केंद्र
यहां पर 26 मरीज भर्ती हैं। पानीपत के 30 साल के मरीज ने बताया कि वह चिट्टा का नशा करता था। इसके बाद उसे लत लग गई। अब शामली में उपचार करा रहा है। संचालक संजय चौधरी का कहना है कि अब स्मैक की लत के मरीज बढ़े हैं।
हरियाणा से सप्लाई किया जा रहा नशा
एसपी नरेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि करीब एक माह से जिले के नशा मुक्ति केंद्रों में सर्वे कराया गया। सामने आया है कि शामली में नशा बिक्री पर कुछ हद तक अंकुश लगने के बाद हरियाणा, पंजाब से गिरोह नशा भेज रहे हैं। पानीपत, करनाल, हिसार, रोहतक और अन्य जनपदों की पुलिस की मदद से बाहरी तस्करों पर शिकंजा कसा जाएगा। इस संबंध में सभी जिलों की पुलिस को पत्र लिखा जा रहा है।
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सर्वे में सामने आया है कि जिले के नशा मुक्ति केंद्रों में भर्ती अधिकतर मरीज 22 से लेकर 60 साल तक की उम्र के हैं, जो हरियाणा से नशा खरीदकर सेवन कर खुद के जीवन को बर्बादी की तरफ धकेल रहे हैं।
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एसपी नरेंद्र प्रताप सिंह के अनुसार, जांच में सामने आया है कि कोरोना काल से पहले जिले के लोग शराब, सुल्फा का अधिक नशा करते थे, जो अब हरियाणा के पानीपत, करनाल, रोहतक से स्मैक और पंजाब से चिट्टा खरीदकर सेवन कर रहे हैं।
सर्वे में जिले के 16 नशा मुक्ति केंद्रों पर शामली के 83, मुजफ्फरनगर के 31, सहारनपुर के 15, बागपत के 17, गाजियाबाद, अलीगढ़, हापुड़, मेरठ के एक-एक, करनाल के 63, पानीपत के 69, सोनीपत के सात, जींद के दो, कैथल के 18, हिसार के छह, कुरुक्षेत्र के तीन, रोहतक के चार समेत 168 मरीज नशा छुड़वाने के लिए भर्ती मिले हैं। इनमें सबसे अधिक संख्या हरियाणा के मरीजों की है। हरियाणा के भर्ती मरीज 198, दिल्ली के छह, उत्तराखंड के तीन, मध्य प्रदेश का एक, हिमाचल प्रदेश का एक और यूपी के 151 और अन्य मरीज भर्ती हैं।
जिले के नशा मुक्ति केंद्रों में बाहरी राज्यों के 211 यानी 59 प्रतिशत, उत्तर प्रदेश के 151 यानी 41 प्रतिशत मरीज भर्ती हैं। यानी बाहरी राज्यों के भर्ती मरीजों की संख्या जिले में अधिक है।
पड़ताल के दौरान यह मिला नजारा
केस-1
बिडौली के हरिनगर क्षेत्र में नशा मुक्ति केंद्र पर 28 मरीज मिले, जहां पर अधिकतर मरीज 22 से लेकर 50 साल तक के थे। पानीपत के एक मरीज ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि उसने दोस्तों को देखकर स्मैक का नशा किया था। इसके बाद वह नशे की गर्त में जाता चला गया। संचालक केशव चौपड़ा का कहना है कि सभी को उपचार दिया जा रहा है।
स्थान : हरिनगर का नशा मुक्ति केंद्र
केस-2
संचालक महेंद्र ने बताया कि यहां पर 22 मरीज भर्ती हैं, जिनमें हरियाणा के पानीपत व करनाल के मरीज चिट्टे का नशा करने वाले हैं। सभी को उपचार दिया जा रहा है।
कैराना में पानीपत रोड पर गांव पंजीठ के पास नशा मुक्ति केंद्र
पानीपत रोड पर गांव पंजीठ के पास शिवम नशा मुक्ति केंद्र स्थापित है। नशा मुक्ति केंद्र में 22 से 45 साल तक के नशे के आदी लोग भर्ती हैं। नशा मुक्ति केंद्र संचालक तेजवीर मलिक ने बताया कि यहां आने वाले मरीज शराब, ड्रग्स और इंजेक्शन के आदी हैं।
केस-4
लिलौन का नशा मुक्ति केंद्र
यहां पर 26 मरीज भर्ती हैं। पानीपत के 30 साल के मरीज ने बताया कि वह चिट्टा का नशा करता था। इसके बाद उसे लत लग गई। अब शामली में उपचार करा रहा है। संचालक संजय चौधरी का कहना है कि अब स्मैक की लत के मरीज बढ़े हैं।
हरियाणा से सप्लाई किया जा रहा नशा
एसपी नरेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि करीब एक माह से जिले के नशा मुक्ति केंद्रों में सर्वे कराया गया। सामने आया है कि शामली में नशा बिक्री पर कुछ हद तक अंकुश लगने के बाद हरियाणा, पंजाब से गिरोह नशा भेज रहे हैं। पानीपत, करनाल, हिसार, रोहतक और अन्य जनपदों की पुलिस की मदद से बाहरी तस्करों पर शिकंजा कसा जाएगा। इस संबंध में सभी जिलों की पुलिस को पत्र लिखा जा रहा है।
