कफ सिरप: 126 फर्मों में 68 को नोटिस, 20 ने दिया जवाब, 48 की भूमिका की होगी जांच; खंगाले जा रहे रिकॉर्ड
Cough Syrup Case: ड्रग विभाग की टीम पुलिस के साथ मिलकर लगातार कार्रवाई कर रही है। फर्मों को नोटिस कर जवाब भी मांगा गया है। लाइसेंस में गड़बड़ी पाए जाने पर संबंधित अफसरों की भी जांच होगी।
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Varanasi News: कोडीन कफ सिरप की अवैध तस्करी के मामले में ड्रग विभाग की ओर से 126 फर्मों के निरीक्षण में 68 को नोटिस जारी किया गया था। अभी तक केवल 20 फर्मों की ओर से जवाब दिया गया है। विभागीय जांच में 20 फर्में अभी तक सही पाई गई हैं। 48 फर्मों की ओर से जवाब आना बाकी है।
ड्रग विभाग अब नए सिरे से लाइसेंस और दुकानों के संचालन की जांच करने की तैयारी में है। इसमें जिन फर्मों लाइसेंस आवंटन में त्रुटियां पाई जाएंगी, उसमें लाइसेंस जारी करने वाले अधिकारी व कर्मचारियों की भूमिका की भी जांच की जाएगी।
अधिकारियों की संलिप्तता पाए जाने पर उनके चल-अचल संपत्तियों की जांच की जाएगी। जांच रिपोर्ट के बाद अगर किसी फर्म में लेन-देन की बड़ी अनियमितताएं मिलती हैं तो इसकी भी जांच की जाएगी। विभाग अब 10 साल में जारी किए गए लाइसेंस का ब्योरा खंगालने में जुटा है।
पुलिस ने की कार्रवाई
मुख्य आरोपी शुभम के पिता भोला जायसवाल की गिरफ्तारी के बाद कई अन्य लोगों के नाम सामने आए हैं। पूरे प्रकरण की निगरानी शासनस्तर से की जा रही है। मुख्यमंत्री कार्यालय से प्रतिदिन की रिपोर्ट मांगी जा रही है। ड्रग इंस्पेक्टर जुनाब अली ने बताया कि रांची के फर्म 'शैली मेसर्स ट्रेडर्स' ने बनारस की 126 फर्मों को कोडीनयुक्त कफ सिरप सप्लाई की थी। जिसके बाद विभाग की ओर से सभी फर्मों की जांच कराई गई थी। 68 की भूमिका संदिग्ध नजर आई थी।
सांसद प्रिया सरोज ने संसद में उठाया मुद्दा
कफ सिरफ मामले में बृहस्पतिवार को मछलीशहर की सांसद प्रिया सरोज ने भी संसद में इस मुद्दे को उठाया और सख्त कार्रवाई की मांग की। प्रिया सरोज ने कहा कि यह मुद्दा केवल शांति व्यवस्था और प्रशासन से जुड़ा नहीं है, बल्कि आमजन की सेहत का है। जौनपुर और वाराणसी समेत कई प्रदेशों में अब तक 98 एफआईआर दर्ज हो चुकी है। सरकार आरोपियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई करे।
अरबों रुपये के अवैध कफ सिरप मामले की जांच में एसआईटी ने कार्रवाई तेज करते हुए चार और व्यक्तियों को चिह्नित किया है। जांच में सामने आया है कि चारों की सीधे शुभम जायसवाल के न केवल नजदीकी थी, बल्कि उनके साथ लगातार व्यापारिक लेनदेन भी होता रहा। एसआईटी की ओर से खंगाले गए बैंकिंग रिकॉर्ड, कॉल डिटेल्स और बिजनेस ट्रांजेक्शन की पड़ताल में सभी की भूमिका सामने आई है। टीम को आशंका है कि यह लोग सप्लाई चेन में भी रहे हैं।
पिता के शैली ट्रेडर्स को शुभम ही चलाता था
अरबों रुपये के कफ सिरप के अवैध कारोबार की जांच कर रही एसआईटी और वाराणसी पुलिस ने बृहस्पतिवार को सोनभद्र पहुंचकर आरोपी शुभम जायसवाल के पिता भोला जायसवाल से लंबी पूछताछ की। टीम को कई महत्वपूर्ण जानकारियां मिली हैं, जांच की दिशा और तेज होने की उम्मीद है। पूछताछ के दौरान यह तथ्य सामने आया कि भोला के नाम पर संचालित शैली ट्रेडर्स को उसका बेटा शुभम जायसवाल ही देखता था। सारे लेन-देन, आपूर्ति और कारोबार की गतिविधियों पर शुभम की ही पकड़ थी।
एसआईटी टीम ने भोला से कारोबार से जुड़े अन्य पहलुओं, लेन-देन, संपर्क सूत्रों और संपत्ति के ब्योरे को लेकर भी पूछताछ जारी रखी। टीम ने कई बिंदुओं पर विस्तृत जानकारी जुटाई है और संबंधित दस्तावेज की भी मांग की है। जांच एजेंसी के अनुसार आने वाले दिनों में शुभम जायसवाल और अन्य संबंधित व्यक्तियों पर कार्रवाई तेज होने की संभावना है। एसआईटी पूरे नेटवर्क को खंगाल रही है, ताकि अवैध कारोबार से जुड़े सभी लोगों तक पहुंचा जा सके।