UP: कफ सिरप मामले की जांच करेगी तीन सदस्यीय एसआईटी, ईडी-आयकर विभाग भी कसेगा शिकंजा; पढें- पूरा मामला
Varanasi News: वाराणसी में कफ सिरप मामले की जांच तीन सदस्यीय एसआईटी करेगी। पुलिस आयुक्त ने पुलिस उपायुक्त काशी जोन सरवणन टी की अगुवाई में एसआईटी बनाई, जो सात दिन में जांच करके रिपोर्ट देगी।
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कोडीन युक्त कफ सिरप की खरीद-बिक्री मामले की जांच तीन सदस्यीय एसआईटी करेगी। पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने सोमवार को अपर पुलिस उपायुक्त काशी जोन सरवणन टी की अगुवाई में एसआईटी गठित कर दी। इसमें सहायक पुलिस आयुक्त कोतवाली और प्रभारी निरीक्षक कोतवाली को सदस्य बनाया गया है। एसआईटी पूरे मामले की जांच करके सात दिन में रिपोर्ट देगी। दूसरी तरफ, कफ सिरप की खरीद-बिक्री का मामला 100 करोड़ से ज्यादा का हो सकता है इसलिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी जांच कर सकता है। आयकर विभाग ने जांच शुरू कर दी है।
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की तहरीर के आधार पर कोतवाली पुलिस ने 28 आरोपियों के खिलाफ पहले ही प्राथमिकी दर्ज की थी। सोमवार को शुभम जायसवाल और उसके पिता भोला प्रसाद सहित सभी आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी गई लेकिन कामयाबी नहीं मिल सकी। आरोपियों की तलाश में क्राइम ब्रांच भी लगी है। अब अलग-अलग केंद्रीय एजेंसियां जांच के लिए सामने आ रही हैं।
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सूत्रों के मुताबिक ड्रग विभाग के साथ ही आयकर विभाग, पुलिस की संयुक्त टीमें गिरोह के मास्टरमाइंड शुभम जायसवाल के नेटवर्क को खंगाल रही हैं। ईडी ने भी ब्योरा तलब किया है। जांच एजेंसियों को शक है कि शुभम विदेश भाग गया है इसलिए गृह मंत्रालय के माध्यम से लुकआउट नोटिस जारी कराने की तैयारी है।
गाजियाबाद पुलिस पहले से ही लुकआउट नोटिस जारी कराने की पैरवी कर रही है क्योंकि शुभम के खिलाफ गाजियाबाद में भी प्राथमिकी दर्ज है। सूत्रों के मुताबिक, कोडीन युक्त कफ सिरफ की खरीद-बिक्री का खेल पांच राज्यों में किया जा रहा है। काशी की सप्तसागर दवा मंडी के कारोबारियों की भूमिका संदिग्ध मिली है। कार्रवाई के डर से 20 दवा कारोबारी भूमिगत हैं।
सप्तसागर दवा मंडी का अध्यक्ष बनने की तैयारी में था
कम समय में अकूत दौलत कमाने वाला शुभम अब अपने को राजनीति में सेट कर रहा था। वह सप्तसागर दवा मंडी के चुनाव में अध्यक्ष पद की दावेदारी कर रहा था। मंडी के ज्यादातर दवा कारोबारियों ने उसके नाम पर हामी भर दी थी।