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Sitapur News: बदहाल परिक्रमा मार्ग देख डीएम खफा, सुधार के निर्देश
संवाद न्यूज एजेंसी, सीतापुर
Updated Sun, 21 Dec 2025 09:03 PM IST
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निरीक्षण करते डीएम।
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कुतुबनगर/कल्ली चौराहा। जिलाधिकारी ने रविवार को 84 कोसी परिक्रमा मार्ग का निरीक्षण किया। जरिगवां और देवगवां पड़ाव स्थलों पर भी व्यवस्थाएं परखीं। सड़कों की बदतर हालत देख डीएम ने नाराजगी जताई। परिक्रमा से पहले सड़कों व पड़ाव स्थलों पर आवश्यक व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी डॉ. राजा गणपति आर सबसे पहले जरिगवां पड़ाव स्थल पहुंचे। यहां श्रद्धालुओं के लिए बने रैन बसेरा का जायजा लिया। खिड़कियों के फाइबर ग्लास टूटे थे। नए लगवाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि भवन की रंगाई-पुताई कराई जाए।
पड़ाव संबंधी संकेतक व साइन बोर्ड मुख्य रास्ते पर लगवाने के निर्देश दिए। डीएम ने कहा कि रैन बसेरा किराये पर किसी को दिया जाए तो 5100 रुपये से कम शुल्क न लिया जाए। इस शुल्क की धनराशि भवन के रख रखाव पर खर्च करने के निर्देश दिए। यहां परिक्रमा मार्ग खस्ताहाल देख डीएम नाराज दिखे। पीडब्ल्यूडी की अधिशासी अभियंता को मार्ग दुरुस्त कराने के निर्देश दिए। इसके बाद डीएम का काफिला देवगवां पड़ाव स्थल पहुंचा।
यहां गोमती नदी के तट पर स्थित दधनामऊ घाट, द्रोणाचार्य घाट तथा रैन बसेरा का जायजा लिया। डीएम ने खंड विकास अधिकारी मिश्रिख सुनील कुमार कौशल को मार्ग की मरम्मत, रैन बसेरे की पुताई तथा छठे पड़ाव स्थल देवगवां की सफाई आदि समय रहते पूरा कराने के सख्त निर्देश दिए। इस दौरान उन्होंने परिक्रमा मार्ग पर श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा सुनिश्चित करने पर जोर दिया। इस अवसर पर तहसीलदार अजीत जायसवाल, नायब तहसीलदार अजय कुमार, लेखपाल कुलदीप, सचिव अमित चतुर्वेदी, राकेश मौर्या आदि मौजूद रहे।
महर्षि गर्ग आश्रम तक डीएम को नहीं ले गए अफसर
निरीक्षण के दौरान रामगढ़ में महर्षि गर्ग के आश्रम तक डीएम को अफसर नहीं ले गए। ग्रामीणों ने बताया कि इस मार्ग पर खड़ंजा लगा है। इस मार्ग पर कीचड़ भरा रहता है। इस पर अफसर डीएम को नहीं ले गए। ग्रामीणों ने यह भी बताया कि कैलाश आश्रम तीर्थ तक भी डीएम को अफसर नहीं ले गए।
डीएम ने किया सवाल- 56 दिन में कैसे दुरुस्त होंगे मार्ग
डीएम ने परिक्रमा मार्ग का निरीक्षण किया। ग्रामीणों ने बताया कि श्रद्धालुओं को प्रथम पड़ाव कोरौना तक जाने के लिए संपर्क मार्ग रामगढ़, पहला चौराहा, घटमापुर, अलीनगर, ककरघटा से गुजरना पड़ता है। रामगढ़ से ककरघटा तक मार्ग जर्जर है। जर्जर मार्गाे को देखकर डीएम ने पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों से सवाल किया कि परिक्रमा शुरू होने में 56 दिनों का समय है। ऐसे में 56 दिनों में मार्ग को कैसे दुरुस्त किया जाएगा। डीएम के इस सवाल पर अधिकारी चुप्पी साधे खड़े रहे।
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जिलाधिकारी डॉ. राजा गणपति आर सबसे पहले जरिगवां पड़ाव स्थल पहुंचे। यहां श्रद्धालुओं के लिए बने रैन बसेरा का जायजा लिया। खिड़कियों के फाइबर ग्लास टूटे थे। नए लगवाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि भवन की रंगाई-पुताई कराई जाए।
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पड़ाव संबंधी संकेतक व साइन बोर्ड मुख्य रास्ते पर लगवाने के निर्देश दिए। डीएम ने कहा कि रैन बसेरा किराये पर किसी को दिया जाए तो 5100 रुपये से कम शुल्क न लिया जाए। इस शुल्क की धनराशि भवन के रख रखाव पर खर्च करने के निर्देश दिए। यहां परिक्रमा मार्ग खस्ताहाल देख डीएम नाराज दिखे। पीडब्ल्यूडी की अधिशासी अभियंता को मार्ग दुरुस्त कराने के निर्देश दिए। इसके बाद डीएम का काफिला देवगवां पड़ाव स्थल पहुंचा।
यहां गोमती नदी के तट पर स्थित दधनामऊ घाट, द्रोणाचार्य घाट तथा रैन बसेरा का जायजा लिया। डीएम ने खंड विकास अधिकारी मिश्रिख सुनील कुमार कौशल को मार्ग की मरम्मत, रैन बसेरे की पुताई तथा छठे पड़ाव स्थल देवगवां की सफाई आदि समय रहते पूरा कराने के सख्त निर्देश दिए। इस दौरान उन्होंने परिक्रमा मार्ग पर श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा सुनिश्चित करने पर जोर दिया। इस अवसर पर तहसीलदार अजीत जायसवाल, नायब तहसीलदार अजय कुमार, लेखपाल कुलदीप, सचिव अमित चतुर्वेदी, राकेश मौर्या आदि मौजूद रहे।
महर्षि गर्ग आश्रम तक डीएम को नहीं ले गए अफसर
निरीक्षण के दौरान रामगढ़ में महर्षि गर्ग के आश्रम तक डीएम को अफसर नहीं ले गए। ग्रामीणों ने बताया कि इस मार्ग पर खड़ंजा लगा है। इस मार्ग पर कीचड़ भरा रहता है। इस पर अफसर डीएम को नहीं ले गए। ग्रामीणों ने यह भी बताया कि कैलाश आश्रम तीर्थ तक भी डीएम को अफसर नहीं ले गए।
डीएम ने किया सवाल- 56 दिन में कैसे दुरुस्त होंगे मार्ग
डीएम ने परिक्रमा मार्ग का निरीक्षण किया। ग्रामीणों ने बताया कि श्रद्धालुओं को प्रथम पड़ाव कोरौना तक जाने के लिए संपर्क मार्ग रामगढ़, पहला चौराहा, घटमापुर, अलीनगर, ककरघटा से गुजरना पड़ता है। रामगढ़ से ककरघटा तक मार्ग जर्जर है। जर्जर मार्गाे को देखकर डीएम ने पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों से सवाल किया कि परिक्रमा शुरू होने में 56 दिनों का समय है। ऐसे में 56 दिनों में मार्ग को कैसे दुरुस्त किया जाएगा। डीएम के इस सवाल पर अधिकारी चुप्पी साधे खड़े रहे।
