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UP: पूर्वांचल बना कोडीन सिरप तस्करी का गेटवे, सोलन से आती थी बड़ी खेप; सरहद पार तक पहुंचाया जाता था माल

अमर उजाला नेटवर्क, वाराणसी। Published by: अमन विश्वकर्मा Updated Fri, 19 Dec 2025 06:30 AM IST
सार

Cough Syrup Case Varanasi: कफ सिरप का कारोबार करने वाले सरगना शुभम जायसवाल की तलाश अभी भी जारी है। इस बीच सुरक्षा एजेंसियां उसके अवैध कारोबार का इतिहास खंगाल रही हैं।

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Purvanchal becomes gateway for codeine syrup smuggling large consignments arrived from Solan
शुभम जायसवाल, भोला प्रसाद और अमित सिंह टाटा। - फोटो : अमर उजाला
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Varanasi News: कोडीन कफ सिरप की तस्करी के नेटवर्क का सीधा कनेक्शन हिमाचल प्रदेश के सोलन से सामने आया है। एसटीएफ सूत्रों के अनुसार, सोलन की कई फार्मा कंपनियों से कोडीन सिरप की खेप पश्चिम बंगाल के रास्ते झारखंड के रांची में शैली ट्रेडर्स तक पहुंचाई जाती थी, जहां से आगे वितरण किया जाता था। 

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भारत और बांग्लादेश के बीच मेघना नदी के रास्ते बड़े पैमाने पर फेंसिडिल और अन्य सिरप की तस्करी होती थी। इस रूट से 10 हजार करोड़ के अवैध कारोबार की बात सामने आई है। एसटीएफ और ड्रग विभाग की जांच में सामने आया है कि सिरप हिमाचल प्रदेश से मंगाया जाता था तो इसमें तस्करों को दस गुना मुनाफा होता था।
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इस पूरे सिंडिकेट को खड़ा करने में शुभम जायसवाल और अमित सिंह टाटा की अहम भूमिका बताई जा रही है। दोनों ने मिलकर शैली ट्रेडर्स के नाम से एक बड़ा तस्करी नेटवर्क तैयार किया। ड्रग विभाग के एक अधिकारी के मुताबिक, शुभम जायसवाल ने कई ऐसी फर्में बनाई थीं, जो केवल कागजों में ही अस्तित्व में थीं। 

पुलिस ने की कार्रवाई

इन फर्जी फर्मों के जरिये दवाओं की खरीद और सप्लाई दिखाकर अवैध गतिविधियों को वैध रूप देने की कोशिश की जाती थी। अमित सिंह टाटा ने वाराणसी में श्री मेडिकल एजेंसी और झारखंड के धनबाद में कृपा मेडिकल नाम से फर्में खोली थीं। जांच में सामने आया कि श्री मेडिकल को स्टॉकिस्ट और कृपा मेडिकल को रिटेलर के रूप में दर्शाया गया था। इन्हीं फर्मों से कोडीन सिरप की खेप बिहार और नेपाल तक सप्लाई की जाती थी।

एनसीबी के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, गोरखपुर से वाराणसी का मार्ग कोडीन कफ सिरप तस्करी का बड़ा हब बन चुका है। इस नेटवर्क से जुड़े कई आरोपी पहले से ही एसटीएफ के रडार पर थे। गिरफ्तार विभोर सिंह राणा समेत अन्य आरोपियों से पूछताछ की जा रही है। अमित सिंह टाटा की गिरफ्तारी के बाद एसटीएफ ने पूर्वांचल के जिलों में नेटवर्क से जुड़े लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई तेज कर दी है।

गाजियाबाद में कोडीन सिरप का बनाया था गोदाम
ड्रग विभाग की जांच में सामने आया है कि शुभम ने अपनी फर्म शैली ट्रेडर्स के नाम पर हिमाचल की फर्म से सिरप मंगाने के बाद उसे गाजियाबाद के गोदाम में रखता था। फर्जी फर्मों के कागज तैयार कर उसे आगरा, लखनऊ और वाराणसी तक सप्लाई करता था। वाराणसी से कोडीन सिरप की बड़ी खेप सोनभद्र के रास्ते झारखंड और पश्चिम बंगाल जाती थी। इसके बाद बांग्लादेश और नेपाल तक जाती थी।

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