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ईडी की जांच में खुलासा: कफ सिरप के सिंडिकेट ने होटल, ऑटोमोबाइल और रियल एस्टेट में खपाई रकम
अमर उजाला नेटवर्क, वाराणसी।
Published by: प्रगति चंद
Updated Wed, 24 Dec 2025 02:38 PM IST
सार
Varanasi News: कफ सिरप के सिंडिकेट ने होटल, ऑटोमोबाइल और रियल एस्टेट में रकम खपाई। ईडी की जांच में सामने आया कि टूरिज्म इंडस्ट्रीज में भी शुभम जायसवाल अपने सिंडिकेट के तहत आगे बढ़ा।
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कफ सिरप
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
रांची की शैली ट्रेडर्स से जुड़ी फर्मों के सिंडिकेट ने कोडीनयुक्त कफ सिरप की तस्करी कर जुटाई रकम को टूरिज्म, रियल एस्टेट और ऑटो मोबाइल सेक्टर में खपाई है। सिंडिकेट के सरगना शुभम जायसवाल के ठिकानों से बरामद प्रपत्रों और गोपनीय जांच में ईडी ने जानकारियां जुटाई हैं। एक साल में एक ही कंपनी की छह लग्जरी गाड़ियां खरीदी गईं और शहर के अलावा वाराणसी, लखनऊ, नोएडा, झारखंड के रियल एस्टेट में निवेश किया गया।
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टूरिज्म इंडस्ट्रीज में भी शुभम जायसवाल अपने सिंडिकेट के तहत आगे बढ़ा। छह पार्टनरों ने शहर के रिंग रोड पर एक कीमती जमीन भी खरीदी है, यहां दुबई की तर्ज पर लग्जरी होटल बनवाने की रूपरेखा तय की गई थी। शहर के पॉश कॉलोनियों और वाराणसी से सटे आसपास के जिलों में भी शुभम जायसवाल ने अपने रिश्तेदारों और कर्मचारियों के नाम पर संपत्तियां बनाई हैं। ईडी इसकी भी जांच कर रही है।
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आदमपुर थाना क्षेत्र के प्रहलाद घाट कायस्थ टोला निवासी भोला प्रसाद के बेटे शुभम ने लॉकडाउन के बाद ही कफ सिरप की तस्करी में कदम रखा। दवा का काम करने वाले शुभम को जेल से छूटे एक हिस्ट्रीशीटर ने राह दिखाई और फिर ड्रग अफसरों की मेहरबानी से फर्जी नाम, पते पर ड्रग लाइसेंस बनते गए। इस बीच शुभम की मुलाकात वरुणा पार रहने वाले अमित सिंह टाटा, आजमगढ़ के नरवे निवासी विकास सिंह से हुई। इन दोनों ने शुभम को इस कार्य को वृहद पैमाने पर शुरू करने का सुझाव दिया और परिवहन का रास्ता बनाया। कफ सिरप की अवैध बिक्री एक साल तक गुपचुप तरीके से हुई, लेकिन माफियाओं की एंट्री के बाद सब सार्वजनिक हो गया।
अमित सिंह टाटा के साथ ही आलोक सिंह एसटीएफ ने भी ड्रग लाइसेंस बनवाए। धनबाद और वाराणसी में दोनों के फर्म का पंजीयन हुआ और फिर शैली ट्रेडर्स से माल की खरीद फरोख्त शुरू की। बिलिंग के इस पूरे खेल को सेंट्रलाइज्ड तरीके से किया गया। मास्टरमाइंड शुभम जायसवाल के खिलाफ विभिन्न जिलों में प्राथमिकी दर्ज है। गाजियाबाद पुलिस भी शुभम को तलाश रही है।
कफ सिरप बेचने की जालसाजी में तीन फर्म का लाइसेंस निरस्त
कोडीनयुक्त कफ सिरप मामले में रविवार को सात फर्म को सीज करने के बाद खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन विभाग के सहायक आयुक्त ने मंगलवार को तीन और फर्मों का लाइसेंस निरस्त कर दिया। जौनपुर की 12 फर्मों को नोटिस देकर जवाब मांगा है। इन फर्मों पर सिरप की खरीद, बिक्री में जालसाजी मामले में प्राथमिकी दर्ज हो चुकी है। अब इनके जवाब आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
वाराणसी के साथ ही आसपास के जिलों में भी खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन की अलग-अलग टीम जांच में जुटी है। सहायक आयुक्त पीसी रस्तोगी ने बताया कि वाराणसी में जिन तीन फर्माें का लाइसेंस निरस्त किया गया है। उसमें न्यू पीएल फॉर्मा, जायसवाल मेडिकल, आशा डिस्ट्रीब्यूटर पर यह कार्रवाई की गई है। अब तक वाराणसी में कुल 22 फर्माें का लाइसेंस निरस्त किया जा चुका है। जिन भी फर्मों पर पूर्व मे प्राथमिकी दर्ज करवाई गई हैं, उनके खिलाफ विभागीय जांच की प्रक्रिया जारी है। बताया कि जौनपुर जिले में श्री केदार मेडिकल एजेंसी, बद्रीनाथ फार्मेंसी, गुप्ता ट्रेडिंग, हर्ष मेडिकल एजेंसी, मिलन ड्रग सेंटर सहित 12 फर्मों को नोटिस जारी कर संचालक से जवाब मांगा गया है। जवाब आने के बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
कफ सिरप के आरोपी भोला प्रसाद को वाराणसी की कोर्ट ने किया तलब
कफ सिरप के अवैध कारोबार के आरोपी शैली ट्रेडर्स के प्रोपराइटर भोला प्रसाद जायसवाल को वाराणसी कोर्ट ने तलब किया गया है। दो जनवरी को वारंट बी पर सोनभद्र जेल से लाकर भोला प्रसाद को वाराणसी की कोर्ट में पेश किया जाएगा। आरोपी भोला प्रसाद के खिलाफ कोतवाली थाने में प्राथमिकी दर्ज है। रांची के शैली ट्रेडर्स के प्रोपराइटर भोला प्रसाद और उसके बेटे शुभम जायसवाल ने 500 करोड़ रुपये के कफ सिरप की बिक्री कराई है। भोला प्रसाद के दोनों ठिकानों, प्रतिष्ठानों पर ईडी ने दो दिन तक जांच की थी। डीसीपी काशी गौरव बंशवाल ने बताया कि वारंट बी पर भोला प्रसाद को कोर्ट ने तलब किया है।
वाराणसी के साथ ही आसपास के जिलों में भी खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन की अलग-अलग टीम जांच में जुटी है। सहायक आयुक्त पीसी रस्तोगी ने बताया कि वाराणसी में जिन तीन फर्माें का लाइसेंस निरस्त किया गया है। उसमें न्यू पीएल फॉर्मा, जायसवाल मेडिकल, आशा डिस्ट्रीब्यूटर पर यह कार्रवाई की गई है। अब तक वाराणसी में कुल 22 फर्माें का लाइसेंस निरस्त किया जा चुका है। जिन भी फर्मों पर पूर्व मे प्राथमिकी दर्ज करवाई गई हैं, उनके खिलाफ विभागीय जांच की प्रक्रिया जारी है। बताया कि जौनपुर जिले में श्री केदार मेडिकल एजेंसी, बद्रीनाथ फार्मेंसी, गुप्ता ट्रेडिंग, हर्ष मेडिकल एजेंसी, मिलन ड्रग सेंटर सहित 12 फर्मों को नोटिस जारी कर संचालक से जवाब मांगा गया है। जवाब आने के बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
कफ सिरप के आरोपी भोला प्रसाद को वाराणसी की कोर्ट ने किया तलब
कफ सिरप के अवैध कारोबार के आरोपी शैली ट्रेडर्स के प्रोपराइटर भोला प्रसाद जायसवाल को वाराणसी कोर्ट ने तलब किया गया है। दो जनवरी को वारंट बी पर सोनभद्र जेल से लाकर भोला प्रसाद को वाराणसी की कोर्ट में पेश किया जाएगा। आरोपी भोला प्रसाद के खिलाफ कोतवाली थाने में प्राथमिकी दर्ज है। रांची के शैली ट्रेडर्स के प्रोपराइटर भोला प्रसाद और उसके बेटे शुभम जायसवाल ने 500 करोड़ रुपये के कफ सिरप की बिक्री कराई है। भोला प्रसाद के दोनों ठिकानों, प्रतिष्ठानों पर ईडी ने दो दिन तक जांच की थी। डीसीपी काशी गौरव बंशवाल ने बताया कि वारंट बी पर भोला प्रसाद को कोर्ट ने तलब किया है।
