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IMS BHU: मानव कल्याण के लिए नई चिकित्सा पद्धति पर करना होगा शोध, औषधि निर्माण पर हुई कार्यशाला
अमर उजाला नेटवर्क, वाराणसी।
Published by: प्रगति चंद
Updated Fri, 19 Dec 2025 11:18 PM IST
सार
Varanasi News: बीएचयू आयुर्वेद संकाय के रसशास्त्र विभाग में औषधि निर्माण पर कार्यशाला हुई। इस दौरान मेडिसिन विभाग के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि मानव कल्याण के लिए नई चिकित्सा पद्धति पर शोध करना होगा।
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आईएमएस बीएचयू के आयुर्वेद संकाय के रसशास्त्र विभाग में आयोजित कार्यशाला में शामिल अतिथि
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
आईएमएस बीएचयू के आयुर्वेद संकाय के रसशास्त्र विभाग में आयोजित कार्यशाला में रस और काष्ठ की औषधियां बनाने पर चर्चा हुई। इस दौरान मेडिसिन विभाग के पूर्व अध्यक्ष पद्मश्री प्रो. केके त्रिपाठी ने कहा कि मानव कल्याण के लिए नई चिकित्सा पद्धति पर शोध करने की जरूरत है। इस दिशा में विशेषज्ञों को सामूहिक प्रयास करना होगा।
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बीएचयू में कार्यशाला में प्रो. केके त्रिपाठी ने कहा अंतर विषयक शोध के द्वारा आयुर्वेद को अंतरराष्ट्रीय स्थान पर लाया जा सकता है। कहा कि मानसिक स्वास्थ्य का बेहतर इलाज आयुर्वेद से संभव है। पूर्व प्रमुख प्रो. यामिनी भूषण त्रिपाठी ने कहा कि कार्यशाला में कंपनी, तकनीकी और शिक्षक तीनों का एक प्लेटफॉर्म पर आना जनता और देश के विकास में सहभागी है। प्रो. संजय गुप्ता ने कहा कि रसशास्त्र विभाग, आयुर्वेद, आईएमएस और आईआईटी को मिलकर कुछ नए आयाम तैयार करने की आवश्यकता है।
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शोध से प्रमाणित हो चुका है कि नैनो तकनीकी के माध्यम से आयुर्वेद की औषधियां बनाई जाती हैं। प्रो. नम्रता जोशी ने कहा कि समाज में आयुर्वेद की औषधियों के बारे भ्रमित करने का प्रयास किया जाता रहा है इस कार्यक्रम के माध्यम से छात्रों को सही तरीके से बनाने एवं चेक करने की प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस दौरान वैद्य सुशील कुमार दूबे, डाॅ. पीएस पांडेय, डाॅ. लक्ष्मी नारायण गुप्ता, प्रो. वीएम सिंह, प्रो. नीरु नथानी, प्रो. संगीता गहलोत आदि मौजूद रहीं।
