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नूंह: आर्य समाज मंदिर में वेद उपदेश, संगीता आर्या ने पंच क्लेश और वेद जीवन का महत्व समझाया
राहुल तिवारी
Updated Mon, 27 Oct 2025 06:48 PM IST
नूंह के आर्य समाज मंदिर में चल रहे पंच दिवसीय वेद सप्ताह के दूसरे दिन की शुरुआत यज्ञ से की गई, जिसमें मंत्र पाठ आचार्य राजेश एवं सत्यप्रकाश शास्त्री ने किया। वेद उपदेशिका संगीता आर्या ने अविद्या, अस्मिता, राग, द्वेष, अभिनिवेश तथा पंच क्लेश के बारे में बताया कि अविद्या से ही हम अपने वास्तविक स्वरूप को नहीं जान सकते। मुक्ति के लिए वेद पढ़ना अनिवार्य। उन्होंने कहा वेद सबसे प्राचीन है और हमारी संस्कृति का आधार है, हमें वेद जीवन जीना सिखाता है। हमारे ऋषि मुनियों ने हमें वेद शास्त्र, उपनिषद, रामायण, महाभारत आदि ग्रंथ देकर हमारे ऊपर बहुत बड़ा उपकार किया है। उपदेशिका ने कहा कि हमें पांच महायज्ञ नित्य प्रतिदिन करने चाहिए, जिसमें ब्रह्म यज्ञ जो हमें ईश्वर से जोड़ता है और हमारे जीवन में सारी बुराइयों को दूर करता है। देवताओं को उन्नत करने के लिए हमें प्रतिदिन हवन और संध्या करनी चाहिए। इस अवसर पर आर्य समाज के प्रधान ज्ञानचंद आर्य ने कहा कि यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान, समाधि के द्वारा हम ईश्वर को प्राप्त कर सकते हैं।
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