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Shravasti News: आत्मनिर्भर बनीं शीला
संवाद न्यूज एजेंसी, श्रावस्ती
Updated Thu, 27 Nov 2025 12:27 AM IST
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बैग की सिलाई करतीं शीला देवी। - संवाद
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श्रावस्ती। इकौना क्षेत्र की ग्राम पंचायत महदेइया निवासी शीला देवी ने समूह से मिले 30 हजार रुपयों की मदद से अपनी माली हालत दुरुस्त कर ली है। वह आर्थिक तंगी की मार झेल रहीं क्षेत्र की सैकड़ों महिलाओं के लिए मिसाल बनकर उभरी हैं। जूट बैग बनाकर प्रति माह 15 हजार रुपये तक कमा रही हैं।
अपने संघर्ष की कहानी बयां करते हुए शीला देवी ने बताया कि उनके घर की माली हालत ठीक नहीं थी, एक-एक रुपये के लिए मोहताज होना पड़ता था। वह खुद से कुछ करना चाहती थीं, लेकिन स्वरोजगार के लिए परिवार के पास रुपये नहीं थे।
इस दौरान वर्ष 2023 में समूह की दीदियां उनके घर आईं और उन्हें राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से महिला सशक्तीकरण के लिए चलाए जा रहे समूह के बारे में बताया। उसके बाद वह समूह से जुड़ीं और छोटी-छोटी बचत शुरू की।
स्वयं सहायता समूह से जुड़ने के बाद उन्होंने आजीविका मिशन के सहयोग से सिलाई का प्रशिक्षण लिया। उसके बाद स्वरोजगार के लिए उन्होंने समूह से 30 हजार रुपये का ऋण लिया। उस रकम से उन्होंने सिलाई मशीन खरीदी और जूट के बैग बनाने का काम शुरू किया।
शीला बताती हैं कि शुरुआत में थोड़ी कठिनाई हुई, लेकिन विभिन्न स्टॉलों के माध्यम से उनके बैग को पहचान मिली। वर्तमान में स्थानीय लोगों के साथ-साथ बाजार में भी उनके बैग की मांग बढ़ी है।
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अपने संघर्ष की कहानी बयां करते हुए शीला देवी ने बताया कि उनके घर की माली हालत ठीक नहीं थी, एक-एक रुपये के लिए मोहताज होना पड़ता था। वह खुद से कुछ करना चाहती थीं, लेकिन स्वरोजगार के लिए परिवार के पास रुपये नहीं थे।
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इस दौरान वर्ष 2023 में समूह की दीदियां उनके घर आईं और उन्हें राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से महिला सशक्तीकरण के लिए चलाए जा रहे समूह के बारे में बताया। उसके बाद वह समूह से जुड़ीं और छोटी-छोटी बचत शुरू की।
स्वयं सहायता समूह से जुड़ने के बाद उन्होंने आजीविका मिशन के सहयोग से सिलाई का प्रशिक्षण लिया। उसके बाद स्वरोजगार के लिए उन्होंने समूह से 30 हजार रुपये का ऋण लिया। उस रकम से उन्होंने सिलाई मशीन खरीदी और जूट के बैग बनाने का काम शुरू किया।
शीला बताती हैं कि शुरुआत में थोड़ी कठिनाई हुई, लेकिन विभिन्न स्टॉलों के माध्यम से उनके बैग को पहचान मिली। वर्तमान में स्थानीय लोगों के साथ-साथ बाजार में भी उनके बैग की मांग बढ़ी है।