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रायगढ़ में किसानों पर संकट: न बारिश और न नहर से पानी, मरने की कगार पर है धान की फसल
रायगढ़। धान का कटोरा कहे जाने वाले छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के किसानों की धान की फसल बारिश नहीं होने और नहर से पानी नहीं मिल पाने की वजह से अब मरने की कगार पर पहुंच चुका है। गांव के गरीब किसान अपनी बेशकीमती धान की फसल को बचाने प्रशासनिक अधिकारियो के समक्ष गुहार भी लगा चुके हैं, लेकिन उनकी समस्या जस की तस बनी हुई है। वर्तमान हालत देख कर लगता है की इस बार भूमि पुत्रो को काफी ज्यादा नुकसान उठाना पड़ सकता है। यूँ तों बारिश का मौसम किसानों के लिए कई सौगात लेकर आता है, इस दरम्यान किसान अपना मनचाहा फसल अपने खेतों में पैदा कर उसे बाजार में बेच कर अच्छी खासी आमदनी प्राप्त कर अपने एवं अपने परिवार के सपने को पूरा करता है। लेकिन इस बार प्रकृति की नाराजगी कहें या फिर प्रकृति का कहर एक लम्बा अरसा बीत जाने के बावजूद बारिश नहीं होने के अलावा नहर किनारे लगे किसानों की धान की फसल खेत में मरने की कगार पर पहुंच चुके हैं। मिडमिडा गाँव के किसानों के द्वारा केलो परियोजना अधिकारी के नाम लिखे गए शिकायत में कृषि कार्य के लिए पानी दिए जाने की मांग करते हुए कहा गया की बारिश नहीं होने की वजह से गाँव के किसानों के समक्ष बहुत बड़ी समस्या उत्पन्न हो गई है। गाँव के किसानो ने कहा है की ठेंगापाली के अंतर्गत आने वाले आधा दर्जन से अधिक गाँव के किसानों को खेती के अलावा अन्य कार्य के लिए आज तलक केलो परियोजना नहर का पानी उपलब्ध नहीं हो पाया है। आलम यह है की भाठानपाली गाँव तक ही नहर का निर्माण हुआ है इसके बावजूद उनके गाँव के नहर में केलो डेम का पानी प्रयाप्त मात्रा में पहुंचता ही नहीं।
गाँव के किसान आनंद बारिक ने बताया की ठेंगापाली शाखा से 8 से 10 गाँव जुड़े हैं और यहां के नहर में कभी कभार ही पानी छोड़ा जाता है, वर्तमान में किसानों को पानी की बहुत जरुरत है लेकिन उन्हें पानी नहीं मिल पा रहा है, पानी छोड़ा भी जाता है तों ऊपर तरफ के गाँव वालों के द्वारा नहर को बांध कर अवरोध कर दिया जाता है जिससे उनके गाँव तक पानी नहीं पहुंच रहा। गाँव के युवा किसान श्रीकांत ने बताया की सिंचाई के लिए गाँव में 4 बोर है, जिसमे से एक ख़राब हो गया है और रोजाना सुबह 5 बजे से 11 बजे तक बिजली काट दी जा रही है। जिससे भी उनकी परेशानी बढ़ी है। केलो परियोजना का निर्माण 2007 में शुरू हुआ था, जिसमे 16 किलोमीटर मुख्य और लगभग 74 किलोमीटर शाखा नहरो का निर्माण होना था। लेकिन आज तक नहर निर्माण का काम पूरा नहीं हो सका है। इस परियोजना के तहत रायगढ़ जिले 167 गाँव के अलावा सक्ति जिले के भी 8 गाँव को मिलाकर कुल 175 गाँव में किसानों को खेती के लिए केलो डेम से पानी नहर के जरिये किसानों तक पहुँचाने के उद्देश्य से नहर का निर्माण कराया गया, लेकिन इसे दुर्भाग्य ही कहा जा सकता है की 15 साल से अधिक का समय बीत जाने के बावजूद यहां के अधिकांश किसानों को इस नहर का लाभ मिला ही नहीं है। केलो परियोजना सर्वेक्षण संभाग SDO रितु टंक से चर्चा करने पर उन्होंने बताया की 5 अगस्त से ही नहर में पानी छोड़ दिया गया है। उन्होंने बताया की उनके क्षेत्र के 4 गाँव में पानी नहीं पहुंच पाया है, केशला तक पानी पहुंचा भी था, लेकिन कुछ किसानों के अवरोध लगा देने के कारण पानी आगे नहीं पहुंचा था। अब अवरोध हटा दिया गया है एक दो दिन में मिडमिडा, झलमला, भाठनपाली नेतनागर तक पानी पहुंच जायेगा।
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