Hindi News
›
Video
›
Chhattisgarh
›
Balod News
›
There is concern about saving crops before the rains in Balod villages and farms become islands in rain
{"_id":"6835986dfbf74948f70c2397","slug":"video-there-is-concern-about-saving-crops-before-the-rains-in-balod-villages-and-farms-become-islands-in-rain-2025-05-27","type":"video","status":"publish","title_hn":"बालोद में बारिश से पहले फसलों को बचाने की चिंता, बारिश में गांव और खेत बन जाता है टापू","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
बालोद में बारिश से पहले फसलों को बचाने की चिंता, बारिश में गांव और खेत बन जाता है टापू
बालोद ब्यूरो
Updated Tue, 27 May 2025 04:18 PM IST
Link Copied
बालोद जिले के गुरूर ब्लॉक के आधा दर्जन गांव के खेत और खलिहान बारिश में टापू में तब्दील हो जाते हैं, और किसानों को फसल बचाने की चिंता अभी से सताने लगी है दरअसल जब सड़क का निर्माण हुआ तो सड़क किनारे बनी नालियां सकरी होती चली गई और अब यह नालियां इतनी सकरी हो गई है की बारिश के तेज बहाव में नाली के सुरक्षा दीवार टूटने लगते हैं और यहां का पानी आधा दर्जन गांवों के खेतों को प्रभावित करता है ग्रामीणों ने बताया कि लगभग 500 एकड़ में तीन से चार बार बुवाई करनी पड़ती है हमने सुशासन त्यौहार में अपनी समस्याओं को रखा है वही बारिश के समय हम श्रमदान कर इसे बोरियों में रेत भरकर मजबूत करते हैं लेकिन यह काफी नहीं रहता।
दरअसल पूरा मामला गांव कोचरा और डूबचेरा और भूलन डबरी का है यहां पर बारिश के समय किसानों को स्वयं ही श्रमदान कर अपनी फसलों को बचाने के लिए बोरियों में रेत भरकर सुरक्षा दीवार बनानी पड़ती है ग्रामीण लगातार लोक निर्माण विभाग से संपर्क कर रहे हैं लेकिन अब तक किसी तरह का कोई ठोस परिणाम निकल कर सामने नहीं आया है जिसके कारण किसानों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है लगभग 500 एकड़ की फसल बर्बादी के कगार पर रहती है आने वाले कुछ ही दिनों में मानसून सक्रिय हो जाएगा ऐसे में किसानों के माथे पर अभी से फसल बचाने की चिंता देखी जा रही है।
सुशासन त्यौहार में रखी मांग
ग्रामीणों ने बताया कि सुशासन त्यौहार में उन्होंने अपनी मांगों को रखा है लेकिन अब तक विभागीय अधिकारियों ने किसी तरह किसानों से संपर्क नहीं किया है उन्होंने बताया कि पिछले साल हमने अपने स्वयं के खर्चे से तत्व का बंधन किया था लेकिन वह काफी नहीं है पक्के सेफ्टी दीवाल बनाने की आवश्यकता है सड़क बनते समय हम सब किसानों ने अपनी समस्याओं को प्रमुखता से रखा था लेकिन संबंधित अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया जिसके कारण अब हमें काफी समस्याएं उठानी पड़ रही है।
एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें
Next Article
Disclaimer
हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।