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काशी में बनेगा लंकापति विभीषण का मंदिर, भारत और श्रीलंका के बीच मैत्री संबंध होंगे मजबूत
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, वाराणसी
Published by: स्वाधीन तिवारी
Updated Sat, 24 Oct 2020 12:13 AM IST
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वाराणसी के लमही स्थित श्रीराम मंदिर परिसर में त्रेतायुग के मैत्री संबंध फिर से जीवंत होंगे। काशी में राक्षसराज विभीषण का मंदिर बनेगा। इसके अलावा राक्षसों के गुरु शुक्राचार्य, माता त्रिजटा और सुषेन वैद्य के विग्रह भी स्थापित किए जाएंगे। शुक्रवार को मंदिर परिसर में शिला पूजन संपन्न हुआ।
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शुक्रवार को लमही स्थित इंद्रेश नगर में पंडित अनुज पांडेय एवं पंडित प्रदीप शास्त्री ने मुख्य यजमान इंद्रेश कुमार को संकल्प दिलाया और यज्ञ संपन्न कराया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य इंद्रेश कुमार ने कहा कि रामराज्य की स्थापना में सहयोग देने वाले ऋषि पुत्रों, देवताओं एवं राक्षस कुल के लोगों की मूर्तियां पूजी जाएंगी।
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इससे यह स्पष्ट संदेश जाता है कि प्रभु श्रीराम ने जाति-पाति, शत्रु-मित्र, देश, भाषा का भेद किए बिना सबको गले से लगाया। डॉ. राजीव श्रीवास्तव ने कहा कि रामराज्य की परिकल्पना को साकार करने के लिये मन में इन सभी विग्रहों को रखना होगा। इस दौरान चट्टो बाबा, रमेश शर्मा, मो. अजहरुद्दीन, नीलेश दत्त, मोईन खान, अर्चना भारतवंशी, नजमा परवीन, नाजनीन अंसारी, डॉ. मृदुला जायसवाल, खुशी, उजाला, इली, दक्षिता, धनंजय, जगदीश मौजूद रहे।