सतर्कता: टेलीमानस पर 10 महीने में 51000 कॉल... मानसिक तनाव की 60%; युवाओं में ज्यादा चिंता
Varanasi News: वाराणसी समेत पूर्वांचल में अवसाद के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे में टेलीमानस हेल्पलाइन पर कॉल कर लोग परामर्श ले रहे हैं।
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मानसिक तनाव के शिकार अब हर उम्र के लोग हो रहे हैं। 18 से 30 साल के लोग ज्यादा जूझ रहे हैं। इनमें पढ़ाई करने वाले छात्र, नौकरी करने वाले और कॅरिअर को लेकर चिंतित युवा ज्यादा हैं। इसकी जानकारी टेलीमानस हेल्पलाइन पर आए कॉल से मिली है। वाराणसी समेत पूर्वांचल में अवसाद के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।
वाराणसी सेंटर से 25 जिलों के लोगों को अवसाद में आने के बाद परामर्श दिया जा रहा है। हर महीने औसतन 5,100 फोन कॉल आ रहे हैं, जिनकी काउंसिलिंग कर उन्हें अवसाद से बचाया जा रहा है। जनवरी से अब तक 1.46 लाख से अधिक लोग टेलीमानस से मदद मांग चुके हैं। अक्तूबर तक 51,143 कॉल आई हैं। अधिकतर लोग उदासी, निराशा, थकान और हिंसक स्वभाव के कारण फोन कर रहे हैं।
चिंता, पैनिक अटैक और फोबिया के मामले तेज़ी से बढ़ रहे हैं। इनकी संख्या 22,000 से अधिक है। 21-30 वर्ष के युवा कॅरिअर, नौकरी के टारगेट, आर्थिक दबाव और रिश्तों में तनाव के शिकार हैं। इन्होंने अवसाद, उदासी और निराशा की शिकायत की है।
इनके कॉल लगभग 50% हैं। इस उम्र के किशोर अधिकतर पढ़ाई और दोस्ती को लेकर चिंतित हैं। इन्हें बोर्ड परीक्षा, पढ़ाई का दबाव, सोशल मीडिया से जुड़े रिश्तों के टूटने का डर और स्कूल की प्रतिस्पर्धा को लेकर तनाव है। इनकी कॉल 13% हैं।
24 घंटे होती है काउंसिलिंग
टेलीमानस के पीएसडब्ल्यू पंकज यादव बताते हैं कि हेल्पलाइन पर 24 घंटे काउंसिलिंग की जा रही है। कोविड के बाद इस प्रकार के मरीज़ों के इलाज के लिए फरवरी 2023 में जिले में इसे स्थापित किया गया था। यूपी में वाराणसी, गोरखपुर, बरेली और आगरा में टेलीमानस के चार सेंटर बनाए गए हैं। इसकी मॉनिटरिंग लखनऊ केजीएमयू से होती है। वाराणसी सेंटर में कुल 11 काउंसलर शिफ्टवार काम कर रहे हैं। लखनऊ से हर अंतराल पर यहां की रिपोर्ट मंगाई जाती है।