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गाजियाबाद में अनोखी पहल: कहां है जनसुविधा केंद्र, बताएगा परिहवन विभाग का चैटबॉट
परिवहन आयुक्त बीएन सिंह शुक्रवार को आरटीओ कार्यालय का निरीक्षण करने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने परिवहन विभाग में किए जा रहे तकनीकी बदलावों को लेकर अधिकारियों से वार्ता की। उन्होंने परिवहन विभाग में हो रहे तकनीकी बदलावों की जानकारी साझा करते हुए कहा कि आने वाले कुछ ही दिनों में चैटबॉट के जरिये यह भी पता चलेगा कि जनसुविधा केंद्र कहां पर है। परिवहन आयुक्त ने कहा कि व्हाटसएप चैटबॉट नंबर 8005441222 पर विभाग से जुड़ी किसी भी सेवा के बारे में जानकारी हासिल की जा सकती है। अब सारथी व वाहन पोर्टल के डाटा को एकीकृत किया जा रहा है। ऐसा होने से लोगों को और बेहतर तरीके से सुविधाएं मिल सकेंगी। ऐसा प्रयास किया जा रहा है कि विभाग की फेसलेस हो चुकीं सभी सेवाओं के अलावा अन्य आवेदन की ज्यादातर प्रक्रियाएं वह खुद से पूरा करे। ऐसा करने में वह सक्षम नहीं है और यदि वह जन सुविधा केंद्र पर जाता है तो वह सेवा शुल्क केवल 30 रुपये ही वसूले। इससे ज्यादा वसूलने पर कार्रवाई होगी। इसलिए जनसुविधा केंद्रों का डाटा भी व्हाटसएप चैटबॉट के जरिये ही प्राप्त किया जा सकता है। निरीक्षण के बाद परिवहन आयुक्त ने पत्रकार वार्ता में बताया कि शासन स्तर पर मसौदा तैयार किया गया है कि जिस वाहन का भुगतान सरकारी खाते से हो रहा है, उस वाहन का पंजीकरण अधिकारी व्यवसायिक में ही कराएंगे। विभाग के सभी अधिकारियों को इसके लिए दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं। बीएन सिंह सुबह साढ़े 11 बजे ही आरटीओ कार्यालय पहुंचे। यहां उन्होंने सभी कार्यालयों, दस्तावेज के रखरखाव आदि की जानकारी ली। जो लोग अपने अपने काम लेकर आए थे, उनसे बात की। हालांकि, अन्य दिनों की अपेक्षा आरटीओ कार्यालय में भीड़ कम थी। रोजाना की तरह कार्यालय के बाहर कोई भी व्यक्ति नहीं दिखा। इसके बाद परिवहन आयुक्त ने आरटीओ प्रशासन प्रमोद कुमार सिंह, एआरटीओ मनोज कुमार सिंह, मनोज कुमार मिश्रा, अमित रंजन राय, आरआई विपिन कुमार आदि अधिकारियों के साथ बैठक की। इसमें राजस्व वसूली का 14 हजार करोड़ का लक्ष्य तय किया गया। आगामी समय में इसको बढ़ाने पर भी विचार किया जा रहा है। उन्होंने प्रवर्तन के अधिकरियों से कहा कि ई-रिक्शा ऑटोे के खिलाफ लगातार अभियान चलाएं। सड़क हादसों की स्थिति जानकारी लेते हुए उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री इसको लेकर गंभीर है। इसलिए हादसों की रोकथाम के लिए हरसंभव प्रयास किए जाएं। किस रूट पर कितने ईरिक्शा, ऑटो व अन्य वाहन चलने हैं, इसके लिए पुलिस के अधिकारियों से पत्राचार किया जाए। स्कूली वाहनों के मानक पूरा कराने, डंपिंग ग्राउंड की प्रक्रिया तेज करने आदि बिंदुओं पर भी उन्होंने जरूरी दिशा निर्देश दिए।
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