वाराणसी: बाबा लाटभैरव की निकली शाही बरात, रास्ते भर लगी रही भक्तों की कतार, विधि-विधान से विवाहोत्सव संपन्न
काशी के न्यायाधीश अनादिकालेश्वर बाबा लाट भैरव के विवाहोत्सव का आयोजन सोमवार को किया गया। कोविड प्रोटोकॉल के कारण हर साल 12 घंटे में गंतव्य तक पहुंचने वाली बरात तीन घंटे में ही मंदिर प्रांगण पहुंच गई।

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रथ पर सवार बाबा के रजत स्वरूप का दर्शन करने के लिए रास्ते भर भक्तों की कतार लगी रही। कोविड प्रोटोकॉल के कारण हर साल 12 घंटे में गंतव्य तक पहुंचने वाली बरात तीन घंटे में ही मंदिर प्रांगण पहुंच गई। सोमवार को काशी के न्यायाधीश अनादिकालेश्वर बाबा लाट भैरव के विवाहोत्सव का आयोजन किया गया।
लाट भैरव प्रबंधक समिति की ओर से दोपहर दो बजे हरतीरथ स्थित इन्ना माई की गली से आचार्य पं. रविंद्र त्रिपाठी के आचार्यत्व में मुख्य यजमान धर्मार्थ कार्य राज्यमंत्री डॉ. नीलकंठ तिवारी ने बाबा के रजत मुखौटे का षोड्षोपचार पूजन-अर्चन कर बारात शोभायात्रा का शुभारंभ किया। इसके बाद बाबा के रजत मुखौटे को भव्य रथ पर विराजमान कराया गया।
रथ पर सवार बाबा अपने अद्भुत रूप में सुशोभित हो रहे थे। बाबा के विशाल मुखौटे के दमकते नेत्रों की आभा देखते ही बन रहीं थीं। शोभायात्रा की राह में भक्तों का उत्साह देखने लायक था। हर ओर से लाट भैरव बाबा की जय, हर-हर बम-बम के गगनभेदी उद्घोष हो रहे थे।
पुष्पवर्षा कर बारात का अभिनंदन

कोविड नियमों को ध्यान में रखते हुए भक्तों को रथ पर चढ़कर बाबा की आरती व पूजन करने की अनुमति नहीं थी। रास्ते भर भक्तों ने अपने-अपने घरों, दरवाजों, चबूतरों से बाबा की आरती उतारी। छतों व बरामदों से महिलाएं पुष्पवर्षा कर बारात का अभिनंदन कर रही थीं। श्री लाट भैरव डमरू दल का 51 सदस्यीय समूह दीपक के नेतृत्व में डमरू नाद करते हुए बारात के साथ चल रहा था।
शिवम अग्रहरि ने बताया कि इस वर्ष हम सभी ने बाबा की आरती कर कोरोना महामारी का जड़ मूल से विनाश करने की कामना की। बरात अपने निर्धारित मार्ग विशेश्वरगंज, भैरवनाथ चौराहा, भैरवनाथ मंदिर, जतनबर, कतुआपुरा, अंबियामंडी, बलुआबीर, हनुमानफाटक, तेलियाना से होते हुए नउआपोखर स्थित लाट भैरव बाजार में जनवासे के लिए रुकते हुए जलालीपुरा मार्ग से कज्जाकपुरा स्थित मंदिर प्रांगण पहुंची। मंदिर परिसर सहित बरात के मार्गभर में सुरक्षा की दृष्टि से बड़ी संख्या में पुलिस व पीएसी के जवानों तैनात रहे।