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Moradabad: वर्जिनिटी सर्टिफिकेट विवाद में जांच... मदरसे में विदेशी फंडिंग का शक!
Video Published by: पंखुड़ी श्रीवास्तव Updated Mon, 27 Oct 2025 01:07 PM IST
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मुरादाबाद के पाकबड़ा थाना क्षेत्र स्थित लोधीपुर राजपूत गांव के मदरसा जामिया एहसान-उल-बनात में 13 वर्षीय छात्रा से वर्जिनिटी सर्टिफिकेट (कौमार्य प्रमाणपत्र) मांगने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। अब इस मदरसे में विदेशी फंडिंग के शक पर भी जांच शुरू हो गई है। पुलिस को छानबीन के दौरान कुछ संदिग्ध दस्तावेज मिले हैं, जिनके आधार पर कई विभागों को रिपोर्ट भेजी गई है। पुलिस ने शिक्षा विभाग, अल्पसंख्यक विभाग, जिला प्रशासन और बाल कल्याण समिति से मदरसे की गतिविधियों की स्वतंत्र जांच कराने की सिफारिश की है।
पुलिस जांच में यह भी सामने आया है कि मदरसे के एक ही परिसर में मदरसा बोर्ड और यूपी बोर्ड से मान्यता प्राप्त एक से बारहवीं तक की कक्षाएं चलाई जा रही हैं। छात्राओं के हॉस्टल और क्लासरूम में कई खामियां मिली हैं। इसके अलावा कुछ ऐसे दस्तावेज भी बरामद हुए हैं, जिनसे विदेशी फंडिंग का संदेह गहराया है। मदरसे के बैंक खातों, फंडिंग स्रोतों और मान्यता संबंधी सभी रिकॉर्ड की जांच अब संबंधित विभागों द्वारा की जाएगी।
इस बीच, पुलिस ने एडमिशन सेल प्रभारी मो. शाहजहां को गिरफ्तार कर शनिवार को कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया। वह बिहार के पूर्णिया जिले का निवासी है। वहीं, मदरसे की प्रधानाचार्य रहनुमा और अन्य स्टाफ सदस्य अभी फरार हैं। पुलिस उनकी तलाश में दबिश दे रही है।
यह मामला तब सामने आया जब चंडीगढ़ के मनीमाजरा निवासी एक व्यक्ति ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। उसने आरोप लगाया कि उसकी 13 वर्षीय बेटी से आठवीं कक्षा में प्रवेश से पहले कौमार्य प्रमाणपत्र मांगा गया। छात्रा द्वारा लिखे गए टीसी फार्म में भी यह बात दर्ज मिली, जिसमें उसने अपमान और अनुचित व्यवहार का जिक्र किया है। पुलिस ने इस फार्म को केस का अहम साक्ष्य माना है।
शनिवार को एसडीएम सदर डॉ. राममोहन मीना के नेतृत्व में एक संयुक्त जांच टीम ने मदरसे का निरीक्षण किया। टीम में जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी दिलीप कुमार और जिला विद्यालय निरीक्षक देवेंद्र कुमार पांडेय शामिल थे। अधिकारियों ने मदरसे के दस्तावेजों की जांच की, स्टाफ से पूछताछ की और मान्यता से जुड़े कागजातों की पड़ताल की।
एसपी सिटी कुमार रणविजय सिंह ने बताया कि मामला बेहद गंभीर है और गहनता से जांच जारी है। विभिन्न विभागों से सहयोग मांगा गया है। वहीं, डीएम अनुज सिंह ने जांच टीम से सोमवार तक विस्तृत रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए हैं। प्रशासनिक सूत्रों के मुताबिक, मदरसे से जुड़े दस्तावेज शासन को भेजे गए हैं, और यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि विदेशी फंडिंग किस देश से और किन माध्यमों से हुई।
जांच टीम सोमवार को दोबारा मदरसे का दौरा करेगी। पुलिस और प्रशासन दोनों का मानना है कि यह मामला सिर्फ छात्रा के अपमान तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके पीछे वित्तीय और संस्थागत अनियमितताओं की भी गहराई से जांच जरूरी है।
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