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BJP preparing for Bihar Assembly elections, may bet on these big names | Bihar Elections 2025
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बिहार विधानसभा चुनाव के लिए BJP की तैयारी, इन दिग्गजों पर खेल सकती है दांव | Bihar Elections 2025
Video Published by: ज्योति चौरसिया Updated Wed, 01 Oct 2025 12:53 PM IST
भाजपा बिहार विधानसभा चुनाव में दिग्गजों पर दांव लगाने की तैयारी कर रही है। पार्टी अपने कुछ बड़े केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों को भी चुनाव मैदान में उतार सकती है जिससे राजद-कांग्रेस के महागठबंधन को आसानी से मात दी जा सके। इसके पहले मध्य प्रदेश में भी भाजपा ने इसी फॉर्मूले को अपनाया था और पार्टी चुनाव में बड़ी जीत हासिल करने में कामयाब रही थी। अब यही फॉर्मूला बिहार विधानसभा चुनाव में भी अपनाने की तैयारी है।
पार्टी सूत्रों के अनुसार, जिन केंद्रीय मंत्रियों को विधानसभा चुनाव में उतारा जा सकता है, उसमें केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय का नाम सबसे ऊपर है। पिछड़े यादव समाज से आने वाले नित्यानंद राय ने पिछले लोकसभा चुनाव में उजियारपुर लोकसभा चुनाव से बड़ी जीत हासिल की थी। उन्हें भाजपा की ओर से बिहार के मुख्यमंत्री पद के दावेदार नेता के तौर पर भी देखा जाता रहा है। पार्टी नेतृत्व ने उन्हें लगातार राज्य में प्रोजेक्ट करने का प्रयास किया था। माना जा रहा है कि उन्हें आगे बढ़ाकर भाजपा पिछड़े समाज के बीच अपनी दावेदारी और मजबूत करने का संदेश दे सकती है।
इसी तरह, बेगूसराय से लोकसभा चुनाव जीते भूमिहार नेता गिरिराज सिंह राज्य के तेज तर्रार 'हिंदू फायर ब्रांड नेता' के तौर पर देखे जाते हैं और पार्टी की तरफ से विपक्षी दलों पर आक्रामक बैटिंग के लिए जाने जाते हैं। उनके चुनावी मैदान में उतरने से पार्टी को लाभ हो सकता है। विशेषकर भूमिहार समाज जो भाजपा के मजबूत वोट बैंक की तरह से देखा जाता रहा है, गिरिराज सिंह के उतरने से वह और मजबूती के साथ भाजपा और एनडीए के साथ लामबंद हो सकता है। इस चुनाव में भाजपा जिस तरह हिंदुत्व की राजनीति कर रही है, गिरिराज सिंह जैसे नेता उसकी इस रणनीति में पूरी तरह फिट बैठते हैं।
सारण से भाजपा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूडी को भी बिहार विधानसभा चुनाव में उतारने की चर्चा है। राजपूत समाज से आने वाले राजीव प्रताप रूडी पूरे बिहार में इस समय भाजपा के सबसे मजबूत नेताओं में से एक माने जाते हैं। पूर्व सांसद और केंद्रीय मंत्री आरके सिंह की संभावित बगावत के बाद राजपूत वोटों के नुकसान को साधने के लिए भाजपा रूडी को चुनाव मैदान में उतारकर बड़ा दांव खेल सकती है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री शाहनवाज हुसैन को भी भाजपा बिहार विधानसभा चुनाव में उतार सकती है। मुस्लिम समुदाय से आने वाले शाहनवाज हुसैन के चुनाव में उतरने से भाजपा को कुछ अल्पसंख्यक वोटों का लाभ हो सकता है। वे बिहार सरकार में महत्त्वपूर्ण मंत्रालय भी संभाल चुके हैं। ऐसे में एनडीए गठबंधन के चुनाव में जीत हासिल करने पर उन्हें राज्य में महत्त्वपूर्ण जिम्मेदारी मिल सकती है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के किसी करीबी को बिहार विधानसभा चुनाव में उतारे जाने की संभावना है। बिहार में ब्राह्मण समुदाय के एक बड़े चेहरे के तौर पर देखे जाने वाले अश्विनी चौबे के परिवार से किसी व्यक्ति के चुनाव मैदान में उतरने से पार्टी ब्राह्मणों को एक मजबूत संदेश देने की कोशिश कर सकती है। इसी तरह राज्यसभा सांसद सतीश चंद्र दुबे को लेकर भी चर्चा तेज है कि उन्हें ब्राह्मण वोटरों को लामबंद करने के लिए चुनाव में उतारा जा सकता है।
लालू परिवार से बगावत कर भाजपा में आए रामकृपाल यादव को भी भाजपा चुनाव में उतार सकती है। यादव समाज के एक मजबूत नेता के तौर पर वे पूरे राज्य में बिहार मतदाताओं को एनडीए के पक्ष में लाने की कोशिश कर सकते हैं। औरंगाबाद से लोकसभा चुनाव में हारे सुशील कुमार सिंह को भी चुनाव में उतारने की तैयारी है। इसी तरह ओम प्रकाश यादव, भीम सिंह को भी चुनाव में उतारकर पिछड़ों के बीच पार्टी अपनी पैठ को और ज्यादा मजबूत करने की कोशिश कर सकती है। सहयोगी दल लोजपा (रामविलास) से स्वयं चिराग पासवान भी बिहार विधानसभा चुनाव में उतर सकते हैं। स्वयं उन्हीं की ओर से इस तरह के संकेत दिए गए थे।
भाजपा प्रवक्ता गुरु प्रकाश पासवान ने अमर उजाला से कहा कि अभी इस तरह की कोई चर्चा नहीं है कि पार्टी किसे चुनाव में उतारेगी और किसे नहीं। लेकिन उनके पास केंद्रीय स्तर से लेकर प्रदेश स्तर तक अनेक ऐसे नेता हैं जो जनता के बीच लोकप्रिय हैं और केंद्रीय नेतृत्व के कार्यों और अपने नेताओं के बल पर वे जीत हासिल करेंगे। भाजपा नेता ने कहा कि जनता ने बिहार में अव्यवस्था का जो दौर देखा था, उसके बाद पहली बार उसे हर क्षेत्र में विकास और रोजगार दिखाई दे रहा है। उन्होंने कहा कि भाजपा-जदयू अपने सहयोगियों के साथ इस चुनाव में बड़ी जीत हासिल करेंगे और एक बार फिर बिहार में सुशासन की सरकार देंगे।
राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने अमर उजाला से कहा कि भाजपा केंद्रीय अपने केंद्रीय नेताओं को चुनाव में उतारने की तैयारी कर रही है। इससे यह साफ हो जाता है कि भाजपा के पास बिहार में प्रदेश स्तर का कोई नेता नहीं है, यही कारण है कि वे केंद्रीय नेताओं को चुनाव में उतारकर अपनी हार टालने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन इस चुनाव में भाजपा-जदयू की हार तय है। उन्होंने कहा कि जनता ने सत्ता में बदलाव के लिए मन बना लिया है, ऐसे में चेहरों को बदलने से एनडीए को कोई लाभ नहीं मिलने वाला है।
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