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गांव में डायरिया का प्रकोप: राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहे जाने वाले बैगा आदिवासी चपेट में, इसका जिम्मेदार कौन?
जिले के दूरस्थ वनांचल ग्राम साल्हेघोरी में जहां पर राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहे जाने वाले बैगा आदिवासी रहते हैं। वहां पर इन दिनों डायरिया फैला हुआ है। डायरिया की चपेट में पूरा गांव है। हर घर में एक दो सदस्य डायरिया से पीड़ित हैं। जबकि गांव के 20 से अधिक ग्रामीण जिला और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज करा रहा हैं। जबकि डायरिया की चपेट में आने से एक बैगा आदिवासी और एक आदिवासी व्यक्ति करके दो लोगों की मौत हो गई है। जिससे स्वास्थ्य व्यवस्था के साथ लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की पोल खुल गई है। जिले में जल जीवन मिशन के तहत शुद्ध पेय जल घर घर पहुचाने की योजना का बुरा हाल है,,घरों के सामने स्टेच्चर बना दिया गया है जबकि वो महज एक शो पीस बन कर रह गया है,,ऐसे में दूरस्थ वनांचल ग्रामो मे रहने वाले ग्रामीण ठोड़ी और बहने वाले पानी को पीने के लिए मजबूर है,,ऐसे में गौरेला के दूरस्थ गांव साल्हेघोरी ग्राम पंचायत के छिंदपानी इलाके में बुरी तरह उल्टी दस्त डायरिया बीमारी ने पैर पसार लिया है।।।आलाम यह है कि इस बैगा आदिवासी बाहुल्य इलाके में जहां पर कुल 43 घर है जिसमे से 42 घरों में राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहे जाने वाले बैगा आदिवासी रहते है जबकि एक परिवार यादव समाज का है,,और गांव की जनसंख्या 200 की है पर हर घर मे डायरिया के मरीज है कुछ अस्पताल से इलाज करा कर वापस आ गए है तो दो दर्जन से अधिक लोगो का जिला अस्पताल और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज जारी है। जबकि गांव में रहने वाले रज्जू बैगा उम्र 40 साल की इलाज के बाद घर पहुचा और दो दिन बाद उसकी मौत हो गई।।ग्रामीणों की माने तो स्थिति काफी भयावह है हर रोज उल्टी दस्त के मरीज निकल रहे है और गांव के हर घर मे एक या दो मरीज है। वहीं छिंदपानी गांव के पास स्थित गुम्माटोला गांव के रहने चार दोस्त भी छिंदपानी गांव के पास स्थित मंदिर गए हुए थे और वापसी में वे लोग भी छिंदपानी गांव में रुके और बिस्किट खाकर वहां पर गांव के ठोड़ी से पानी पी लिया घर पहुचते ही उन्हें भी उल्टी दस्त पकड़ लिया। जिससे उनका एक दोस्त राय सिंह गोंड़ उम्र 32 साल की मौत हो गई, जबकि उसके दो दोस्त वेद सिंह और रुद्र प्रसाद मांझी का इलाज अभी भी जिला अस्पताल में जारी है। हालांकि, गांव में जल जीवन मिशन के नल के साथ शौचालय भी देखने को नहीं मिला। हालांकि, प्रशासन की मानें तो गांव में स्वास्थ्य विभाग की टीम कैंम्प की हुई है और पेय जल ग्रामीण ठोड़ी से पी रहे है। जबकि हेंडपम्प लगा हुआ। स्वास्थ्य विभाग की टीम लगातार गांव में कैम्प लगाकर निगरानी बनाए हुए है। दूरस्थ बैगा बाहुल्य गांव में लगातार डायरिया के मरीजों के सामने आने का सिलसिला जारी है तो दूसरी ओर प्रशासन जरूर दावा कर रहा है कि स्थिति कन्ट्रोल में है। लेकिन इन सब के बीच दो व्यक्तियों की डायरिया से मौत प्रशासन के दावों और शुद्ध पेल जल की व्यवस्था ऐसे क्षेत्र में जहां राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र निवास करते है। पोल खोल कर रख दी है।
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